
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन (Male Hormonal Imbalance) एक आम लेकिन अनदेखी समस्या बन गई है। पहले जहां यह दिक्कत उम्र बढ़ने के साथ दिखती थी, अब 25-30 साल की उम्र के युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। लगातार तनाव, नींद की कमी, जंक फूड, शराब, धूम्रपान और बैठे-बैठे काम करने की आदत शरीर में टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) जैसे जरूरी हार्मोन के लेवल को घटा रही है। हार्मोन शरीर में नींद, मूड, मांसपेशियों, फर्टिलिटी तक को कंट्रोल करते हैं। जब ये असंतुलित हो जाते हैं, तो पुरुषों को थकान, वजन बढ़ना, बाल झड़ना, मूड स्विंग, कामेच्छा में कमी और नींद न आने जैसी समस्याएं घेर लेती हैं। कई बार यह समस्या धीरे-धीरे डिप्रेशन और आत्मविश्वास की कमी का कारण भी बन जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, पुरुषों में हार्मोनल बैलेंस वीर्य धातु और प्राणशक्ति से जुड़ा होता है।
अगर आप दवाइयों के बिना अपने शरीर को फिर से एनर्जेटिक, आत्मविश्वासी और संतुलित बनाना चाहते हैं, तो योग आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है। इस लेख में हम दिल्ली स्थित वेदांत योग फाउंडेशन के फाउंडर, योग गुरु ओम प्रकाश (Yoga Guru Om Prakash, Founder of Vedanta Yoga Foundation, Delhi) से जानेंगे 5 ऐसे पावरफुल योगासन, जो पुरुषों के हार्मोनल बैलेंस को बढ़ाते हैं, तनाव घटाते हैं और जीवन में फिर से जोश और एनर्जी भर देते हैं।
पुरुषों में हार्मोन संतुलन के लिए योगासन - Yoga Poses To Boost Male Hormonal Balance
1. पद्मासन और ध्यान - Lotus Pose with Meditation
योग केवल शरीर की एक्सरसाइज नहीं, बल्कि मन की भी एक्सरसाइज है। पद्मासन में बैठकर ध्यान करने से शरीर में हार्मोनल एक्टिविटीज स्थिर होती हैं। इसे करने के लिए पद्मासन में बैठें, आंखें बंद करें और गहरी सांस लें और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी करें। ऐसा करने से एंडोक्राइन सिस्टम शांत और संतुलित होता है, एनर्जी बढ़ती है और ध्यान करने से मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का लेवल स्वाभाविक रूप से स्थिर होता है।
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2. भुजंगासन - Cobra Pose
भुजंगासन को योग में सूर्य की एनर्जी का प्रतीक माना जाता है, यह आसन रीढ़ को लचीला बनाते हुए शरीर की ग्रंथियों को एक्टिव करता है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए पेट के बल लेटकर हथेलियों को कंधों के पास रखें। सांस भरते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। रोजाना इस आसन का अभ्यास लगभग 10 मिनट तक करें। यह आसन एड्रिनल ग्रंथियों को उत्तेजित करता है जिससे तनाव कम होता है, इसके अलावा टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन के लेवल को भी संतुलित करता है।
3. सेतुबंधासन - Bridge Pose
सेतुबंधासन पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी आसन है। यह आसन रीढ़, पेल्विक और थायराइड ग्रंथि को एक्टिव करता है। सेतुबंधासन का अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैर जमीन पर रखें। हाथों से टखनों को पकड़ते हुए धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर उठाएं। इस आसन का अभ्यास करने से यौन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है दो कि टेस्टोस्टेरोन के रिलीज में मदद करता है, इसके अलावा यह आसन स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल को कंट्रोल करता है।
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4. धनुरासन - Bow Pose
धनुरासन पूरे शरीर की मांसपेशियों और आंतरिक अंगों पर एक साथ काम करता है। इसका अभ्यास करने के लिए पेट के बल लेटें, घुटनों को मोड़कर टखनों को पकड़ें और सांस भरते हुए शरीर को ऊपर उठाएं ताकि शरीर धनुष की आकृति में आ जाए। यह आसन एंडोक्राइन सिस्टम को उत्तेजित करता है जिससे टेस्टोस्टेरोन, ग्रोथ हार्मोन और इंसुलिन का संतुलन बना रहता है।
5. बालासन - Child Pose
बालासन सरल लेकिन बेहद प्रभावी आसन है, यह शरीर और मन दोनों को गहराई से शांत करता है। बालासन का अभ्यास करने के लिए घुटनों के बल बैठें, सिर को जमीन की ओर झुकाएं और हाथों को आगे की ओर फैलाएं। इस आसन का रोजाना अभ्यास तनाव और चिंता कम करता है, जिससे कॉर्टिसोल का लेवल घटता है। योगाचार्य के अनुसार, जब मन शांत होता है, तभी शरीर में हार्मोनल बैलेंस संभव होता है।
निष्कर्ष
पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन का समाधान केवल दवाइयों में नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल में छिपा है। नियमित योगाभ्यास, बैलेंस डाइट, पर्याप्त नींद और तनाव मैनेजमेंट इस समस्या से निपटने के नेचुरल उपाय हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर, मन और आत्मा तीनों संतुलित रहते हैं, तभी व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
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FAQ
हार्मोनल असंतुलन का कारण क्या है?
हार्मोनल असंतुलन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तनाव, नींद की कमी, गलत खानपान, शराब-धूम्रपान, इनएक्टिव लाइफस्टाइल, थायराइड समस्या और उम्र बढ़ना।क्या केवल योग करने से हार्मोनल इंबैलेंस ठीक हो सकता है?
योग बहुत प्रभावी उपाय है, लेकिन इसे बैलेंस डाइट, पर्याप्त नींद और तनाव-मुक्त लाइफस्टाइल के साथ अपनाने पर अच्छे रिजल्ट मिलते हैं।योग करने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है?
सुबह सूर्योदय के समय या शाम को सूर्यास्त से पहले योग करना सबसे बेहतर माना जाता है। यह समय शरीर में प्राणशक्ति के प्रवाह और हार्मोनल संतुलन दोनों को बढ़ाता है।
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Oct 27, 2025 16:06 IST
Published By : Akanksha Tiwari