हमारा शरीर एक ऐसा विज्ञान है, जिसे पढ़ना बहुत जरूरी है। अगर हम अपने अंगों के काम करने के तरीकों को बेहतर तरीकों से समझते हैं तो खुद को स्वस्थ रख पाएंगे। शरीर में जो भी नस, नाड़ियां हैं सभी का अपना काम है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटी, पतली और महीन सी दिखने वाली इन धमनियों में अगर ब्लॉकेज आ जाए तो हार्ट अटैक से लेकर गैंग्रीन तक की समस्या होने लगती है। शरीर के भीतर अपना काम करने वाली इन धमनियों से ही रक्त शरीर में पहुंचता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट की आर्टरीज में ब्लॉकेज से भी आपकी हार्ट की आर्टरीज के बंद होने का खतरा 100 फीसद बढ़ जाता है। पेट की धमनियां और हार्ट की धमनियों के बीच क्या संबंध है, इसके बारे में कानपुर में हृदय रोग संस्थान में कार्डियोलोजी के प्रोफेसर डॉक्टर अवधेश शर्मा ने बताया है।
पेट की आर्टरी और हार्ट की आर्टरी बंद होने का क्या मतलब है?
डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि हमारा शरीर एक ऐसी मशीन है जो अगर कोई एक पार्ट खराब होता है तो वह बाकी पार्ट्स को भी प्रभावित करता है। वे बताते हैं कि पेट की आर्टरीज में ब्लॉकेज को Mesenteric ischemia कहा जाता है। पेट की धमनियां पेट और आंतों में ब्लड की सप्लाई करती हैं। डायबीटीज, स्मोकिंग, हाई कोलेस्ट्रोल आदि के कारण पेट की आर्टरीज भी बंद होती हैं। जिस वजह से आंतों में दर्द शुरू होता है और इसका नतीजा पेट में दर्द होता है। ऐसे लोग जब खाना खाते हैं तब पेट में दर्द होता है। इस वक्त में पाचन के लिए आंतों में मूवमेंट शुरू होता है। लेकिन जब आर्टरी बंद होती हैं, आंतों का काम करने के लिए ब्लड मिल नहीं पाता है। जिस वजह से पेट में दर्द शुरू होता है।
इसी तरह से हार्ट की आर्टरीज के बारे में डॉ अवधेश शर्मा कहते हैं कि हार्ट में चार चेंबर होते हैं। दो लेफ्ट में दो राइट में। लेफ्ट के चेंबर में फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त ब्लड आता है। वहां से वो पंप करता हुआ बड़ी आर्रटी जिसे एरोटा (Aorta) कहते हैं। इसके माध्यम से वह पूरे शरीर में जाता है। वहीं से ब्रेन, हार्ट, आंख, पेट, पैर आदि के लिए आर्टरी निकलती हैं। यह सभी रक्त वाहिकाएं आपस में मिली होती हैं। तो अगर किसी एक जगह ब्लॉकेज आएगा तो बाकी धमनियां भी बंद होंगी। डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी हार्ट अटैक आता है तो वह आर्टरी के ब्लॉकेज की वजह से आता है। डॉक्टर कहते हैं कि जब हार्ट नसों में सूजन आ रही है तो उसी समय बाकी नसों में भी सूजन आ रही होती है।
डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना कि हमारे शरीर में सभी नसें, धमनियां आपस में मिली हुई हैं। अगर पेट की आर्टरीज बंद होंगी सौ फीसद संभावना है कि हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज होगा। हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज होने का मतलब हार्ट अटैक की आशंका का बढ़ जाना है।
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टॉप स्टोरीज़
क्यों बंद होती हैं धमनियां
हाई कोलेस्ट्रोल
हाई कोलेस्ट्रोल के बढ़ने से धमनियों में प्लाक जमने लगता है। जिस वजह से उनमें रक्त का प्रवाह बाधित होता है। यह रक्त का प्रवाह बाधित होने पर हार्ट अटैक तक का खतरा बन जाता है।
स्मोकिंग
डॉक्टर का कहना है कि स्मोकिंग में पाया जाने वाला निकोटीन शरीर की धमनियों में ब्लॉकेज बन जाता है। जिस वजह से वह जमने लग जाता है और जब वह थक्क फटता है तब हार्ट अटैक होता है। कई शोधों में यह सामने आया है कि स्मोकिंग के कारण ज्यादातर लोगों को हार्ट अटैक होता है।
डायबिटीज
वे लोग जो डायबिटीज के पेशेंट हैं। उनमें कई बार इलाज के लिए हाई डोज स्टेरॉयड दिए जाते हैं। जिस वजह से ये स्टेरॉयड ब्लड क्लोटिंग बनाते हैं और हार्ट की परेशानी होती है।
हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन में भी धमनियों में रूकावट पैदा होती है, यह सभी कारण हार्ट की बीमारियाों का करण बनते हैं। एक्सरसाइज की कमी और हाई ब्लड प्रेशर भी धमनियों के ब्लॉकेज का कारण बनते हैं।
जब पेट की आर्टरीज बंद होती हैं तब क्या होता है?
पेट की आर्टरीज बंद होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं।
- खाना खाने के बाद पेट में दर्द
- अपच
- भूख न लगना
- खाना खाने से डरना
हार्ट की आर्टरीज बंद होने पर क्या होता है?
कोरोनरी आर्टरीज के ब्लॉक होने पर ऑक्सीजनयुक्त ब्लड हार्ट तक नहीं पहुंच पाता है। ऐसी परिस्थिति में आपको निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
छाती में तेज दर्द
डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि हार्ट की कोरोनरी आर्टरी बंद होने पर छाती में बहुत तेज दर्द होता है। दर्द में आप छाती में जकड़न दबाव महसूस कर सकते हैं। यह दर्द कई बार ज्यादा तनाव लेने की वजह से भी होता है।
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सांस लेने में कठिनाई
डॉक्टर का कहना है कि जब हार्ट तक सही से रक्त पहुंच नहीं पाता है तब सांस लेने में कठिनाई होती है।
हार्ट अटैक
जिन लोगों की आर्टरीज पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है। उन्हें हार्ट अटैक होना का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें तेज सीने में दर्द और शरीर में बहुत पसीना आता है। सांस लेने में भी कठिनाई होती है।
क्या है बचाव
डॉक्टर का कहना है कि जब कोई मरीज के पेट में दर्द की समस्या लेकर आता है और अगर यह बताता है कि खाना खाने के तुरंत बाद उसके पेट में दर्द होता है। और कुछ देर बाद पेट का दर्द बंद हो जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आर्टरीज की जांच करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि पेट की आर्टरीज को बंद होने से बचाने के लिए वे ही उपाय अपनाने होते हैं जो हार्ट की आर्टरीज बंद होने पर अपनाए जाते हैं। ये उपाय निम्न हैं-
- स्मोकिंग को कहें न
- नियमित तौर पर व्यायाम करें
- तनाव को मैनेज करें
- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिज और कोलेस्ट्रोल आदि को कंट्रोल करें
- कम नमक और कम फैट वाली डाइट खाएं। डाइट में सब्जियां और फल शामिल करें
- ओवरवेट न हों। वजन को नियंत्रित करें
शरीर में किसी एक जगह की आर्टरीज बंद होती हैं, तो वे धीरे-धीरे पूरे शरीर पर प्रभाव डालती हैं। ये बात अलग है कि मरीज अस्पताल में किसी एक लक्षण को लेकर पहुंचता है। लेकिन अगर वह पेट की आर्टरीज बंद होने पर या पैर की आर्टरीज बंद होने पर अस्पताल पहुंचता है तो डॉक्टर उसकी सभी जांचे करतें। ऐसे में एक आर्टरी का बंद होना सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है। इसिलए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी है।
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