कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ क्या है और कोविड से बचाव के लिए क्यों जरूरी है इस पर ध्यान देना? जानें डॉक्टर से

कोरोनावायरस जैसी महामारियों से बचने के लिए आपको कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ का ध्यान जरूर रखना चाहिए, एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में।
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कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ क्या है और कोविड से बचाव के लिए क्यों जरूरी है इस पर ध्यान देना? जानें डॉक्टर से


दुनियाभर में सालाना होने वाली मौत के आंकड़े में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या 16 प्रतिशत से अधिक है। इसका कारण लोगों की बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों में कमी है। आज के समय में इन कारणों की वजह से लाखों की संख्या में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं जिसके कारण हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों का खतरा बढ़ गया है। कोरोना वायरस संक्रमण जैसी भयानक महामारी से बचाव के लिए आपके कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ का ठीक होना बहुत जरूरी है। कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ के ठीक होने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। मेटाबॉलिज्म को हिंदी में चयापचय कहा जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर को भोजन को एनर्जी में परिवर्तित किया जाता है। आप और हम जो ऊर्जा रोजाना के कामकाज में खर्च करते हैं वह इसी प्रक्रिया के तहत बनती है। शरीर में होने वाले कई केमिकल रिएक्शन भी मेटाबॉलिज्म के जरिए ही होते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान आपने इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में जरूर सुना होगा। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए और महामारी से बचाव करने के लिए आपके कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ का ठीक होना बहुत जरूरी है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

क्या है कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ? (What Is Cardio Metabolic Health?)

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शरीर में दिल सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में काम करता है। दिल की सेहत का ध्यान रखने से आप कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। मेटाबॉलिक हेल्थ और दिल की सेहत का आपस में सीधा कनेक्शन है। शरीर के अंदर होने वाल कई प्रोसेस जैसे ब्लड शुगर के लेवल को मेन्टेन करना या ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने का काम मेटाबॉलिक प्रक्रिया के द्वारा किया जाता है। यहां तक कि भूख, हार्ट रेट और शरीर का तापमान जैसे प्रोसेस भी मॉलिक्यूलर क्लॉक और बायोलॉजिकल सिस्टम से कोआर्डिनेशन के बाद ही तय होते हैं। शरीर के अंदर होने वाली यही प्रक्रियाएं दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का जोखिम कारक मानी जाती है। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट और गोंडा स्थित जिला चिकित्सालय के डॉ आर के यादव के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के दौरान यह देखा गया है कि इस संक्रमण से प्रभावित मरीजों में कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ सबसे प्रमुख जोखिम के रूप में सामने आया है। जिन लोगों का कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ ठीक नहीं था या है उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा था। ऐसे में लोगों को भविष्य में महामारी जैसी आपदा से बचने के लिए कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ पर जरूर ध्यान देना चाहिए। शरीर में पहले से मौजूद चयापचय संबंधी असामान्यताएं, जैसे कि टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर संक्रमण के महत्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकते हैं।

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कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम क्या है? (What Is Cardiometabolic Risk?)

कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का चयापचय और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हों। कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम में मोटापा और इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल वाले डायबिटीज के मरीजो में मोटे होने की संभावना अधिक होती है। इसी तरह इनमें से ज्यादातर लोगों को मोटापे और चयापचय से जूसी समस्याओं के कारण दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे लोग जो मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हैं उन्हें दिल से जुड़ी गंभीर समस्याएं जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए आपको मेटाबॉलिक हेल्थ पर भी ध्यान जरूर देना चाहिए। कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ के कुछ प्रमुख जोखिम कारक (रिस्क फैक्टर) इस प्रकार से हैं।

  • फास्टिंग इंसुलिन का बढ़ना
  • सी-रिएक्टिव प्रोटीन का बढ़ना
  • ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में वृद्धि
  • हीमोग्लोबिन A1c (HbA1c) का बढ़ना
  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
  • खून का थक्का जमना
  • डायबिटीज
  • मोटापा
  • असंतुलित खानपान 

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कोरोना वायरस महामारी और कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ (Cardio Metabolic Health And Coronavirus Pandemic)

जनवरी 2020 से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले चीन से बाहर दुनिया के कई देशों में फैलने लगे थे जिसको देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मार्च में इस संक्रमण को महामारी घोषित किया था। इसके बाद से ही दुनियाभर में कोरोनावायरस को लेकर तमाम शोध और अध्ययन किये जा रहे हैं। किसी भी संक्रामक बीमारी को तुरंत जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन कुछ ऐसी चीजें जरूर होती हैं जिसका ध्यान रखकर आप इससे बचाव कर सकते हैं। कोरोनावायरस संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति जो कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित थे उन्हें इसकी वजह से अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कोरोना संक्रमण की वजह से होने वाली ज्यादातर मौतों में भी कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ की प्रमुख भूमिका रही है। इसलिए अब एक्सपर्ट्स का मनाना है कि आने वाले समय में ऐसी आपदा या महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को अपने कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

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कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम का इलाज कैसे किया जाता है? (How Is Cardiometabolic Risk Treated?)

कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम यानी शरीर में मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए इलाज की प्रक्रिया में इनके कारणों को दूर किया जाता है। कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम में प्रमुख जोखिम कारकों को खत्म करने के लिए इलाज किया जाता है। उदहारण के लिए अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज की समस्या से पीड़ित है इलाज में उसकी इस समस्या को खत्म करने की दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा डायबिटीज पर अच्छा नियंत्रण बनाने के लिउए आपको कई दूसरी सलाह भी दी जा सकती है। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए आहार, व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव वजन घटाने की दिशा में पहला कदम है। आपके डॉक्टर आपके जोखिम कारकों और कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम की डिग्री के आधार पर आपका इलाज करते हैं।

कार्डियो मेटाबॉलिक रिस्क और दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के टिप्स (Tips To Lower Your Risk Of Cardiovascular Problems?)

दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए आप सबसे पहले अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव करें। उदाहरण के लिए, स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना, स्वस्थ आहार खाना, धूम्रपान बंद करना और अधिक शराब के सेवन से बचना चाहिए। आप दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए इन बातों का ध्यान रख सकते हैं।

  • हार्ट की बीमारी से बचने के ल‍िए बीपी और कोलेस्‍ट्रॉल को कंट्रोल रखें। 
  • कम उम्र में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा को कंट्रोल करने के ल‍िए आपको सोड‍ियम इंटेक कम करना चाह‍िए।
  • कम उम्र में शराब का सेवन भी आपके हार्ट को बीमार कर सकता है इती है इसल‍िए स्‍मोकिंग से दूर रहें। 
  • बाहर का ऑयली या जंक फूड न खाएं इससे सोड‍ियम और ट्रांस फैट दोनों की मात्रा आपके शरीर में बढ़ सकती है।
  • आपको हार्ट की बीमारी से बचने के ल‍िए रोजाना कम से कम 40 म‍िनट कसरत करनी चाह‍िए। 
  • हार्ट की बीमारी से बचने के लि‍ए आपको ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट, एडड शुगर का सेवन नहीं करना है। 

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अगर आपको भी हार्ट की बीमारी के संकेत नजर आते हैं तो देर न करें तुरंत डॉक्‍टर के पास जाकर चेकअप करवाएं। कार्डियो मेटाबॉलिक जोखिम को कम करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें और इसके मेडिकल मैनेजमेंट के लिए मौजूद विकल्पों को अपनाएं।

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