पैरों का सुन्‍न हो जाना 'धमनी रोग' का है संकेत, डॉ. के.के. अग्रवाल से जानिए इस बीमारी के कारण और उपचार

Peripheral Artery Disease: पैरों का सुन्‍न हो जाना और तलवों का ठंडा रहना धमनी रोग को दर्शाता है। डॉक्‍टर के के अग्रवाल से जानिए बीमारी के बारे में... 
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पैरों का सुन्‍न हो जाना 'धमनी रोग' का है संकेत, डॉ. के.के. अग्रवाल से जानिए इस बीमारी के कारण और उपचार


पेरिफेरल आर्टरी रोग (Peripheral Artery Disease) को परिधीय धमनी रोग भी कहते हैं। यह शरीर के भीतर की एक संचार समस्या है जिसमें कुछ धमनियां शरीर के अंगों में खून के बहाव को कम करती हैं। जब शरीर में परिधीय धमनी रोग (PAD) पैदा होता हैं, तो आमतौर पर पैरों पर इसका प्रभाव पड़ता है और यह व्यक्ति की इच्छानुसार खून का बहाव नहीं ले पाते और इसके लक्षण तब दिखते हैं, जब चलने में घबराहट और पैरों में दर्द होता है। 

पेरिफेरल आर्टरी रोग के लक्षण क्या हैं?

इस रोग के लक्षण यह होते हैं कि पैरों या बाहों की मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होने लगती है, जो कोई काम करने से शुरु हो जाती है, जैसे- चलना-फिरना, दौड़ना लेकिन कुछ समय आराम करने के बाद यह अपने-आप ठीक हो जाता है। दर्द जिस जगह हो रहा है, वह आर्टरी की जगह पर निर्भर करता है और पैरों की पिंडली में होने वाला दर्द इस रोग की सबसे आम जगह है। लंगड़ेपन की गंभीरता बड़ी अलग होती है, जिसमें छोटी-मोटी दिक्कतों के अलावा कमज़ोर करने वाली पीड़ा तक होती है। यह गंभीर स्थिति वाली घबराहट व्यक्ति के लिए चलना या दूसरी तरह की शारीरिक गतिविधि करना मुश्किल बना सकती है।

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पेरिफेरल आर्टरी रोग के लक्षण हैं:

  • कुछ भी काम करने के बाद आपके कूल्हों, जांघों या ऐड़ियों की मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन हो सकती है, जैसे चलना या सीढ़ी चढ़ना।
  • पैरों में सुन्नपन या कमजोरी होना।
  • निचले पैर की सतह में ठंडापन।
  • पैर की उंगलियों या पैरों पर घाव, जो ठीक नहीं हो रहे।
  • आपके पैरों के रंग में बदलाव।
  • बालों का झड़न या पैरों पर बालों का बढ़ना।
  • पैर के नाखूनों का बहुत धीमी गति से बढ़ना।
  • पैरों की त्वचा का चमकना।
  • आपके पैरों की नाड़ी का कमज़ोर होना।
  • पुरुषों में नपुंसकता।

यदि पेरिफेरल आर्टरी रोग बढ़ता है, तो दर्द तब भी हो सकता है जब आप आराम कर रहे हों या जब आप लेटे हुए हों। यह दर्द नींद न आने या नींद तोड़ने के लिए काफी है। अपने पैरों को अपने बिस्तर के किनारे पर लटका देने से या फिर अपने कमरे में घूमने से इस दर्द में कुछ पल के लिए राहत मिल सकती है।

पेरिफेरल आर्टरी रोग के कारण क्या हैं?

पेरिफेरल आर्टरी रोग अक्सर एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होता है। एथेरोस्क्लेरोसिस में, फैटी डिपोज़िट आरट्री की दीवारों पर परत चढ़ाकर खून के बहाव को कम करते हैं। अगर एथेरोस्क्लेरोसिस की चर्चा आमतौर पर हृदय को लेकर होती है लेकिन यह रोग आपके पूरे शरीर की आरट्री को प्रभावित कर सकता है और आमतौर पर करता भी है जब अंगों को खून की पूर्ति करने की ज़रुरत होती है, तब यह आरट्री में होता है, तो यह पेरिफेरल आर्टरी रोग का कारण बनता है। आमतौर पर पेरिफेरल आर्टरी रोग का कारण खून की नली में सूजन, अंगों पर चोट लगना, लिगामेंट की असामान्य दिक्कत या मांसपेशियों की असामान्य शारीरिक रचना हो सकता है।

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पेरिफेरल आर्टरी रोग के रिस्क फैक्टर

पेरिफ़रल आरट्री रोग के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक:

  • धूम्रपान
  • डायबिटीज़
  • मोटापा
  • हाई ब्लड प्रैशर
  • हाई कॉलेस्ट्रॉल
  • बढ़ती उम्र, खासकर 50 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद।
  • पेरिफ़रल आरट्री रोग, हृदय रोग या स्ट्रोक की कोई पारिवारिक हिस्ट्री।
  • होमोसिस्टीन का उच्च स्तर, एक प्रोटीन घटक जो टिश्यू बनाने और उसे बनाए रखने में मदद करता है।

जो लोग धूम्रपान करते हैं या डायबिटिक हैं, उनके खून के बहाव में कमी के कारण उन्हें पेरिफेरल आर्टरी रोग होने का खतरा सबसे ज्यादा है।

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रोकथाम या इलाज

स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने और इस रोग को रोकने के तरीके:

  • यदि धूम्रपान करते है तो छोड़ दीजिए।
  • अगर आप डायबिटिक हैं तो अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कीजिए।
  • नियमित व्यायाम करें, अपने डॉक्टर के परामर्श के बाद हफ्ते में कई बार 30 से 45 मिनट का अभ्यास करें।
  • ब्लड प्रैशर और कॉलेस्ट्रॉल लेवल पर नियंत्रित करें यदि आवश्यकता है।
  • ऐसे भोजन खाएं जिसमें फैट कम हों।
  • संतुलित वजन बनाए रखें।

इस रोग का इलाज यदि समय रहते न किया गया तो यह हृदय और मस्तिष्क के साथ-साथ पैरों में खून के संचार या बहाव को कम कर सकता है। तंबाकू छोड़कर, व्यायाम और कसरत करके और हेल्दी डाइट लेने से पेरिफ़रल आरट्री रोग पर सफलता पाई जा सकती है।

नोट: यह लेख डॉ. के.के.अग्रवाल, प्रमुख संपादक, मैडटॉक्स और अध्यक्ष, हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया से हुई बातचीत पर आधारित है।

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