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भारत में 13.8 करोड़ लोग किडनी डिजीज से पीड़ित, लैंसेट स्टडी में सामने आया चौंकाने वाला डेटा

लैंसेट की नई रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में करीब 13.8 करोड़ लोग किडनी डिजीज से पीड़ित हैं। डॉक्टर से जानें क्यों बढ़ रहे हैं मामले?
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भारत में 13.8 करोड़ लोग किडनी डिजीज से पीड़ित, लैंसेट स्टडी में सामने आया चौंकाने वाला डेटा

किडनी सिर्फ हमारे शरीर से गंदगी निकालने वाला अंग नहीं है, बल्कि इसके बहुत सारे फंक्शन हैं, जो किसी व्यक्ति को जिंदा रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। ऐसे में किडनियों का स्वस्थ रहना कितना जरूरी है, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि एक नई स्टडी के मुताबिक भारत में करीब 13.8 करोड़ लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं? हालांकि ये आंकड़े रिसर्चर्स ने अनुमान के आधार पर बताए हैं, मगर ये तस्वीर डरावनी तो है ही। चीन के बाद किसी देश में किडनी के मरीजों की ये सबसे बड़ी संख्या है, यानी किडनी डिजीज के मामले में भारत अब दूसरा सबसे बड़ा देश है। स्टडी के मुताबिक ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें किडनी से जुड़ी समस्या है।

स्टडी में क्या सामने आया?

The Lancet में प्रकाशित इस ग्लोबल एनालिसिस में कई देशों के डेटा को जोड़ा गया था। नतीजे बताते हैं कि भारत में हर 10 में से लगभग 1 वयस्क में किडनी डिजीज के लक्षण पाए जा सकते हैं। स्टडी के अनुसार, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर किडनी को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाने वाले सबसे बड़े कारण हैं। वहीं, खराब डाइट, कम पानी पीना और देर तक जागने जैसी आदतें भी किडनी को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा रही हैं।

किडनी खराब होने का असर पूरे शरीर पर

जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते। इससे थकान, पैरों में सूजन, ब्लड प्रेशर बढ़ना और यूरिन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो किडनी फेलियर तक मामला पहुंच सकता है, जिसमें डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।

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डॉक्टर का क्या कहना है?

पुणे के मेडिकवर हॉस्पिटल के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ पवन वाखरे बताते हैं, “दुनिया भर में हर पांच में से एक पुरुष और हर चार में से एक महिला किसी न किसी रूप में क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित है। इसके पीछे मुख्य कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर हैं। इसके अलावा, किडनी में इंफ्लेमेशन या इंफेक्शन, एंटीबायोटिक और पेन किलर दवाओं का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल, और हैवी मेटल्स के संपर्क में आना भी किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख कारण हैं।”

किडनी की बीमारी का खतरा किन लोगों को ज्यादा?

वैसे तो किडनी की बीमारी कई कारणों से और किसी को भी हो सकती है लेकिन कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है।

  • जिन्हें डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है
  • जिनका वजन ज्यादा है या जीवनशैली बहुत निष्क्रिय है
  • जो बहुत ज्यादा नमक या पैकेज्ड फूड खाते हैं
  • जिनके परिवार में किसी को किडनी डिजीज रही हो

इन लोगों को साल में कम से कम एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट (क्रिएटिनिन और यूरिन रिपोर्ट) जरूर करवानी चाहिए।

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कैसे बचें किडनी की बीमारी के खतरे से?

अगर आप किडनी की बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको अपनी रोज की आदतों में कुछ बदलाव करने चाहिए।

  • रोज कम से कम 2-2.5 लीटर पानी पिएं
  • खाने में नमक और प्रोसेस्ड फूड घटाएं
  • शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें
  • रोज थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें
  • स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाएं

कुल मिलाकर किडनी की बढ़ती बीमारी चिंता का विषय है। द लैंसेट में प्रकाशित ये स्टडी एक तरह से चेतावनी है कि समय रहते किडनी को बीमार होने से बचाना जरूरी है। ज्यादातर मामलों में किडनी की बीमारी का पता बहुत देर बाद चलता है इसलिए परेशानी आने का इतंजार करना सही नहीं है।

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  • Nov 08, 2025 15:37 IST

    Modified By : Anurag Gupta
  • Nov 08, 2025 15:37 IST

    Published By : Anurag Gupta

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