
Nail Psoriasis in Hindi: सोरायसिस ऑटोइम्यून स्किन की बीमारी है। ऑटोइम्यून बीमारी में इम्युनिटी सिस्टम हेल्दी सेल्स पर ही अटैक करने लगते हैं। सोरायसिस में इम्युनिटी सिस्टम हेल्दी स्किन के सेल्स पर अटैक करने लगते हैं। इसलिए सोरायसिस में मरीज की स्किन सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, लेकिन यह भी ध्यान रखना होता है कि यह बीमारी सिर्फ स्किन पर ही नहीं, बल्कि नाखूनों पर भी असर डाल सकती है। अक्सर लोगों को लगता है कि सोरायसिस की समस्या सिर्फ स्किन पर ही होती है, लेकिन यह बीमारी मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। इसमें सिर से लेकर नाखून सब शामिल होते हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नाखून भी स्किन का हिस्सा होते हैं, इसलिए सोरायसिस की बीमारी नाखूनों को पर भी असर डालती है। हमने नाखूनों के सोरायसिस को मैनेज करने के लिए नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एम वाली (Prof.(Dr.) M. Wali, Senior Consultant, Department of Medicine, Sir Ganga Ram Hospital, New Delhi) से बात की।
नाखूनों में सोरायसिस के लक्षण
डॉ. एम वाली कहते हैं, “नाखूनों में सोरायसिस नेल बैड और नेल मैट्रिक्स तक फैल सकता है। कई बार लोग सोरायसिस को फंगल इंफेक्शन मान लेते हैं, इसलिए सोरायसिस का इलाज लेट हो जाता है। इसलिए इसके लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है।”
- नाखूनों पर छोटे-छोटे गड्ढे बन जाना
- नाखून का मोटा होना
- नाखून का रंग पीला या भूरा पड़ना
- नाखून के नीचे परत जम जाना
- नाखून का टूटना
- दर्द या सूजन महसूस होना

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सोरायसिस का इलाज कैसे करें?
डॉ. एम वाली कहते हैं, “मैं सभी को कहना चाहूंगा कि नाखूनों में सोरायसिस होने पर इसका इलाज लंबा चल सकता है। इसलिए मरीज को थोड़ा धीरज रखने की जरूरत है। सोरायसिस का इलाज दो तरीके से होता है। पहला तो टॉपिकल जिसमें सोरायसिस की जगह पर ही इलाज होता है और दूसरा सिस्टमेटिक जिसमें इलाज का असर पूरे शरीर पर पड़ता है।”
टॉपिकल इलाज
टॉपिकल इलाज में दवाइयां नाखून और उसके आसपास की स्किन पर सीधे लगाई जाती है। इसमें लोशन और क्रीम शामिल होते हैं, जिससे नाखूनों की सूजन कम होती है और नाखूनों की मोटाई घटाने में मदद मिलती है। क्रीम या लोशन लगाने से नाखून के सेल्स कंट्रोल में रहते हैं और नेल्स का टेक्सचर अच्छा होता है। ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टर कभी-कभी नाखून के पास इंजेक्शन भी देते हैं, ताकि नाखूनों की सूजन और दर्द को कम किया जा सके।
सिस्टमेटिक इलाज
इस इलाज में दवाइयों के जरिए इम्यून सिस्टम को तेजी से कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। दवाइयां शरीर के खास प्रोटीन को टारगेट करके सूजन और सेल की ग्रोथ को कम करती है। वैसे आजकल फोटोथेरेपी और एक्सीमर लेजर के जरिए भी नाखूनों के सोरायसिस को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है।
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नाखूनों में सोरायसिस होने पर मरीज कैसे रखें ध्यान?
डॉ. एम वाली कहते हैं कि सोरायसिस के मरीजों को सिर्फ दवाइयों से ही नहीं, बल्कि घर पर भी देखभाल करनी चाहिए।
- नाखूनों को हमेशा साफ और सूखा रखें।
- नाखूनों को हल्का ट्रिम करें।
- नाखूनों को काटते समय चोट लगने से बचाएं।
- मॉइस्चराइजर से नाखूनों को रोजाना मसाज करें।
- स्ट्रेस को मैनेज करें क्योंकि स्ट्रेस से सोरायसिस ट्रिगर हो सकता है।
- महिलाएं नेल पॉलिश रिमूवर जैसी चीजें इस्तेमाल न करें।
- नाखूनों को बहुत ज्यादा पानी या साबुन न लगाएं।
निष्कर्ष
डॉ. एम वाली कहते हैं कि सोरायसिस की बीमारी एकदम से नहीं बढ़ती, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह नाखूनों को डैमेज कर सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि सोरायसिस का इलाज थोड़ा लंबा हो सकता है, लेकिन रेगुलर चेकअप और दवाइयों से सोरायसिस को मैनेज करना आसान है।
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Nov 04, 2025 16:23 IST
Modified By : Aneesh RawatNov 04, 2025 16:23 IST
Published By : Aneesh Rawat