कैंसर इन दिनों एक आम बीमारी बन चुकी है। आप याद करेंगे तो पाएंगे कि अपने आसपास घर, परिवार, पड़ोस में आप ऐसे कई लोगों को जानते हैं, जो कैंसर से लड़ रहे हैं या इस बीमारी से अपना जीवन हार चुके हैं। हाल ही में JAMA Network Open में प्रकाशित नई स्टडी इस स्थिति की गंभीरता और भी साफ कर देती है। इस रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में हर 9वें भारतीय को अपने जीवनकाल में कैंसर होने का खतरा है। यह खतरा सिर्फ शहरों में रहने वाले लोगों को नहीं, बल्कि गांवों में रहने वाले लोगों को भी है। आइए पहले जानते हैं इस रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों को और फिर डॉक्टर की मदद से समझते हैं भारत में कैंसर की गंभीरता को।
क्या कहती है भारत में कैंसर के मामलों पर आधारित ये रिपोर्ट?
इस रिपोर्ट को National Cancer Registry Programme Investigator Group ने जारी किया है, जिसमें भारत के 43 अलग-अलग इलाकों में साल 2015 से 2019 के बीच सामने आए आंकड़ों को आधार बनाया गया है।
- भारत में किसी भी व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने का खतरा लगभग 11% है । इसका मतलब है कि औसतन हर 9 में से 1 भारतीय को अपने पूरे जीवन में कैंसर होने की आशंका है।
- पुरुषों में सबसे ज्यादा मामले मुंह (Oral), फेफड़े (Lung) और प्रोस्टेट (Prostate) कैंसर के हैं, वहीं महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन (Breast Cancer), सर्वाइकल (Cervical) और ओवेरियन (Ovarian) कैंसर हैं।
- एक आंकड़ा जिसने मुझे सबसे ज्यादा चौंकाया कि महिलाओं में कैंसर के मामले तो पुरुषों से ज्यादा हैं लेकिन मौत की दर कम है। कैंसर के कुल मामलों के 51.1% मामले महिलाओं के हैं, लेकिन मौतों का हिस्सा सिर्फ 45% है। इसका कारण यह हो सकता है कि महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर जैसे केस ज्यादातर मामलों में शुरुआती स्टेज पर पता चल जाते हैं, जिससे इलाज आसान होता है। जबकि पुरुषों में ओरल, फेफड़े और लिवर कैंसर जैसी बीमारियां अक्सर देर से पकड़ में आती हैं, जिससे मौत की संभावना बढ़ जाती है।
- शहरी इलाकों में कैंसर के मामले ग्रामीण इलाकों से थोड़े ज्यादा हैं, जिसका कारण वहां का खान-पान, प्रदूषण और जीवनशैली हो सकती है।
- कैंसर का खतरा पूरे देश में एक जैसा नहीं है। उत्तर-पूर्वी राज्यों, खासकर मिजोरम, में कैंसर का खतरा देश के औसत से लगभग दोगुना है। मिजोरम के आइजोल जिले में कैंसर की दर देश में सबसे ज्यादा पाई गई। वहीं बड़े महानगरीय शहरों की बात करें, तो दिल्ली में पुरुषों में कैंसर की दर सबसे ज्यादा है।
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बढ़ते कैंसर के मामलों पर डॉक्टर की राय
भारत में कैंसर के मामले पिछले कुछ दशकों में तेजी से क्यों बढ़े हैं? ये सवाल पूछने पर हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित CARE Hospitals के Senior Consultant and Head- Surgical Oncology and Robotic Surgery, Dr Satish Pawar कहते हैं, “इसका कोई एक सीधा जवाब नहीं है। जीवनशैली में बदलाव, गतिहीन जीवन, प्रोसेस्ड फूड्स, खराब नींद और पर्यावरण में मौजूद टॉक्सिन्स आदि कई कारक हैं, जिनसे कैंसर का खतरा बढ़ता है। कुछ मामलों में जेनेटिक्स (आनुवंशिकी) की भी भूमिका होती है। इसके अलावा, मोटापा, कम उम्र में होने वाला डायबिटीज, और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) भी इसका खतरा बढ़ा सकता है।"
कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?
डॉ पवार युवाओं के लिए कहते हैं, “अगर आप अपने 20s या 30s में हैं, तो कैंसर आपके दिमाग में शायद ही आता होगा, और ये स्वाभाविक भी है। लेकिन अपने शरीर के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है। किसी भी लक्षण को लगातार नजरअंदाज न करें। अगर कोई परेशानी कुछ लंबे समय से बनी हुई है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। नियमित तौर पर खुद की जांच करना, खासकर स्तन या अंडकोष में गांठ जैसी चीजों के लिए, आदत बना लें। सिर्फ उम्र को वजह बनाकर जांच टालना सही नहीं है।”
इसके अलावा इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है
जागरूक बनें, डरें नहीं
ये बात सच है कि भारत में कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और जीवनशैली से इससे बचा जा सकता है।
नियमित जांच कराएं
ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है। इसकी जल्दी पहचान होने पर इलाज बहुत सफल होता है। महिलाओं को स्तन की स्वयं जांच (self-examination) करनी चाहिए और 40 की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह पर मेमोग्राफी करानी चाहिए। सर्वाइकल कैंसर की भी जांच और टीकाकरण उपलब्ध है। जल्दी पता चलने पर इनका इलाज संभव है।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें
शरीर में किसी भी तरह की असामान्य गांठ, लंबे समय तक ठीक न होने वाला घाव, अचानक वजन कम होना या शौच की आदतों में बदलाव जैसे लक्षणों को गंभीरता से लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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जीवनशैली सुधारना जरूरी
संतुलित आहार और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। पुरुषों में मुंह और फेफड़ों का कैंसर सबसे आम है, जिसका सीधा संबंध तम्बाकू, गुटखा, सुपारी और धूम्रपान से है । इनसे पूरी तरह दूर रहकर आप कैंसर के तरे को बहुत हद तक कम कर सकते हैं।
ध्यान रखें भारत में कैंसर का बोझ हर साल बढ़ रहा है। JAMA की स्टडी हमें ये याद दिलाती है कि हर 9 में 1 भारतीय कैंसर के खतरे में है। अब वक्त है कि हम इसे सिर्फ आंकड़ा न समझें, बल्कि जागरूकता, समय पर जांच और सही जीवनशैली से इस खतरे को कम करें।