क्या खर्राटे हार्ट फेलियर का कारण बनते हैं? जानें इन दोनों में संबंध

लंबे समय तक खर्राटे लेने से टाइप 2 डायबिटीज, हृदय विफलता या हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम भी बढ़ता है।
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क्या खर्राटे हार्ट फेलियर का कारण बनते हैं? जानें इन दोनों में संबंध

खर्राटे एक आम समस्या है, जिससे अधिकतर लोग परेशान रहते हैं। ज्यादातर वयस्कों और बुजुर्गों में यह समस्या देखने को मिलती है। खर्राटे नींद में खलल डाल सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को सोते समय खर्राटे तब आते हैं, जब हवा नाक या मुंह से आसानी से प्रवाहित नहीं हो पाती है। वैसे तो खर्राटे आना चिंता का विषय नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में खर्राटे स्लीप एपनिया, स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसी कुछ समस्याओं के कारण भी हो सकता है। लंबे समय तक खर्राटे लेने से टाइप 2 डायबिटीज, हृदय विफलता या हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम भी बढ़ता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को खर्राटे आ रहे हैं, तो इस स्थिति को नजरअंदाज भी नहीं करना चाहिए। लेकिन क्या वाकई खर्राटे हार्ट फेलियर का कारण बनते हैं? 

हार्ट फेलियर क्या है?

हार्ट फेलियर या हृदय विफलता तब होती है, जब हृदय की मांसपेशियां रक्त को उस तरह से पंप नहीं कर पाती हैं, जिस तरीके से करना चाहिए। यानी इस स्थिति में हृदय अच्छी तरह से रक्त को पंप नहीं कर पाता है।  हार्ट फेलियर होने पर, रक्त वापस आ जाता है। ऐसे में फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है और फिर सांस लेने में तकलीफ होती है। इसलिए सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ होना, हार्ट फेलियर के लक्षण होते हैं। इस स्थिति में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। 

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heart attack

खर्राटे और हार्ट फेलियर में संबंध- Relationship Between Snoring and Heart Failure in Hindi

जब सांस लेने में रुकावट आती है, तो खर्राटे की समस्या होती है। रिसर्च के अनुसार खर्राटा आना, स्लीप एपनिया का एक लक्षण हो सकता है। स्लीप एपनिया में नींद के दौरान एक घंटे में कम से कम 20 से 30 बार सांस लेने में रुकावट महसूस हो सकती है। नींद की रुकावट के कारण, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर गिरता है। साथ ही, सांस में रुकावट की वजह से कोर्टिसोन और एड्रेनालाइन, दोनों तनाव हार्मोन का स्तर भी बढ़ता है। इसकी वजह से हार्ट फेलियर और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ता है। इतना ही नहीं, यह हार्ट अटैक के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

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हार्ट फेलियर से बचाव के टिप्स

  • हार्ट को हेल्दी रखने के लिए आपको अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। आप अपनी डाइट में फल और सब्जियों को शामिल करें।
  • हार्ट फेलियर से बचने के लिए नमक का सेवन भी सीमित करें।
  • हार्ट को हेल्दी रखने के लिए शुगर का सेवन कम करना चाहिए।
  • शराब और धूम्रपान भी हृदय से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। 
  • हार्ट को हेल्दी रखने के लिए नियमित रूप से सक्रिय रहें। साथ ही, अपना वजन भी नियंत्रित रखें।

अगर आपको भी लंबे समय से खर्राटे आ रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर मिलें। खर्राटे न सिर्फ स्लीप एपनिया, बल्कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को भी बढ़ाते हैं।

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