
Premanand ji maharaj health update: प्रेमानंद महाराज जी को लोग लगातार सुनते आए हैं और उन्हें भारत में एक बड़ी आबादी फॉलो करती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से जो खबरें आ रही हैं वे उनके फैंस और फॉलोअर्स को निराश कर सकती हैं। दरअसल, प्रेमानंद जी महाराज ने खुद अपने मुंह से बताया है कि उनकी दोनों किडनी फेल हो चुकी है और ईश्वर ही जानें वे कब तक इस लोक में हैं। खबरों की मानें तो हाल ही में 'बिग बॉस ओटीटी 2' के विजेता एल्विश यादव उनसे मिलने आए थे। मुलाकात के दौरान बातचीत में एल्विश यादव ने उनकी सेहत के बारे में पूछा, जिस पर महाराज जी ने कहा ' शरीर है कितना भी संभाल लो, जाना तो है ही सबको।' एल्विश यादव से इसी मुलाकात में प्रेमानंद जी महाराज (premanand ji maharaj news) बालते हुए नजर आ रहे हैं कि ''मेरी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं, लेकिन भगवान की कृपा से भक्तों से मिल पा रहा हूं। आगे जाना तो है ही'' ऐसे में सवाल आता है कि दोनों किडनी खराब होने पर आदमी कितने दिन तक जीवित रह सकता है? इस स्थिति में शरीर किस तरह से काम करता है? जानते हैं इस बारे में डॉक्टर राजेश अग्रवाल, डायरेक्टर - नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, दिल्ली की राय।
दोनों किडनी खराब होने पर आदमी कितने दिन तक जीवित रह सकता है- How long can a person live if both kidneys fail?
डॉक्टर राजेश अग्रवाल बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति की दोनों किडनियां खराब हो जाती हैं, तो शरीर से विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकल पाते, जिससे खून गंदा होने लगता है और कई अंगों पर असर पड़ता है। अगर किडनियों की कार्यक्षमता 90 प्रतिशत से ज्यादा घट चुकी हो, तो व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा में ऐसी स्थिति में भी इलाज संभव है। सबसे पहले मरीज को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, जिसमें मशीन की मदद से खून को साफ किया जाता है। डायलिसिस हफ्ते में दो या तीन बार करवाना पड़ता है, और इससे व्यक्ति कई सालों तक जीवित रह सकता है, बशर्ते वह नियमित इलाज, संतुलित डाइट और डॉक्टर की सलाह का पालन करे।
दूसरी और अधिक स्थायी उपचार विधि है किडनी ट्रांसप्लांट, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति की किडनी मरीज के शरीर में लगाई जाती है। सफल ट्रांसप्लांट के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है, लेकिन उसे जीवनभर दवाओं और नियमित जांच की जरूरत रहती है। किडनी फेल होने के बाद व्यक्ति कितने समय तक जीवित रहेगा, यह उसकी उम्र, अन्य बीमारियों (जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर), इलाज की उपलब्धता और शरीर की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है। अगर समय पर डायलिसिस या ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाए, तो मरीज 10–15 साल या उससे अधिक भी अच्छी तरह जी सकता है। इसलिए जरूरी है कि ऐसे मरीज समय पर डॉक्टर से संपर्क करें, नमक और प्रोटीन सीमित मात्रा में लें, पानी का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें और दवाएं कभी न छोड़ें।
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National Kidney Foundation की मानें तो किडनी फेल्योर के साथ जीने के लिए सावधानीपूर्वक प्रबंधन बेहद जरूरी है। क्रोनिक किडनी फेल्योर के चरणों को समझकर ही इस बारे में बताया जा सकता है कि व्यक्ति कब तक जीवित रह सकता है। जैसे कि किडनी फेल होना, क्रोनिक किडनी रोग के अंदर आता है जिसके पांच स्टेज होते हैं। सबसे हल्के स्टेज 1 और 2 हैं। किडनी रोग के इन शुरुआती चरणों में, किडनी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते। स्टेज 3 में, लगभग आधी किडनी की कार्यक्षमता नष्ट हो जाती है और फंक्शन बिगड़ चुके होते हैं।
स्टेज 3 में ही हाई बीपी या हड्डियों की समस्या जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं का उपचार बहुत जरूरी है क्योंकि यह किडनी की कार्यक्षमता में कमी को धीमा करने में भी मदद कर सकता है। स्टेज 4 में, किडनी को गंभीर क्षति पहुंच चुकी होती है। इस चरण में, ट्रीटमेंट बेहद जरूरी होता है और हाई बीपी या हृदय रोग जैसी अन्य समस्याओं पर भी ध्यान देते हुए इलाज किया जाता है।
स्टेज 5 किडनी फेलियर की स्थिति आ जाती है। अगर किडनी फेलियर होता है, तो जीने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस की जरूरत होती है। कई लोग सप्ताह में तीन बार, 3 से 5 घंटे के सत्रों में, हेमोडायलिसिस करवाते हैं लेकिन स्थिति गंभीर हो जाने पर लोग बार-बार, लेकिन छोटे सत्रों में डायलिसिस करवाते हैं। आमतौर पर लगभग दो घंटे के लिए ये किया जाता है। निरंतर एम्बुलेटरी पेरिटोनियल डायलिसिस में आमतौर पर लगभग 40 मिनट लगते हैं, और आपको हर दिन तीन से पांच सत्रों की जरूरत होती है। कई बार इसमें आठ से 12 घंटे लग सकते हैं और आपको इसे हर दिन करना पड़ सकता है।
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अंत में इतना ही कि अनुकूल आहार का पालन करना, पानी की मात्रा का प्रबंधन करना, बीपी और शुगर के स्तर को नियंत्रित करना, हानिकारक दवाओं से बचना, नियमित व्यायाम करना और नियमित जांच करवाना रोगी को कुछ दिनों तक जीवित रहने में मदद कर सकता है।
FAQ
किडनी खराब होने के कारण क्या है?
किडनी खराब होने के मुख्य कारणों में सबसे पहला नाम आता है डायबिटीज का। इसके अलावा हाई बीपी, पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (PKD) जिसमें लोगों को किडनी की बीमारी आनुवंशिक कारणों, इंफेक्शन और पथरी की वजह से होती है।किडनी खराब होने की शुरुआत कैसे होती है?
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षणों में लोगों को पेशाब से जुड़ी समस्याओं के साथ शरीर में सूजन की दिक्कत होती है। इस दौरान शरीर में हानिकारक पदार्थों का जमाव बढ़ जाता है जिससे स्किन की दिक्कत भी बढ़ सकती है।किडनी खराब होने से रोकने के लिए क्या करें?
किडनी खराब होने से रोकने के लिए पहले तो नमक का सेवन कम करें। ज्यादा से ज्यादा बीपी और शुगर बैलेंस रखने की कोशिश करें। इसके अलावा पानी की कमी से बचें, शरीर को हाइड्रेटेड रखें और सेहत से जुड़ी समस्याओं से बचें।
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Oct 09, 2025 14:14 IST
Published By : Pallavi Kumari