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क्या खर्राटे आपके दिमाग को प्रभावित करते हैं? जानें डॉक्टर से

Does Snoring Affect The Brain: रात को सोने के दौरान खर्राटे लेना एक आम समस्या हो सकती है, लेकिन कई बार ये परेशानी आपके दिमाग पर भी असर डालती है, आइए जानते हैं कैसे- 
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क्या खर्राटे आपके दिमाग को प्रभावित करते हैं? जानें डॉक्टर से


Does Snoring Affect Your Brain in Hindi: रात सो सोेने के दौरान खर्राटे की समस्या अक्सर आसपास के लोगों को परेशान करती हैं। कुछ लोग हल्के खर्राटे लेते हैं, जबकि कुछ लोगों के खर्राटे की आवाज इतनी तेज होती है कि आपके रातों की नींद ही उड़ जाएं। हालांकि खर्राटे की समस्या को अक्सर ज्यादातर लोग आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है, खर्राटे की समस्या आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी है। खर्राटे लेने से न सिर्फ आपके शरीर पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि ये आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। ऐसे में आइए चेन्नई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के ईएनटी/ओटोरहिनोलारिंजोलॉजिस्ट डॉ. नीरज जोशी से जानते हैं कि क्या सच में खर्राटे आपके दिमाग पर असर डालते हैं? (Can snoring affect your brain)

क्या खर्राटे दिमाग पर असर डालते हैं? - Does Snoring Affect The Brain in Hindi?

खर्राटे एक आम समस्या है, जो छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। यह अक्सर तक को प्रभावित करती है। यह अक्सर खराब नींद और सुबह के आलस से जुड़ी होती है। हालांकि, यह आदत दिखने में सामान्य हो सकती है, लेकिन इसका दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि दिमाग को स्वस्थ रहने के लिए निमयित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति की जरूरत होती है। ऐसे में रात को सोने के दौरान खर्राटे लेने से ऑक्सीजन लेवल में कमी आ सकती है और नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जो दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे काग्निटिव इम्पेयरमेंट, स्ट्रोक और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।

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खर्राटे और स्लीप एपनिया में क्या संबंध है? - What is The Connection Between Snoring And Sleep Apnea in Hindi?

स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सोते वक्त सांस लेना बंद हो जाता है और फिर शुरू होती है। यह खर्राटों से जुड़ा हुआ है, और अगर यह बार-बार होता है, तो यह ब्लड में ऑक्सीजन के स्तर को कम कर सकता है, जिससे नींद में कमी होती है, जो लंबे समय में दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) एक तरह का स्लीप एपनिया है, जो गले की मांसपेशियों के ढीला होने से होती है, जिससे वायुमार्ग बंद हो जाता है, और सांस लेना बंद हो जाता है। खर्राटों और OSA के सबसे खतरनाक प्रभाव नींद में कमी होती है, जो काग्निटिव कार्यों जैसे याददाश्त, सीखने और भावनात्मक कार्यों पर असर डाल सकते हैं।

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खर्राटे आने से क्या नुकसान हो सकते हैं? - What Are The Dangers Of Snoring in Hindi?

ब्लड में ऑक्सीजन का लगातार कम होना दिमाग की सूजन का कारण बन सकता है, जिससे याददाश्त कमजोर, सीखने में कमी और डिमेंशिया का जोखिम बढ़ सकता है। जो लोग गंभीर OSA से पीड़ित होते हैं, उनके दिमाग में संरचनात्मक बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा, खर्राटे लेने की आदत से सफेद पदार्थ को नुकसान पहुंच सकता है, जो ब्रेन सेल्स के बीच संपर्क को बनाए रखता है, जिससे काग्निटिव कार्यों में देरी और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

निष्कर्ष

खर्राटे को एक आम समस्या समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये आपके दिमाग के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। खर्राटो को रोकने के कई उपाय है, जिसकी मदद से आप अपने खर्राटों पर रोक लगा सकते हैं। खर्राटे पर कंट्रोल करके आप अपने दिमाग के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकते हैं।
Image Credit: Freepik

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