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What Are The Effects Of Not Enough Water In Children: सर्दियों में बच्चे ही नहीं, वयस्क भी कम पानी पीते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन दिनों प्यास कम लगती है और बच्चे फिजिकल एक्टिविटी भी कम करते हैं। इस वजह से शरीर से पसीना भी नहीं बहता है। आपको बताते दें कि फिजिकली एक्टिव रहने की वजह से प्यास अधिक लगती है, जिससे जरूर अनुसार हम पानी पीते रहते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मौसम कोई भी हो, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इसके कई नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। खासकर, बच्चों के लिए यह सही नहीं है। सवाल है, बच्चे सर्दियों में कम पानी पिएं, तो इसका शरीर पर क्या असर पड़ता है? आइए, जानते हैं नोएडा सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Paediatrics डॉ. अंकुर चावला से।
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बच्चों के लिए सर्दियों में कम पानी पीने के नुकसान- Side Effects Of Not Drinking Enough Water In Child
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शारीरिक समस्याएं
अगर बच्चा सर्दियों में लंबे समय तक कम पानी पीता है, तो इसकी वजह से उन्हें कॉग्निटिव और फिजिकल इंपेयरमेंट हो सकता है। इसका मतलब है कि उन्हें थकान, कमजोरी, सिरदर्द, फोकस करने में दिक्कत आने लगती है। यहां तक कि पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने की वजह से उनकी फिजिकल परफॉर्मेंस पर भी नेगेटिव असर पड़ सकता है।
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मूड में बदलाव
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि जब बच्चा पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीता है, तो इसका नेगेटिव असर उनके मूड पर भी पड़ता है। बच्चा शरीर में पानी की कमी की वह से चिड़चिड़ा हो सकता है और बात-बात पर गुस्सा भी दिखा सकता है।
पाचन संबंधी समस्या
यह कहने की जरूरत नहीं है कि अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो इसकी वजह से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। ऐसा ही बच्चों के साथ भी होता है। विशेषज्ञों की मानें, पानी की कमी की वजह से कब्ज जैसी दिक्कत बच्चों को परेशान कर सकती है। यहां तक कि उन्हें मल त्याग प्रक्रिया में खून भी आ सकता है। ऐसी गंभीर मामलों में देखने को मिलता है।
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बहुत ज्यादा प्यास लगना
जब शरीर में बहुत ज्यादा पानी की कमी हो जाती है, तो इस स्थिति में बच्चों को प्यास भी बहुत ज्यादा प्यास लगती है। अगर समय पर बच्चा पानी नहीं पीता है, तो उनकी आंखें डबडबाई सी महसूस होती हैं, हाथ-पांव ठंडे पड़ जाते हैं और स्किन भी ड्राई हो जाती है। कुछ मामलों में बच्चों का मुंह सूख जाता है और होंठ भी फटने लगते हैं।
पेशाब कम आना
शरीर में पानी की कमी होने पर बच्चे को पेशाब भी कम आने लगता है और उनके यूरिन का रंग भी डार्क हो जाता है। पैरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चां के पेशाब के रंग से उनकी सेहत के बारे में कई बातों का खुलासा होता है। अगर बच्चे के पेशाब का रंग पीला है, तो यह अन्य बीमारियों का भी संकेत हो सकता है। इसलिए, बच्चे के शरीर में कभी भी पानी की कमी न होने दें और समय-समय पर उन्हें पानी पिलाते रहें।
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गंभीर समस्याएं
अगर बच्चा बहुत लंबे समय से डिहाइड्रेशन का शिकार है यानी उनकी बॉडी में पर्याप्त पानी नहीं है, तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। जैसे उनके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो सकता है, दौरे पड़ सकते हैं और ब्रेन डैमेज हो सकता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास
अगर बच्चा कम पानी पी रहा है और बॉडी डिहाइड्रेट है, तो उन्हें इसके लक्षणों पर गौर करना चाहिए, जैसे बच्चे का कंफ्यूजन हो रही है, सांस लेने की गति बढ़ गई है और लगभग 12 घंटों से ज्यादा समय तक पेशाब नहीं किया है। इस तरह के सभी लक्षण नजर आने पर तुरंत बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाएं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि बच्चे को रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। फिर चाहे, मौसम सर्दी का हो या गर्मी का। अगर बच्च की बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है, तो यह सही नहीं है। इसका नेगेटिव असर भले ही तुरंत नजर नहीं आता है, लेकिन धीरे-धीरे बच्चे की ओवर ऑल हेल्थ्र पर बुरा असर दिखने लगता है।
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FAQ
बच्चों में पानी की कमी के क्या लक्षण हैं?
बच्चों में पानी कमी होने पर कई लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे रोने पर आंसू न आना, मुंह सूखा होना, कम पेशाब आना और थकान या कमजोरी महसूस करना।सर्दियों में एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए?
सर्दियों में एक स्वस्थ व्यक्ति को 2.5 से 3 लीटर (8-10 गिलास) पानी पीना चाहिए। हालांकि, हर व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करती है। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो उन्हें डॉक्टर से पूछकर सही पोर्शन में पानी पीना चाहिए।सुबह उठते ही बच्चों को क्या खिलाना चाहिए?
सुबह उठते ही बच्चों को गुनगुना पानी, फलों का जूस, दूध या दही और हर्बल पानी पीने के लिए दे सकते हैं। इससे वे दिनभर एनर्जेटिक रहते हैं और मोटापा भी कम होता है।
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Nov 25, 2025 18:41 IST
Published By : Meera Tagore