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क्या बार-बार और जल्दी-जल्दी मैमोग्राफी कराने से कोई नुकसान होता है? जानें डॉक्टर से

Are Too Many Mammograms Harmful For Health in Hindi: मैमोग्राफी एक एक्स-रे जांच है, जिसका उपयोग ब्रेस्ट में होने वाली समस्याओं जैसे कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं बार-बार मैमोग्राफी कराने के क्या नुकसान हैं? 
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क्या बार-बार और जल्दी-जल्दी मैमोग्राफी कराने से कोई नुकसान होता है? जानें डॉक्टर से


Are Too Many Mammograms Harmful For Health in Hindi: आज के समय में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरुक होने लगी हैं और समय-समय पर अपनी शारीरिक जांच करवाती हैं, ताकि किसी भी तरह की बीमारी का पता समय पर लगाया जा सके। ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर या ब्रेस्ट में होने वाली समस्याओं के बारे में पता लगाने के लिए मैमोग्राफी करवाई जाती है। मैमौग्राफी एक एक्स-रे जांच है, जिसका इस्तेमाल ब्रेस्ट की तस्वीरें लेने के लिए किया जाता है। इसे ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और उसका इलाज करने के लिए किया जाता है। लेकिन, कई महिलाएं ब्रेस्ट में होने वाली छोटी-सी छोटी समस्याओं को लेकर मैमोग्राफी करवाने लगी है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऐसे में आइए सिटी इमेजिंग एंड क्लिनिकल लैब्स के सिटी एक्स-रे और स्कैन क्लिनिक के फाउंडर और पार्टनर एवं चीफ मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. आकार कपूर से जानते हैं कि क्या जल्दी-जल्दी मैमोग्राफी कराने से कोई नुकसान होता है?

जल्दी-जल्दी मैमोग्राफी कराने से क्या नुकसान होते हैं? - What Are The Side Effects Of Frequent Mammography in Hindi?

मैमोग्राफी खास तौर पर महिलाओं में कैंसर के बारे में समय से पहले पहचान करने में बेहद उपयोगी होता है। हालांकि, किसी भी मेडिकल जांच की तरह, मैमोग्राफी के भी कुछ साइड इफेक्ट्स (mammograms side effects) हैं, खासकर जब आप इसे बार-बार या बहुत जल्दी-जल्दी करवाएं।

1. रेडिएशन एक्सपोजर

मैमोग्राफी में X-ray तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे शरीर में बहुत कम मात्रा में रेडिएशन जाता है। एक बार की गई मैमोग्राफी से होने वाला रेडिएशन हानिकारक नहीं होता, लेकिन बार-बार और बिना कारण यह टेस्ट कराने से रेडिएशन का प्रभाव शरीर पर पड़ सकता है। यह खासकर उन महिलाओं के लिए परेशानी का कारण हो सकता है, जो कई सालों तक नियमित जांच करवाती हैं। हालांकि आधुनिक डिजिटल मैमोग्राफी उपकरणों में रेडिएशन की मात्रा को बहुत कम कर दिया गया है, फिर भी जरूरत से ज्यादा बार जांच कराने से बचना चाहिए।

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2. False Positive और False Negative रिपोर्ट

बार-बार जांच कराने से False Positive रिजल्ट आने की संभावना बढ़ जाती है, जिसका मतलब है कि रिपोर्ट में कुछ संदिग्ध दिखाई दे सकता है, जबकि वास्तव में कैंसर न हो। इससे गैर जरूरी बायोप्सी, MRI, या अन्य टेस्ट कराने पड़ सकते हैं। दूसरी ओर, फॉल्स नेगेटिव (False Negative) परिणाम का अर्थ है कि कैंसर होने के बावजूद उसकी पहचान नहीं हो पाना, जिससे समय पर इलाज में देरी हो सकती है और पीड़ित की जान का जोखिम बढ़ सकता है।

mammograms side effects

3. स्तनों में सेंसिविटी और असुविधा

मैमोग्राफी प्रक्रिया के दौरान ब्रेस्ट को दो प्लेट्स के बीच दबाया जाता है ताकि साफ छवि नजर आ सके। यह प्रक्रिया कुछ महिलाओं के लिए असुविधाजनक या दर्दनाक हो सकती है। इसलिए, बार-बार यह मैमोग्राफी करवाने से उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से समस्या हो सकती है।

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4. मानसिक तनाव

लगातार टेस्ट कराने से कुछ महिलाओं में एंग्जाइटी और तनाव की स्थिति बढ़ सकती है, खासकर जब पहले की रिपोर्ट में कोई ‘सस्पिशियस’ चीज दिखाई दी हो। हर बार रिपोर्ट आने तक का इंतजार, संभावित बीमारी का डर और ज्यादा टेस्ट की आशंका महिला को मानसिक रूप से थका सकती है, जिसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

निष्कर्ष

मैमोग्राफी एक बहुत ही उपयोगी और जीवन को बचाने वाली तकनीक है, लेकिन इसका उपयोग संतुलित और जरूरत के अनुसार ही करना चाहिए। बार-बार औऱ बिना डॉक्टर की सलाह के मैमोग्राफी करवाने से न सिर्फ शारीरिक समस्याएं बढ़ सकती है, बल्कि ये आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।
Image Credit: Freepik

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