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खर्राटों से अन‍िद्रा ही नहीं बल्‍क‍ि बढ़ सकता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, रहें एलर्ट

खर्राटों को मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह स्लीप एपनिया, हाई बीपी, डायबिटीज और दिल की बीमारियों का संकेत हो सकता है। 
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खर्राटों से अन‍िद्रा ही नहीं बल्‍क‍ि बढ़ सकता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, रहें एलर्ट

अक्सर हम खर्राटों (Snoring) को एक छोटी-सी परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इसका असर केवल नींद खराब होने तक सीमित नहीं होता। जब हम खर्राटों के बारे में बात कर रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि यह शरीर में छुपी गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। अगर कोई व्‍यक्‍त‍ि खर्राटे लेता है, तो इसकी संभावना है क‍ि वो क‍िसी बीमारी का श‍िकार है। इस लेख में जानेंगे खर्राटों के पीछे छुपी बीमार‍ियां ज‍िनसे आपको सावधान रहना चाह‍िए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Dr. Manusrut, Consultant ENT, Head & Neck Surgeon At Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।


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एकाग्रता और याददाश्त पर पड़ता है असर

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खर्राटे (Snoring) तब आते हैं जब सोते समय मुंह और नाक से हवा के जाने का रास्ता आंशिक रूप से रुक जाता है। इस रुकावट के कारण गले की मांसपेशियां कंपन करती हैं, जिससे खर्राटों की आवाज निकलती है। इसका असर सिर्फ आवाज तक सीमित नहीं रहता। बार-बार खर्राटे आने से व्यक्ति की नींद की गुणवत्ता खराब होती है, साथ ही साथ सोने वाले पार्टनर की नींद भी प्रभावित होती है। इससे दिनभर थकान, ध्यान की कमी और याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है।

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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया- Obstructive Sleep Apnea

सबसे गंभीर बात यह है कि तेज और लगातार खर्राटे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea) नाम की बीमारी का संकेत हो सकते हैं। इस बीमारी में नींद के दौरान बार-बार सांस रुकती और फिर चलती है।

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हाई बीपी, टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, द‍िल की बीमार‍ियां हो सकती हैं

खर्राटे से अगर आप ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का श‍िकार हो गए, तो हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और दिल की बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बार-बार ऑक्सीजन की कमी से दिल पर दबाव पड़ता है, शरीर में सूजन बढ़ती है और नेचुरल रिपेयर सिस्टम ब‍िगड़ जाता है।

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खर्राटों से कैसे न‍िपटें?- How To Deal With Snoring

खर्राटों को सिर्फ एक आम परेशानी समझकर नजरअंदाज करना इन गंभीर बीमारियों के इलाज में देरी कर सकता है। कुछ आसान बदलाव करें जैसे-

  • वजन को कंट्रोल में रखें।
  • सोने से पहले अल्‍कोहल का सेवन न करें और अल्‍कोहल से पूरी तरह से बचें।
  • करवट लेकर सोना खर्राटों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • अगर खर्राटे बहुत तेज हों, लंबे समय से आ रहे हों, नींद में घुटन या हांफने जैसी स्थिति बनती हो, या दिनभर बहुत ज्यादा नींद आती हो, तो डॉक्टर से जांच जरूरी है।
  • स्लीप स्पेशलिस्ट या ईएनटी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर जांच के बाद सीपीएपी मशीन (CPAP Machine), डेंटल डिवाइस या गंभीर मामलों में सर्जरी जैसी सलाह दे सकते हैं।

निष्कर्ष:

खर्राटे सिर्फ नींद से जुड़ी परेशानी नहीं हैं, बल्कि यह गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकते हैं। समय रहते ध्यान देना और सही इलाज करवाना आपकी सेहत को सुरक्षित रखने और जानलेवा बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है।

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  • Dec 04, 2025 13:08 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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