
स्ट्रेस आपकी सेहत को गहराई से प्रभावित कर सकता है। स्ट्रेस की वजह से आपकी स्किन प्रभावित हो सकती है, आपको सिर दर्द हो सकता है, डाइजेशन खराब हो सकता है और यहां तक कि इसकी वजह से आपके बाल भी झड़ सकते हैं। इसके अलावा भी सेहत पर तनाव का गहराई से असर नजर आ सकता है जैसे कि क्या तनाव मल का रंग बदल सकता है, क्या इसका आपके बॉवेल मूवमेंट पर असर पड़ता है और तनाव मल कैसा दिखता है (What do stress stools look like)? इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमने Dr. Brunda M S, Sr. Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से बात की। साथ ही जाना कि अगर ऐसी स्थिति आए तो आपको क्या करना चाहिए?
क्या तनाव मल का रंग बदल सकता है-Can stress change stool Colour?
Dr. Brunda M S बताते हैं कि हां, तनाव कभी-कभी आपके मल का रंग बदल सकता है। जब आप तनावग्रस्त या चिंतित (Can anxiety change stool color) होते हैं, तो आपका शरीर ऐसे हार्मोन छोड़ता है जो पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। इससे भोजन आपकी आंतों में तेजी से या धीरे-धीरे गति कर सकता है। परिणामस्वरूप, मल हल्का, गहरा या यहां तक कि हरा भी दिखाई दे सकता है।
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तनाव मल के रंग को कैसे प्रभावित करता है-How stress change stool Colour
डॉक्टर बताते हैं कि तनाव मल पाचन प्रक्रिया को तेज कर सकता है, जिससे दस्त या मल बहुत जल्दी निकल सकता है लेकिन कई बार ये डाइजेशन को कुछ इस तरह से प्रभावित करता है कि ये कब्ज का रूप ले लेता है। जब भोजन शरीर में बहुत तेजी से जाता है, तो यह सही से पाचन नहीं होने देता, जिससे शरीर में बिना पचा फैट पैदा होता है। तेज पाचन और कम फैट अवशोषण के इस संयोजन के परिणामस्वरूप वसायुक्त, पीला या हरा मल भी हो सकता है। इसके अलावा तनाव IBS को ट्रिगर कर सकता है और यह स्थिति कई तरह की पाचन समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें मल के रंग और गाढ़ेपन में बदलाव आ सकता है।

तनाव मल कैसा दिखता है-What do stress stools look like
Dr. Brunda बताते हैं कि तनाव से पेट दर्द, दस्त या कब्ज भी हो सकता है, जिससे मल का रंग और भी बदल सकता है और मल हल्का गहरा और काला नजर आ सकता है । हालांकि, अगर आपको बहुत गहरा, काला या खून वाला मल दिखाई देता है तो यह सिर्फ तनाव का ही नहीं, बल्कि किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है।
इसे लेकर डॉक्टर से कब बात करनी चाहिए?
इस सवाल पर डॉक्टर बताते हैं कि अगर मल का रंग कई दिनों तक बदलता रहता है या दर्द या थकान जैसे अन्य लक्षणों से जुड़ा है, तो डॉक्टर से बात करना हमेशा अच्छा होता है। हालांकि कभी-कभार रंग में बदलाव होना सामान्य है, लेकिन अगर आपको ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खासकर कि मल का रंग लगातार काला, तारकोल जैसा या लाल होना। इसके अलावा दस्त या कब्ज जो 2-3 दिनों से ज्यादा समय तक रहे तो इस बारे में भी आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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ध्यान दें कि मल में बदलाव के साथ कोई और लक्षण भी दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा करना आपको कई समस्याओं से बचा सकता है क्योंकि मल के रंग में बदलाव नजरअंदाज करने वाली स्थिति नहीं है बल्कि ये आपकी प्रभावित डाइजेशन का संकेत है।
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FAQ
चिकनी लैट्रिन आने के क्या कारण हैं?
अगर आपका शरीर सही से फैट नहीं पचा पा रहा है तो आपको चिकनी लैट्रिन हो सकती है। इसके अलावा पेंनक्रियाज की समस्या या फिर सीलिएक रोग, क्रोहन रोग वाले लोगों में ये दिक्कत देखी जाती है।आंतों में मल चिपकने के क्या कारण हैं?
जब आपका मल कठोर हो जाता है और ये कब्ज के रूप में लंबे समय तक रहता है तो ये आंतों में भी चिपक सकता है। इसके अलावा ये खराब डाइजेशन का भी संकेत है।लिवर खराब होने में मल किस रंग का होता है?
अगर आपका लिवर खराब हो जाए तो पित्त की दिक्कत बढ़ जाती है जिससे मिट्टी के रंग का मल आता है। इसके अलावा आपको हल्के रंग का भी मल हो सकता है।
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Nov 04, 2025 16:21 IST
Published By : Pallavi Kumari