एक लोकप्रिय कहावत है- इलाज से बेहतर है ‘रोकथाम’। हालांकि यह कहावत पुरानी है, लेकिन आज भी बिल्कुल सटीक साबित होती है। किसी भी रोग को पहचानने में अगर देर हो जाए, तो रोग गंभीर हो सकता है और विशेष परिस्थितियों में जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। किसी भी संभावित संक्रमण की जल्द से जल्द पहचान के लिए नियमित जांच और चेकअप कराते रहना जरूरी है। आज की तेजी गति से भागती दुनिया में जब हर कोई तनाव में जी रहा है, तो लोगों के शरीर और मस्तिष्क दोनों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। रोजमर्रा की 'आपाधापी' से बचना किसी भी प्रोफेशनल के लिए एक चुनौती है और अक्सर लोग अपनी सेहत की उपेक्षा करते रहते हैं, जिसके कारण उन्हें उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मोटापा, हृदय रोग और कभी-कभी कैंसर जैसी स्वास्थ्य की कई परेशानियों का खतरा बना रहता है।
लगातार बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा 2018 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर ने भारत में सात लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है। इसमें उन 20 लाख से अधिक भारतीयों की संख्या तो शामिल भी नहीं है, जो जीवित हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। आईसीएमआर के अनुमान के अनुसार, कैंसर के कारण 2020 तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 8.8 लाख होने का अनुमान है।
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कैंसर से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव
हालांकि रोजमर्रा की जिंदगी के मामूली चीजों को छोड़ना सबसे कठिन होता है, मगर फिर भी जीवनशैली में कुछ छोटे मगर कारगर बदलाव कैंसर के जोखिम को कम करते हुए आसानी से किसी की सेहत में सुधार कर सकते हैं। हालांकि ये बात सच है कि अच्छी आदतें अपनाते हुए भी लोग कैंसरग्रस्त हो सकते हैं। मगर शोध में कहा गया है कि सभी प्रकार के कैंसर के लगभग आधे ऐसे कारक हैं, जिनसे बचा जा सकता है और जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं। स्वास्थ्यकारी बदलाव जैसे-शारीरिक गतिविधियां (फिजिकल एक्टिविटीज), चलना-फिरना, फल, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर डाइट लेने के साथ-साथ थोड़ा भोजन करना आदि ऐसी आदतें हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करती हैं और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती हैं।
कुछ आदतें जो आप बदल सकते हैं
जब बात रोकथाम की आती है, तो धूम्रपान कैंसर के जोखिम का सबसे महत्वपूर्ण कारक है जिसे हम नियंत्रित कर सकते हैं। यह न केवल फेफड़ों के कैंसर बल्कि कई अन्य प्रकार के गैर-फेफड़े संबंधी कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है। इस जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान छोड़ना है। अगर कोई धूम्रपान नहीं करता है, तो उसे कभी भी शुरू नहीं करना चाहिए। और अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे बंद करने के लिए कभी देर नहीं हुई है। भले ही आपने 20, 30 या 40 साल तक धूम्रपान किया हो इसे बंद करते ही आपके शरीर को लाभ मिलेगा।
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सही समय पर स्क्रीनिंग है जरूरी
फुजीफिल्म इंडिया के प्रबंध निदेशक हरूतो इवाता के अनुसार कैंसर जैसी डराने वाली बीमारी के जल्दी पता लग जाने और लगातार स्क्रीनिंग से, इसके उपचार और रिकवरी की संभावना बढ़ सकती है और आपके समग्र रोगनिदान में सुधार हो सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को जीवन में थोड़ा समय निकालकर नियमित चेक-अप कराते रहना प्राथमिकता होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त प्रेरणा यानी इंस्पिरेशन भी स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए एक अन्य आवश्यक घटक के रूप में कार्य करती है और प्रेरणा भीतर से आती है। उपचार और विभिन्न जागरूकता अभियानों में नवाचारों के बावजूद, भारत में स्तन कैंसर से जुड़े जोखिम लगातार बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि मैमोग्राफी शुरुआती चरण में स्तन कैंसर का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि, भारत में इसे अभी भी व्यापक रूप से नहीं अपनाया गया है जबकि अन्य स्क्रीनिंग विधियों के मुकाबले कई फायदों के कारण, दुनिया के अन्य हिस्सों में यह बहुत लोकप्रिय हैं। नियमित मैमोग्राफी जांच से पीड़ित रोगियों के बीच उपचार और जीवित रहने की दर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
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स्टेज जीरो पर ही कैंसर से लड़ने में मिल सकती है मदद
हरूतो इवाता कहते हैं कि परिणामों को ध्यान में रखते हुए, भारत को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। साथ ही मैमोग्राफी के बारे में लोगों को शिक्षित करने और आवश्यक जागरूकता पैदा फैलाने की जरूरत है। फुजीफिल्म में आधुनिक समय की डिजिटल मैमोग्राफी मशीनें 50 माइक्रोन डिजिटल मैमोग्राफी-एमुलेट इनोवैलिटी में उपलब्ध हैं जो कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद करती हैं। कैंसर का जल्द पता लगाना सबसे अच्छी रोकथाम है जो किसी को रोग के 'जीरो' स्टेज पर में लड़ने में मदद कर सकता है। डिजिटल मैमोग्राफी के साथ महिला स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने में इन मैमोग्राफी मशीनों ने काफी अच्छे परिणाम दिए हैं। सकारात्मक मानसिकता और अटूट इच्छाशक्ति के साथ, कैंसर के खिलाफ आधी लड़ाई जीती जा सकती है। यह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, हमारे परिवार की सभी महिलाओं को समय पर खुद का निदान करने और खुद को समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए एक पूर्ण शरीर की स्वास्थ्य जांच कराने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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