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पेट फूलने और एस‍िड‍िटी में क्‍या अंतर है? डॉक्‍टर से समझें

पेट फूलने पर पेट में गैस भरने से पेट भारी लगता है, जबकि एसिडिटी में सीने में जलन और खट्टी डकारें आती हैं। दोनों के लक्षण अलग-अलग होते हैं।
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पेट फूलने और एस‍िड‍िटी में क्‍या अंतर है? डॉक्‍टर से समझें


आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिगड़ी हुई खानपान की आदतों के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोग पेट फूलने (Bloating) और एसिडिटी (Acidity) की परेशानी से जूझते हैं। हालांकि ये दोनों समस्याएं, पेट से जुड़ी होती हैं, लेकिन इनके कारण, लक्षण और इलाज अलग होते हैं। अक्सर लोग इन दोनों को एक जैसा समझकर घरेलू उपाय या गलत दवाएं ले लेते हैं, जिससे परेशानी और बढ़ सकती है। पेट फूलने की स्थिति में पेट में गैस भर जाती है और पेट भारी या फूला हुआ महसूस होता है। वहीं एसिडिटी में सीने में जलन, खट्टी डकारें और गले में जलन जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, इन दोनों समस्याओं के कारण अलग-अलग होते हैं और इनका इलाज भी उनके कारणों पर निर्भर करता है। इस लेख में हम आपको डॉक्टरों की राय के आधार पर बताएंगे कि पेट फूलना और एसिडिटी आखिर कैसे अलग हैं, इनके कारण क्या हैं और किन बातों का ध्यान रखकर इनसे बचा जा सकता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

पेट फूलने का मतलब और इसके कारण- What is Bloating and its Causes

पेट फूलना एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में गैस जमा हो जाती है और पेट बाहर की ओर फूला हुआ नजर आता है। यह समस्या तब होती है जब पेट में गैस ज्यादा बनी हो या गैस बाहर न निकल पाए। पेट फूलने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- बहुत जल्दी खाना खाना, ज्यादा तला-भुना खाना, कार्बोनेटेड ड्रिंक पीना, खाने के साथ बहुत ज्यादा हवा निगलना या फाइबर की ज्‍यादा मात्रा लेना। कई बार पेट में सूजन का कारण, कब्ज या पेट में इंफेक्शन भी हो सकता है।

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एसिडिटी का मतलब और इसके कारण- What is Acidity and its Causes

एसिडिटी तब होती है जब पेट में बनने वाला एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगे या पेट से एसिड खाने की नली तक पहुंच जाए। इससे सीने में जलन, खट्टी डकारें और गले में जलन जैसी दिक्कतें होती हैं। एसिडिटी के मुख्य कारणों में ज्यादा मसालेदार खाना, ज्यादा चाय-कॉफी पीना, धूम्रपान, एल्‍कोहल का सेवन, लंबे समय तक खाली पेट रहना और स्‍ट्रेस शामिल हैं।

पेट फूलने और एस‍िड‍िटी में अंतर- Difference Between Bloating and Acidity

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1. लक्षण- Symptoms

  • पेट फूलने की समस्‍या होने पर पेट भारी महसूस होता है, पेट बाहर निकला हुआ दिखाई देता है और पेट में बार-बार गैस बनती है।
  • वहीं एसिडिटी में सीने में जलन, खट्टा पानी मुंह तक आना, डकारें और गले में जलन महसूस होती है।

2. कारण- Cause

  • पेट फूलना, गैस बनने या पेट की गैस बाहर न निकल पाने की वजह से होता है।
  • एसिडिटी, पेट में एसिड का ज्यादा बनना या एसिड का ऊपर की ओर जाने (खाने की नली में) के कारण होता है।

3. प्रभाव‍ित ह‍िस्‍सा- Affected Area

  • पेट फूलने का असर, पेट के निचले हिस्से पर ज्यादा होता है।
  • एसिडिटी में असर, सीने और गले के हिस्से पर महसूस होता है।

4. खाना खाने के बाद असर- After Eating Impact

  • पेट फूलने में खाना खाने के तुरंत बाद पेट भारी हो जाता है।
  • एसिडिटी में, खासकर मसालेदार या ऑयली खाने के बाद जलन शुरू हो जाती है।

5. बढ़ने के कारण- Aggravating Factors

  • पेट फूलना जल्दी-जल्दी खाने, ज्यादा हवा निगलने, गैस वाली चीजें (सोडा, तली चीजें) खाने से बढ़ता है।
  • एसिडिटी, देर से खाने, मसालेदार खाना, एल्‍कोहल या चाय-कॉफी का सेवन करने से बढ़ती है।

6. राहत पाने का तरीका- Relief Methods

  • पेट फूलने में गैस रिलीज होना, हल्की एक्सरसाइज या अजवाइन-पानी राहत दे सकता है।
  • एसिडिटी में ठंडा दूध पीने, केला खाने या डॉक्टर की दवा से राहत मिलती है।

पेट फूलने से राहत पाने के लिए ट‍िप्‍स- Tips to Relief from Bloating

  • धीरे-धीरे और चबा कर खाएं ताकि कम हवा पेट में जाए।
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (सोडा, कोल्ड ड्रिंक) और बहुत तला-भुना खाना कम करें।
  • अजवाइन, सौंफ या हिंग पानी के साथ लें, ये गैस निकालने में मदद करते हैं।
  • हल्की वॉक करें, इससे गैस पास होने में मदद मिलती है।
  • बहुत देर तक एक ही जगह बैठे न रहें, थोड़ी-थोड़ी देर में चलें।

एसिडिटी से राहत पाने के लिए ट‍िप्‍स- Tips to Relief from Acidity

  • ज्यादा मसालेदार और ऑयली भोजन खाने से बचें।
  • रात का खाना सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले खाएं।
  • ठंडा दूध, केला या सादा बिस्किट एसिडिटी में राहत दे सकता है।
  • छोटी-छोटी मात्रा में बार-बार खाएं, ज्यादा देर भूखे न रहें।
  • चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक्स की मात्रा कम करें।

डॉक्टर के पास कब जाएं?- When to See a Doctor

अगर पेट फूलने की समस्या बार-बार हो रही हो, पेट में तेज दर्द हो, उल्टी आ रही हो या वजन तेजी से कम हो रहा हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं एसिडिटी अगर लंबे समय से हो रही है और घरेलू उपाय या ओवर-द-काउंटर दवाओं से राहत नहीं मिल रही हो, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

पेट फूलना और एसिडिटी दोनों ही आम लेकिन अलग-अलग समस्याएं हैं। इनकी पहचान और सही इलाज बहुत जरूरी है ताकि पेट से जुड़ी समस्‍याओं से बचा जा सके। खाने की आदतें सुधारकर और समय पर डॉक्टर की सलाह लेकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है।

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FAQ

  • क्या पेट फूलने से गैस बनती है?

    हां, पेट फूलना गैस बनने का ही एक लक्षण होता है। जब पाचन ठीक से नहीं होता या हम जल्दी-जल्दी खाते हैं, तो पेट में गैस जमा हो जाती है और पेट फूला हुआ लगता है।
  • पेट की गैस और एसिडिटी में क्या अंतर है?

    पेट की गैस में पेट भारी लगता है, गैस बाहर नहीं निकलती, तो पेट फूला दिखता है। एसिडिटी में सीने में जलन, खट्टी डकारें और गले में जलन होती है। दोनों के लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं।
  • एसिडिटी को तुरंत कैसे कम करें?

    एसिडिटी कम करने के लिए तुरंत एक ग‍िलास ठंडा दूध पी सकते हैं या केला खा सकते हैं। ज्यादा मसालेदार खाना और ऑयली चीजों से परहेज करें। अगर दिक्कत ज्यादा हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।

 

 

 

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