Weird Early Signs Of Pregnancy In Hindi: जब महिला कंसीव करती है, तो शुरुआती महीनों में उन्हें कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। इनमें सिर घूमना, उल्टी होना, मतली, जी मचलाना, खाने का मन न करना, मॉर्निंग सिकनेस जैसी तमाम लक्षण शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग भी होती है। इस तरह के लक्षणों को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि महिला गर्भवती है। इसके बाद, उन्हें अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में कुछ अजीबो-गरीब लक्षण भी नजर आते हैं। संभवतः इनके बार में आपको कोई नहीं बताएगा, लेकिन हर दूसरी गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरण में इनसे गुजरती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि वो कौन-से अजीबो-गरीब लक्षण हैं। इनके बारे में जानकर आप अपनी सेहत का विशेष ध्यान रख सकते हैं। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
प्रेग्नेंसी के असामान्य लक्षण- Weird Early Signs Of Pregnancy In Hindi
वजाइनल डिस्चार्ज होना
यूं तो प्रेग्नेंसी में वजाइनल डिस्चार्ज होना सामान्य होता है। इसलिए, इसे अक्सर प्रेग्नेंसी से जोड़कर नहीं देखा जाता है। जबकि, ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुअती तीन महीनों में वजाइनल डिस्चार्ज सामान्य से ज्यादा होता है। वजाइनल डिस्चार्ज चिपचिपा, सफेद या लाइफ येलो कलर का म्यूकस होता है। वास्तव में, प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, ऐसे में कई बार महिलाओं को वजाइनल ब्लीडिंग हो जाती है। यही वजाइनल डिस्चार्ज का कारण बनता है। अगर वजाइनल डिस्चार्ज के साथ-साथ बहुत गंध, जलन, खुजली भी हो, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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सिरदर्द, ऐंठन और बार-बार पेशाब आना
जैसा कि आप जानते ही हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान काफी ज्यादा हार्मोनल चेंजेस होते हैं। ऐसे में ब्लड वॉल्यूम में भी बदलाव हो जाता है। शरीर में हो रहे कई तरह के बदलाव के कारण कई महिलाओं में सिरदर्द की समस्या हो जाती है। कुछ गर्भवती महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में दर्द रहता है। यह दर्द मासिक धर्म में होने वाले दर्द जैसा होता है। यही नहीं, कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में बार-बार पेशाब की अर्ज होती है। वैसे प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में ऐसा होता है। लेकिन, कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुअती दिनों में भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।
कब्ज की समस्या
प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या होना भी बहुत आम है। विशेषज्ञों की मानें, तो इसकी वजह है, जैसे-जैसे गर्भ में पल रहे शिशु का आकार बढ़ता है, उसका दबाव बाउल मूवमेंट पर पड़ता है। ऐसे में महिला को कब्ज की समस्या समस्या हो जाती है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी की शुरुअती दिनों में यह समस्या इसलिए होती है, क्योंकि महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेस होते हैं। ऐसे में महिला को कब्ज की शिकायत हो सकती है।
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स्पॉटिंग होना
ज्यादातर महिलाओं को यही लगता है कि कंसीव करने के बाद महिलाओं को पीरियड्स नहीं होते हैं। जबकि, हर महिला के साथ ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में स्पॉटिंग होने लगती है। वहीं, कुछ महिलाओं को लाइट ब्लीडिंग भी होती है। असल में, ऐसा तब होता है जब फर्टिलाइज्ड एग यूटेरीन लाइनिंग से अटैच होता है। इसे इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है। कंसीव करने के बाद दो सप्ताह तक इस तरह की ब्लीडिंग को नॉर्मल ब्लीडिंग माना जा सकता है। आपको बता दें कि कई बार प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग होना किसी गंभीर बीमारी की ओर भी इशारा करता है। जैसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, मिसकैरेज आदि।
इम्यूनिटी का कमजोर होना
कंसीव करने के बाद से ही महिला की इम्यूनिटी काफी वीक हो जाती है। वह आसानी से भी तरह के इंफेक्शन या बीमारी की चपेट में आ सकती है। विशेषकर, प्रेग्नेंसी की शुरुअती महीनों में महिला को आसानी से फ्लू, बुखार हो सकता है। इसलिए, एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंसी की शुरुआती महीनों में महिला को बहुत संभलकर रहना चाहिए। क्योंकि महिला की बीमारी का बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है।
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