Albumin Test in Hindi: एल्बुमिन टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट को करने के लिए ब्लड सैंपल लेना जरूरी है। हमारे शरीर में एल्बुमिन नाम का प्रोटीन, शरीर की सही कार्यप्रणाली के लिए जरूरी माना जाता है। यह शरीर के द्रव संतुलन को बनाए रखता है। सेल्स के विकास और टिशू के डैमेज होने की स्थिति में भी एल्बुमिन प्रोटीन सहायक होता है। जिन लोगों को लिवर और किडनी की बीमारी होती है, उन्हें कई बार इस जांच को कराने की जरूरत होती है। जब किडनी या लिवर सही तरीके से काम करना बंद कर देते हैं, तो एल्बुमिन के स्तर में उतार-चढ़ाव होने लगता है। इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर को एल्बुमिन टेस्ट की जरूरत होती है। चलिए जानते हैं इस टेस्ट की जरूरत कब और क्यों पड़ती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
एल्बुमिन टेस्ट क्या होता है?- Albumin Test in Hindi
एल्बुमिन टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट व्यक्ति के रक्त में एल्बुमिन नाम के प्रोटीन की मात्रा को मापता है। यह टेस्ट किसी व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति को जानने में मदद करता है। इस टेस्ट की मदद से मुख्य तौर पर लिवर और किडनी की बीमारियों को पकड़ने में मदद मिलती है। जैसे- गुर्दे की कमजोरी, फाइब्रोसिस और सिरोसिस आदि। एल्बुमिन नाम का यह प्रोटीन लिवर में इकट्ठा होता है।
एल्बुमिन टेस्ट की जरूरत कब पड़ती है?- Albumin Test Purpose
एल्बुमिन टेस्ट की आवश्यकता विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं की जांच में होती है जैसे-
- किडनी और लिवर की बीमारियों की जांच करने के लिए एल्बुमिन टेस्ट किया जाता है। किडनी या लिवर में होने वाली खराबी का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। अगर लिवर या किडनी में खराबी होगी, तो खून में एल्बुमिन की मात्रा कम होगी।
- इन्फेक्शन या एलर्जी का पता लगाने के लिए भी एल्बुमिन टेस्ट किया जाता है।
- शिशुओं में कम वजन की समस्या और पोषण की कमी का पता लगाने के लिए भी इस टेस्ट की मदद ली जाती है।
- आहार की कमी या किसी शारीरिक समस्या के कारण एल्बुमिन की मात्रा कम हो सकती है। इसका पता लगाने के लिए भी जांच की जाती है।
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एल्बुमिन टेस्ट की प्रक्रिया- Albumin Test Procedure
- एल्बुमिन टेस्ट को करने से पहले किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती।
- हालांकि टेस्ट से ठीक पहले कुछ खाने या दवा लेने से बचना चाहिए।
- सबसे पहले व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया जाता है। सैंपल को परीक्षण ट्यूब में रखा जाता है।
- खून को सेंट्रिफ्यूज किया जाता है ताकि विभिन्न घटकों को अलग किया जा सके।
- इसके बाद टैक्निशियन खून में एल्बुमिन की मात्रा को मापते हैं।
- एल्बुमिन की सामान्य सीमा करीब 3.4 और 3.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है।
एल्बुमिन टेस्ट केवल प्रशिक्षित संस्थान से ही कराएं। एल्बुमिन टेस्ट को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही कराया जा सकता है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
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