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OGCT Test in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में ओरल ग्लूकोस चैलेंज टेस्ट क्‍यों क‍िया जाता है? डॉक्‍टर से जानें

OGCT Test in Pregnancy: टेस्‍ट की मदद से यह पता लगाया जाता है क‍ि शरीर, शुगर के साथ कैसा र‍िस्‍पांस कर रहा है, ताक‍ि डायब‍िटीज की पुष्‍ट‍ि हो सके। 
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OGCT Test in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में ओरल ग्लूकोस चैलेंज टेस्ट क्‍यों क‍िया जाता है? डॉक्‍टर से जानें


OGCT Test in Pregnancy: ओरल ग्‍लूकोल चैलेंज टेस्‍ट (OGCT) की मदद से यह पता लगाया जाता है क‍ि आपको डायब‍िटीज का खतरा है या आपको डायब‍िटीज की बीमारी हो चुकी है। जब भी एक सामान्‍य वक्‍त‍ि खाना खाता है, तो उसके शरीर में ब्‍लड शुगर लेवल हाई होता है। हमारे शरीर में एक हार्मोन होता है ज‍िसे इंसुल‍िन कहा जाता है। इंसुल‍िन की मदद से शुगर को ब्‍लड से सेल्‍स तक पहुंचाने में मदद म‍िलती है। इस तरह ब्‍लड शुगर लेवल नार्मल हो जाता है। लेक‍िन अगर आपको टाइप 2 डायब‍िटीज होगी, तो इंसुल‍िन अपना काम नहीं कर पाएगा। ज्‍यादा शुगर के कारण ब्‍लड वैसल्‍स को नुकसान पहुंचता है। इस वजह से प्रेग्नेंसी में हार्ट ड‍िजीज, नर्व डैमेज, आई ड‍िजीज और क‍िडनी डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के ल‍िए जांच करवाना जरूरी है। प्रेग्नेंसी में डायब‍िटीज को चेक करने के ल‍िए एक टेस्‍ट क‍िया जाता है ज‍िसे ओजीसीटी टेस्‍ट कहा जाता है। इस लेख में ओजीसीटी टेस्‍ट के बारे में व‍िस्‍तार से जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।     

OGCT test in pregnancy

ओजीसीटी टेस्‍ट की जरूरत कब पड़ती है?- When OGCT Test is Required  

  • अगर आपको जेस्‍टेशनल डायब‍िटीज की समस्‍या है, तो यह टेस्‍ट करवाना पड़ सकता है।
  • पीसीओडी होने पर भी डॉक्‍टर ओजीसीटी टेस्‍ट करवाने की सलाह देते हैं। 
  • पर‍िवार में क‍िसी को ब्‍लड शुगर की श‍िकायत हो, तो यह जांच जरूर करवाएं।  
  • अगर आपको हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या है, तो भी डॉक्‍टर इस जांच को करवाने की सलाह देते हैं। 
  • जो मह‍िलाएं मोटी होती हैं, उन्‍हें ओजीसीटी टेस्‍ट करवाना पड़ता है।

ओजीसीटी टेस्‍ट कैसे क‍िया जाता है?- How OGCT Test is Performed

  • ओजीसीटी टेस्‍ट करने के ल‍िए आपके हाथों की नस में से ब्‍लड सैंपल ल‍िया जाता है। 
  • इसके बाद ग्‍लूकोज का पानी पीने के ल‍िए द‍िया जाता है। 
  • प्रेग्नेंसी में 1 घंटे बाद ब्‍लड शुगर लेवल की जांच होती है। 
  • इस टेस्‍ट को आप खाने के बाद करवा सकती हैं। ध्‍यान रहे क‍ि अब ज्‍यादा दवाएं या चीनी का सेवन न करें।

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ओजीसीटी टेस्‍ट का नार्मल स्‍तर क्‍या है?- Normal Range of OGCT Test

ओजीसीटी टेस्‍ट में आपको एक शुगर ड्र‍िंक पीने के ल‍िए दी जाती है। ड्र‍िंक पीने के बाद आपका ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ेगा। लेक‍िन 

चीनी वाली ड्र‍िंक खत्‍म करने के बाद, जैसे-जैसे इंसुल‍िन, ग्‍लूकोज को सेल्‍स में भेजेगा, वैसे-वैसे शरीर में ब्‍लड शुगर लेवल सामान्‍य होता जाएगा। लेक‍िन अगर इसमें जरूरत से ज्‍यादा समय लग रहा है, तो आपको डायब‍िटीज का खतरा हो सकता है। अगर आपका ब्‍लड शुगर लेवल 140 mg/dL से कम है, तो यह नार्मल माना जाएगा। अगर ब्‍लड शुगर लेवल 200 या उससे ज्‍यादा है, तो इसे डायब‍िटीज कहा जाएगा। 140 से 199 के बीच प्री-डायब‍िटीज स्‍टेज होती है। ओजीसीटी टेस्‍ट में आपको 3 या उससे ज्‍यादा घंटों का समय लग सकता है। इस जांच में शुगर वाली ड्र‍िंक पीने से पहले ब्‍लड सैंपल ल‍िया जाएगा। फ‍िर उसके बाद हर घंटे में खून की जांच होगी। प्रेग्नेंसी में 140 mg/dL या उससे ज्‍यादा ब्‍लड शुगर लेवल होना, असामान्‍य माना जाता है।   

ओजीसीटी टेस्‍ट का पर‍िणाम- OGCT Test Result 

अगर ओजीसीटी टेस्‍ट से डायब‍िटीज होने की संभावना का पता चलता है, तो डॉक्‍टर ए1सी टेस्‍ट करवाते हैं ताक‍ि यह बात कंफर्म हो सके क‍ि आपको डायब‍िटीज है या नहीं। ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के ल‍िए डॉक्‍टर हेल्‍दी डाइट, एक्‍सरसाइज और दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। प्रेग्नेंसी में हेल्‍दी डाइट और फ‍िज‍िकल एक्‍ट‍िव‍िटी की मदद से डायब‍िटीज से बचा जा सकता है। अगर आपको जेस्‍टेशेनरल डायब‍िटीज यानी गर्भकालीन डायब‍िटीज है, तो ड‍िलीवरी के बाद टाइप 2 डायब‍िटीज का खतरा बढ़ सकता है।  अगर ओजोसीटी पर‍िणाम में यह नजर आता है क‍ि आप प्री-डायब‍िटीज की स्‍टेज पर हैं, तो हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल की मदद से इस समस्‍या को खत्‍म क‍िया जा सकता है। 

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