
World Cancer Day 2024: शरीर में होने वाले बदलाव की वजह से कई गंभीर रोग हो सकते हैं। डॉक्टर्स की मानें तो कैंसर जैसे घातक रोग होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। इसमें हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी गलत आदतों को भी शामिल किया जा सकता है। बीते दिनों हुई कुछ स्टडी से इस बात का पता चला है कि प्रदूषण, प्लास्टिक व ब्यूटी प्रोडक्ट्स लोगों को कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। रोजाना प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना व गर्म खाने के लिए इस्तेमाल होने वाले डिस्पोजल से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान व युवाओं के द्वारा हुक्का आदि का उपयोग करने से कई तरह के कैंसर होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार 2020 की तुलना में 2025 में कैंसर के मामलों में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 4 नंवबर को कैंसर दिवस मानया जाता है। आज इस लेख में हम धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी व एक्शन कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों से जानते हैं कि किस तरह से प्लास्टिक, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और धूम्रपान कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
प्रदूषण, प्लास्टिक और ब्यूटी प्रोडक्ट्स से होता है कैंसर का जोखिम - Pollution And Plastic Can Increase Risk Of Cancer In Hindi
प्लास्टिक से कैंसर का जोखिम - Cancer Risk From Plastic
एक्शन कैंसर अस्पताल के मेडिकल ऑनकोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर जे बी शर्मा के मुताबिक घरों में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की पानी की बोतल, प्लास्टिक की पॉलिथिन में पैक गर्म चाय और गर्म खाना खतरनाक हो सकता है। इस गर्म खाने व पानी में माइक्रो प्लास्टिक मिल सकते हैं, जो शरीर में पहुंचकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा यदि प्लास्टि के बर्तन में ओवन में खाना गर्म किया जाए तो इससे एंडोक्रिन डिस्ट्रक्टिंग केमिकल निकलता है। यह खाने के साथ मिलकर शरीर के अंदर चला जाता है और कैंसर (Cancer) का बड़ा कारण बन सकता है। इसके अलावा, नॉनस्टिक बर्तन, वाइट कलर की मेयोनीज व प्रोसेस्ड जंक फूड भी कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
ब्यूटी प्रोडक्ट्स के कैमिकल से कैंसर का जोखिम - Cancer Risk For Beauty Products
धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी व सीनियर कंसलटेंट डॉ. राजित चानना के अनुसार आज के समय में कई हेयर केयर व ब्यूटी प्रोडक्ट्स में बालों को सिल्की बनाने के लिए केमिकल का उपयोग किया जाता है। इसमें फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग जैसे केमिकल का इस्तेमाल होता है। इस केमिकल को एफडीए के द्वारा प्रतिबंध किया गया है। दरअसल, यह हानिकारक केमिकल कैंसर (Cancer) के खतरे को बढ़ाने में सहायक होता है।
धूम्रपान से कैंसर का जोखिम - Cancer Risk For Smoking
नारायणा अस्पताल के मेडिकल ऑनकोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट एंड डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप सिंह के मुताबिक आज के दौर में नई पीढ़ी के बीच धूम्रपान की आदत बढ़ रही है। युवा क्लब में हुक्का व ई सिगरेट आदि का इस्तेमाल करते हैं। इनसे निकलने वाले निकोटिन, कॉपर, लेड, निकिल, फॉर्मेल्डिहाइड, आर्सेनिक, टिन, क्रोमियम और डाई एसेटाइल मेटल जैसे पदार्थ क्वाइल में मिले होते हैं। दरअसल ई-सिगरेट के वेपर को गर्म करने के लिए क्वाइल का इस्तेमाल होता है और इनसे लंग्स कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है। वहीं हुक्का के फ्लेवर युवाओं को लंग का कैंसर (Lung Cancer) कर सकते हैं। ऐसे में लोगों को धूम्रपान से बचने की सलाह दी जाती है।
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कैंसर का जोखिम लगातार बढ़ रहा है। इससे बचने के लिए लोगों को लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करने होंगे। साथ ही, रोजाना योग व एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना होगा। यदि, व्यक्ति को किसी भी तरह की कोई समस्या है तो उसे इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
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