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महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान कैंसर के मामले बढ़ने की बात आई सामने, नई स्‍टडी ने जताई चिंता

एक स्‍टडी ने बताया क‍ि प्रेग्नेंसी में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जिसमें स्तन कैंसर, त्वचा का कैंसर और प्रीमैच्योर बर्थ का खतरा प्रमुख हैं। 
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महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान कैंसर के मामले बढ़ने की बात आई सामने, नई स्‍टडी ने जताई चिंता


Pregnancy Associated Cancer: प्रेग्नेंसी में कैंसर एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है। इस व‍िषय पर एक स्‍टडी सामने आई है। इस स्‍टडी में यह पता चला है क‍ि प्रेग्नेंसी में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होने वाले इम्यून सिस्‍टम के बदलाव भी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। कुछ मामलों में, गर्भवती महिला का इम्यून सिस्‍टम कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और खत्‍म करने में सक्षम नहीं होता। इसके अलावा फैम‍िली ह‍िस्‍ट्री, प्रदूषण और लाइफस्‍टाइल फैक्‍टर्स जैसे तंबाकू का सेवन या मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी में कैंसर का इलाज मुश्‍क‍िल हो सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि गर्भवती महिलाओं को नियमित जांच और सही इलाज मिले। सही समय पर जांच से कैंसर के मामलों का जल्दी पता चल सकता है और इलाज से इसे जल्‍दी बढ़ने से रोका जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे प्रेग्नेंसी में कैंसर पर हुई इस स्‍टडी से संबंध‍ित जानकारी। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केजीएमयू के स्‍त्री रोग एवं प्रसूता व‍िभाग क्‍वीनमेरी हॉस्‍प‍िटल की पूर्व व‍िभागाध्‍यक्ष और वर‍िष्‍ठ गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ व‍िन‍िता दास से बात की।

प्रेग्नेंसी में बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले- स्‍टडी

ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में प्रेग्नेंसी के दौरान कैंसर (Pregnancy Associated Cancer) होने के व‍िषय पर 20 साल तक र‍िसर्च चली और यह पाया गया क‍ि गर्भावस्था के दौरान या ड‍िलीवरी के एक साल के अंदर, मह‍िलाओं में कैंसर के मामले बढ़ते नजर आए। साल 1994 से 2013 तक प्रेग्नेंट मह‍िलाओं में कैंसर के मामलों में हर साल 2.7 प्रत‍िशत की बढ़ोतरी हुई। गर्भवती मह‍िलाओं में स्‍क‍िन कैंसर और ब्रेस्‍ट कैंसर के ज्‍यादा मामले देखे गए। अन्‍य कैंसर टाइप में थायरॉइड, गाइनेकोलॉजिकल और ब्‍लड कैंसर शामिल रहे।

स्‍टडी के नतीजे- Result of Study

  • अध्ययन के अनुसार, प्रति 1,00,000 गर्भवती महिलाओं में 94 महिलाओं को गर्भावस्था या ड‍िलीवरी के एक साल के अंदर कैंसर का पता चला।
  • 2013 तक यह संख्या बढ़कर 163 हो गई।

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गर्भवती मह‍िला के ल‍िए कैंसर के नुकसान

  • गर्भावस्था के दौरान कैंसर पीड़ित महिलाओं में शारीर‍िक समस्‍याओं का खतरा ज्‍यादा होता है।
  • इनमें खून की कमी, सर्जरी की जरूरत और समय से पहले प्रसव का खतरा शामिल है।
  • ऐसे मामलों में सिजेरियन डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है।

श‍िशु के ल‍िए कैंसर के नुकसान

  • गर्भावस्था के दौरान कैंसर होने के कारण, ऐसी मांओं के शिशुओं में समय से पहले जन्म की संभावना ज्‍यादा होती है।
  • समय से पहले जन्‍म लेने के कारण ऐसे बच्‍चों का वजन कम होता है और शरीर कमजोर होता है।
  • हालांकि, शिशुओं के मृत्यु दर में कोई बड़ा अंतर नहीं देखा गया।

प्रेग्नेंसी में कैंसर का इलाज कैसे क‍िया जाता है?- Cancer Treatment in Pregnancy

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  • अगर मह‍िला को प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कैंसर का पता चलता है, तो इस दौरान कीमोथेरेपी कराने की सलाह नहीं दी जाती है।
  • अगर प्रेग्नेंसी में कैंसर के कारण सर्जरी की जरूरत होती है, तो इसे किसी भी तिमाही में की जा सकता है।
  • प्रेग्नेंसी में कैंसर के इलाज के ल‍िए रेडियोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी केवल डॉक्‍टर की सलाह पर ही की जाती है।
  • कैंसर के इलाज के आधार पर मां को ड‍िलीवरी के बाद, स्तनपान न कराने की सलाह भी दी जा सकती है।

प्रेग्नेंसी में कैंसर से कैसे बचें?- Pregnancy Associated Cancer Prevention

  • गर्भवती महिला को संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना चाहिए।
  • फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर आहार शरीर को मजबूत बनाता है और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
  • नियमित रूप से हल्‍की एक्‍सरसाइज जैसे- पैदल चलना, योग या प्रेग्नेंसी के लिए विशेष एक्‍सरसाइज करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और वजन कंट्रोल होता है, जो कैंसर के खतरे को कम करता है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान धूम्रपान और एल्‍कोहल से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि ये दोनों ही कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। यह न केवल मां के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी हानिकारक है।
  • चिंता और स्‍ट्रेस के लक्षण से बचने के लिए मेड‍िटेशन करें। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, जिससे शरीर की इम्‍यून‍िटी मजबूत होती है।

Study Link:

https://link.springer.com/article/10.1186/s12884-023-05359-1

Study Source:

Springer

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