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बिना लक्षण के भी हो सकता है किडनी डैमेज, समय पर कराएं ये 5 टेस्ट

किडनी डैमेज से बचाव के लिए समय पर सीरम क्रिएटिनिन, यूरिन एल्बुमिन, जीएफआर, बीयूएन और किडनी अल्ट्रासाउंड जैसे 5 टेस्ट डॉक्‍टर की सलाह पर जरूर कराएं।
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बिना लक्षण के भी हो सकता है किडनी डैमेज, समय पर कराएं ये 5 टेस्ट


Medical Test For Kidney Damage: किडनी हमारे शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है, जो खून को साफ करने और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन दुख की बात यह है कि किडनी की बीमारी अक्सर तब तक पकड़ में नहीं आती, जब तक यह गंभीर लेवल पर न पहुंच जाए। नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, भारत में लगभग 10 में से 1 व्यक्ति किसी न किसी स्टेज की किडनी बीमारी से ग्रसित है, लेकिन ज्यादातर लोग इसका पता ही नहीं लगा पाते क्योंकि शुरुआती स्टेज पर इसके लक्षण नजर नहीं आते। लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्‍ट‍िट्यूट ऑफ मेड‍िकल साइंसेज के अस‍िसटेंट प्रोफेसर और यूरोलॉज‍िस्‍ट डॉ संजीत कुमार सिंह ने बताया क‍ि कई बार मरीजों को तब तक कोई परेशानी नहीं होती, जब तक किडनी 70-80 % तक डैमेज न हो जाए। यही वजह है कि डॉक्टर्स समय-समय पर किडनी की जांच करवाने की सलाह देते हैं, खासतौर पर उन लोगों को जिनकी फैमिली हिस्ट्री में किडनी डिजीज है, जिन्हें डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है। इस लेख में हम बताएंगे ऐसे 5 जरूरी मेडिकल टेस्ट, जो बिना किसी लक्षण के भी किडनी डैमेज का पता लगाने में मदद करते हैं और समय रहते इलाज की दिशा तय करते हैं।

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1. सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट- Serum Creatinine Test

यह टेस्ट खून में क्रिएटिनिन की मात्रा को मापता है, जो किडनी फंक्शन का अहम संकेत है। अगर क्रिएटिनिन लेवल बढ़ा हुआ हो, तो यह किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। यह टेस्ट साधारण ब्लड सैंपल से किया जाता है और किडनी हेल्थ का बेसिक इंडिकेटर माना जाता है।

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2. ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट टेस्‍ट- Glomerular Filtration Rate (GFR)

यह टेस्ट किडनी की फिल्टरिंग क्षमता को आंकता है और किडनी फंक्शन की स्टेज बताता है। जीएफआर अगर 60 से कम हो, तो यह किडनी की किसी न किसी लेवल की बीमारी का संकेत हो सकता है। यह टेस्ट उम्र, क्रिएटिनिन लेवल और जेंडर को ध्यान में रखकर, रिपोर्ट तैयार करता है।

3. यूरिन एल्बुमिन टेस्ट- Urine Albumin Test

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यूरिन एल्बुमिन टेस्ट से यह पता चलता है कि यूरिन में प्रोटीन (एल्बुमिन) की मात्रा कितनी है। सामान्य स्थिति में यूरिन में प्रोटीन न के बराबर होता है, लेकिन अगर किडनी डैमेज हो रही हो, तो प्रोटीन, यूरिन में लीक होने लगता है। यह टेस्ट किडनी डिजीज की शुरुआती पहचान में बेहद असरदार माना जाता है।

4. ब्लड यूरिया नाइट्रोजन टेस्‍ट- Blood Urea Nitrogen (BUN)

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, एक प्रकार का ब्‍लड टेस्‍ट है। इस टेस्ट से यह पता चलता है कि खून में यूरिया नाइट्रोजन की मात्रा कितनी है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो यह लेवल बढ़ने लगता है। यह टेस्ट भी ब्लड सैंपल से होता है और किडनी के साथ लिवर फंक्शन की जानकारी भी देता है।

5. किडनी अल्ट्रासाउंड- Kidney Ultrasound

यह एक इमेजिंग टेस्ट है जिससे किडनी का साइज, शेप और किसी भी तरह की गांठ या ब्लॉकेज का पता चलता है। अगर किडनी में कोई गड़बड़ी हो, तो यह टेस्ट तुरंत उसकी जानकारी देता है। डॉक्टर इसे तब भी करवाने की सलाह देते हैं जब ब्लड या यूरिन टेस्ट में गड़बड़ी पाई जाए।

किडनी की बीमारियां अक्सर चुपचाप बढ़ती हैं और समय पर टेस्ट न कराने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। अगर आपको हाई बीपी, डायबिटीज या फैमिली हिस्ट्री है, तो साल में एक बार ये 5 टेस्ट जरूर करवाएं। समय रहते बीमारी पकड़ में आ जाए, तो किडनी को बचाना संभव है और जिंदगी बेहतर हो सकती है।

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FAQ

  • किडनी डैमेज होने के क्या लक्षण होते हैं?

    किडनी डैमेज होने पर शरीर में सूजन (खासकर पैर, टखने और चेहरे पर), पेशाब में बदलाव (रंग, मात्रा, झाग), थकान और उल्टी जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
  • किडनी की समस्या का पहला संकेत क्या है?

    पेशाब करने में बदलाव (जैसे बार-बार पेशाब आना या कम आना) और शरीर में हल्की सूजन, किडनी की समस्या का शुरुआती संकेत हो सकता है।
  • किडनी को स्वस्थ कैसे करें?

    क‍िडनी को स्‍वस्‍थ रखने के ल‍िए पर्याप्त पानी पिएं, नमक और प्रोसेस्ड फूड कम लें और ब्लड प्रेशर और शुगर को कंट्रोल में रखें ताकि किडनी हेल्दी रहे।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 22, 2025 20:00 IST

    Published By : Yashaswi Mathur