कोरोना वायरस (Coronavirus) यानी कोविड-19 (COVID-19) भारत में दस्तक दे चुका है और अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक 15 से ज्यादा मरीजों में इसकी पुष्टि की जा चुकी है। इसके साथ ही भारत के अलग-अलग राज्यों में हजारों संदिग्ध मरीज भी सामने आए हैं। चीन से दुनियाभर के 70 देशों में फैल चुका ये वायरस अब तक दुनियाभर में 3,200 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और 93,000 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है। भारत की बात करें, तो दिल्ली एनसीआर में कोरोना वायरस का खतरा सबसे ज्यादा बताया जा रहा है। ऐसे में सामान्य लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को आखिर कितनी सावधानी की जरूरत है और उन्हें इस वायरस से कौन से खतरे हो सकते हैं, इसी बारे में आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं।
डरें नहीं, कोरोना वायरस से बचाव संभव है
कोरोना वायरस के बारे में लोगों में जो सबसे बड़ा भ्रम है, वो ये है कि इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। मगर ये बात आधी सच है। दरअसल कोरोना वायरस को जड़ से रोकने के लिए अभी तक कोई विशेष दवा, वैक्सीन या इलाज नहीं खोजा जा सका है, मगर इस वायरस की चपेट में आए मरीजों को सामान्य उपलब्ध चिकित्सा पद्धतियों द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसलिए इस बात में बिल्कुल सच्चाई नहीं है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस का शिकार हो जाए, तो उसे बचाया नहीं जा सकता है। कोरोना वायरस का इलाज मरीजों में दिखने वाले लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है। Worldometer के ताजा आंकड़ों की मानें तो अब तक कोरोना वायरस के शिकार हुए 50,000 से ज्यादा लोगों को पूरी तरह ठीक कर लिया गया है।
There is no need to panic. We need to work together, take small yet important measures to ensure self-protection. pic.twitter.com/sRRPQlMdtr
— Narendra Modi (@narendramodi) March 3, 2020
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गर्भवती महिलाओं को कितना खतरा है
गर्भावस्था हर महिला के लिए बेहद संवेदनशील समय होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण सैकड़ों तरह की बीमारियों का खतरा उनमें पहले ही बढ़ जाता है। ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर भी गर्भवती महिलाओं में डर होना सामान्य है। बहुत सारी महिलाएं ये जानना चाहती हैं कि कोरोना वायरस उनके होने वाले शिशु को किस तरह प्रभावित कर सतका है और उन्हें कैसे सावधानी बरतनी चाहिए।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, अभी तक कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के प्रेग्नेंट महिलाओं में फैलने के बारे में कोई प्रकाशित साइंटिफिक रिपोर्ट नहीं सामने आई है। लेकिन ये बात सच है कि गर्भावस्था में महिलाएं कई तरह की मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिकल) और प्रतिरक्षात्मक (इम्यूनोलॉजिकल) समस्याओं से जूझती हैं, जिसके कारण उन्हें किसी भी तरह के वायरस और बैक्टीरिया की चपेट में आने का खतरा सामान्य दिनों से ज्यादा होता है। प्रेग्नेंट महिला अगर कोरोना वायरस से सीधे संपर्क में आती हैं, तो उनमें इस वायरस के फैलने की संभावना है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि खांसी-जुकाम और बुखार के मरीज के संपर्क में आने से बचें, अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और बार-बार हाथों को सैनिटाइजर या एल्कोहल से साफ करते रहें।
क्या बच्चे की डिलीवरी के समय मां से बच्चे में फैल सकता है कोरोना वायरस?
CDC के अनुसार गर्भवती महिलाओं से उनके शिशुओं में कोरोना वायरस फैलने के बारे में अभी तक बहुत कम मामले रिपोर्ट किए गए हैं, इसलिए इस बारे में डॉक्टर्स अभी तक आश्वस्त नहीं हैं कि कोरोना वायरस होने वाले शिशु को किस तरह प्रभावित करता है। हालांकि अगर दूसरे वायरल इंफेक्शन्स को देखें, तो इनकी चपेट में आने वाली महिलाओं के होने वाले शिशुओं में कई बार कुछ डिफेक्ट्स पाए जाते हैं, जैसे- जन्म के समय वजन कम होना, समय से पहले जन्म आदि। इसलिए अगर कोई महिला गर्भवती है, तो उसे ये ध्यान रखना चाहिए कि वो वायरस की चपेट में न आए और डिलीवरी अच्छे साफ-सुथरे अस्पताल में ही कराए, जिससे शिशु के जन्म के समय जरूरी मेडिकल सावधानियां बरती जा सकें।
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क्या शिशु को स्तनपान कराने से फैल सकता है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस से प्रभावित व्यक्ति के काफी नजदीक जाने और उसके छींक या खांसी के संपर्क में आने से कोरोना वायरस फैलने की पुष्टि पहले ही की जा चुकी है। ऐसे में अगर इस वायरस से प्रभावित महिला शिशु को स्तनपान कराती है, तो शिशु के इतने नजदीक संपर्क में लाने के कारण वायरस फैल सकता है। मगर स्तनपान के जरिए कोरोना वायरस फैलने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
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गर्भवती महिलाएं बरतें जरूरी सावधानियां
- खांसने, छींकने, टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
- किसी से हाथ न मिलाएं और न ही सीधे शरीर के संपर्क में आएं।
- जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें और अगर जरूरी हो, तो बिना N-95 मास्क पहने न निकलें।
- अगर खांसते या छींकते समय आसपास टिशू पेपर, रूमाल नहीं है, तो हाथ के बजाय अपने बाजू का इस्तेमाल करें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार, जुकाम और दूसरी समस्याएं आम हैं, इसलिए ऐसा होने पर तुरंत घबराएं नहीं, बल्कि डॉक्टर से संपर्क करें और पूरी जांच कराएं।
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