
Best Ayurvedic Tea for Winter: सर्दियों का मौसम आते ही ठंड के साथ-साथ शरीर की कई अंदरूनी समस्याएं भी धीरे-धीरे सिर उठाने लगती हैं। सुबह उठते ही हाथ-पैरों में जकड़न, सुस्ती, नसों में खिंचाव, बार-बार ठंड लगना और ब्लड सर्कुलेशन का धीमा पड़ जाना आम शिकायत बन जाती है। कई लोगों को इस मौसम में अचानक सुन्नपन, झनझनाहट या कमजोरी भी महसूस होने लगती है, जिसे अक्सर हम मौसम का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन आयुर्वेद मानता है कि यही समय होता है जब शरीर को अंदर से गर्म रखने और नसों को मजबूत करने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
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मॉर्डन लाइफस्टाइल में लोग सर्दियों में चाय-कॉफी या बाजार में मिलने वाले फ्लेवर्ड ड्रिंक्स पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं, जो थोड़ी देर के लिए तो गर्माहट देते हैं लेकिन शरीर की जड़ों तक ठंड को दूर नहीं कर पाते। आयुर्वेद इसके ठीक उलट सोच रखता है, आयुर्वेद कहता है कि अगर सही जड़ी-बूटियों को सही अनुपात में लिया जाए, तो एक साधारण सी हर्बल चाय भी दवा का काम कर सकती है। यही वजह है कि पुराने समय में सर्दियों के लिए खास आयुर्वेदिक काढ़े और चाय बनाई जाती थीं। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, सर्दियों में कौन-सी आयुर्वेदिक चाय पीनी चाहिए?
सर्दियों में कौन सी आयुर्वेदिक चाय पीनी चाहिए? - Which tea is good in winter
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, कुछ खास औषधीय जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाई गई हर्बल चाय सर्दियों के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों का मौसम मुख्य रूप से वात दोष को बढ़ाने वाला होता है। वात बढ़ने से शरीर में रूखापन, ठंडक, नसों की कमजोरी और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में ऐसी चाय का सेवन करना चाहिए जो शरीर को ऊष्णता (Which type of tea is best for a cold) दे, अग्नि को मजबूत करे और नसों को पोषण पहुंचाए। आयुर्वेदिक हर्बल टी न सिर्फ ठंड से बचाती है बल्कि लंबे समय तक सेवन करने पर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकती है।
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- ब्राह्मी और जटामांसी को आयुर्वेद में मस्तिष्क और नसों के लिए बेहद उपयोगी माना गया है। ये दोनों जड़ी-बूटियां नर्व सिस्टम को मजबूत करती हैं और मानसिक तनाव को कम करती हैं।
- तुलसी और मुलेठी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं। सर्दियों में बार-बार होने वाली खांसी, जुकाम और गले की खराश से बचाव में ये बेहद फायदेमंद हैं।
- गुलाब के फूल शरीर को अंदर से ठंडक और संतुलन प्रदान करते हैं, जिससे चाय का असर ज्यादा संतुलित हो जाता है।
आयुर्वेदिक चाय बनाने के लिए क्या सामग्री चाहिए? - What are the ingredients in Ayurveda tea
- आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि सर्दियों में ब्राह्मी, तुलसी, अश्वगंधा, जटामांसी, सौंफ, दालचीनी, तेज पत्ता, गुलाब के फूल और मुलेठी को मिलाकर एक विशेष चाय बनाई जा सकती है।
- इन सभी जड़ी-बूटियों का संयोजन शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
- उनका कहना है कि नियमित रूप से इस चाय का सेवन करने से नसों को मजबूती मिलती है और पैरालिसिस जैसी गंभीर समस्याओं से बचाव में भी मदद मिल सकती है।
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आयुर्वेदिक चाय कैसे बनती है?- How do you make Ayurvedic tea
इस चाय को बनाने के लिए सभी जड़ी-बूटियों को सुखाकर हल्का कूट लें। एक कप पानी में आधा चम्मच यह मिश्रण डालकर 5-7 मिनट तक उबालें। बाद में छानकर गुनगुना पिएं। चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं, लेकिन चाय हल्की ठंडी होने पर ही शहद डालें।
निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में सही जड़ी-बूटियों से बनी चाय शरीर के लिए अमृत के समान हो सकती है। डॉक्टर श्रेय शर्मा द्वारा सुझाई गई यह आयुर्वेदिक विंटर टी न केवल शरीर को गर्म रखती है बल्कि ब्लड सर्कुलेशन सुधारने, नसों को मजबूत करने और पैरालिसिस जैसी समस्याओं से बचाव में भी सहायक मानी जाती है। अगर सर्दियों में आप प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक हर्बल चाय को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।
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FAQ
क्या हर्बल टी रोज पी जा सकती है?
आयुर्वेदिक हर्बल टी को रोजाना सीमित मात्रा में पिया जा सकता है। यह शरीर को गर्म रखने, पाचन सुधारने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है, लेकिन किसी भी जड़ी-बूटी का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।क्या आयुर्वेदिक चाय से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है?
कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां रक्त संचार को सक्रिय यानी एक्टिव करने में मदद करती हैं। दालचीनी, तेज पत्ता और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां नसों तक रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में सहायक मानी जाती हैं।क्या आयुर्वेदिक हर्बल टी सभी उम्र के लोग पी सकते हैं?
सामान्य तौर पर वयस्क इसे सुरक्षित रूप से पी सकते हैं। बुजुर्गों और बच्चों के लिए मात्रा और जड़ी-बूटियों का चयन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से करना बेहतर होता है।हर्बल टी पीने का सही समय क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट या शाम के समय हर्बल टी पीना सबसे फायदेमंद माना जाता है। रात में बहुत देर से इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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Dec 20, 2025 10:26 IST
Published By : Akanksha Tiwari