Doctor Verified

इंसुलिन रेजिस्टेंस को न करें नजरअंदाज, वरना शरीर को हो सकते हैं ये 5 नुकसान

इंसुलिन रेजिस्टेंस को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह न केवल वजन बढ़ाता है, बल्कि डायबिटीज, हार्ट डिजीज, हार्मोनल असंतुलन और फैटी लिवर जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
इंसुलिन रेजिस्टेंस को न करें नजरअंदाज, वरना शरीर को हो सकते हैं ये 5 नुकसान


इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) अक्सर एक छिपी हुई बीमारी होती है, लेकिन इसका असर शरीर पर काफी गहरा और लंबे समय तक रहता है। जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन पर सही प्रतिक्रिया नहीं देतीं, तो पैंक्रियाज (अग्न्याशय) जरूरत से ज्‍यादा इंसुलिन बनाने लगता है। इससे इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है, जिसे हाइपरइंसुलिनमिया (Hyperinsulinemia) कहा जाता है। शुरू में यह शरीर के लिए फायदेमंद लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह कई मेटाबॉलिक बीमारियों का कारण बन सकता है। इस लेख में जानेंगे शरीर के ल‍िए इंसुलिन रेजिस्टेंस के नुकसान। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Dr. Raman Boddula, Senior Consultant Endocrinologist At Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।

insulin-resistance-in-hindi

1. टाइप 2 डायबिटीज- Type 2 Diabetes

  • Dr. Raman Boddula ने बताया क‍ि पेट के आसपास फैट जमा होना इंसुलिन रेजिस्टेंस का सबसे पहला संकेत है। इसके कारण वजन और कमर का माप बढ़ सकता है, भले ही व्यक्ति हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो कर रहा हो।
  • अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो शुगर कंट्रोल बिगड़ने लगता है और धीरे-धीरे प्री-डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकता है।

इसे भी पढ़ें- क्या Insulin Resistance की समस्या होने पर वजन कम करना मुश्किल हो जाता है? डॉक्टर से क्या करें

2. द‍िल की बीमार‍ियां- Heart Diseases

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस का असर सिर्फ ब्लड शुगर तक सीमित नहीं है।
  • यह हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्‍क्लेरोसिस (धमनियों में फैट जमना), हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देता है।
  • शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ते हैं और एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) कम हो जाता है, जिससे दिल की बीमारियों (Heart Disease) का खतरा और बढ़ जाता है।

3. हार्मोनल असंतुलन- Hormonal Imbalance

महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस, हार्मोनल असंतुलन, पीरियड्स की अनियमितता, पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) और बांझपन (Infertility) का कारण बन सकती है।

4. टेस्टोस्टेरोन कम होना- Low Testosterone

  • पुरुषों में इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण फैट बढ़ने और टेस्टोस्टेरोन कम होने (Testosterone Kam Hone) की समस्‍या हो सकती है।
  • इसके साथ ही थकान, ध्यान की कमी और मसल्स की ताकत में गिरावट जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।

5. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन- Oxidative Stress And Inflammation

  • ज्‍यादा इंसुलिन और ग्लूकोज शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन (Inflammation) बढ़ाते हैं, जिससे धीरे-धीरे कोशिकाओं को नुकसान होता है।
  • यह स्थिति नींद की समस्या, याददाश्त में कमी और फैटी लिवर जैसी बीमारियों से भी जुड़ी होती है।

न‍िष्‍कर्ष:

Dr. Raman Boddula का कहना है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस को सही समय पर पहचानकर और लाइफस्टाइल बदलकर ठीक भी किया जा सकता है। नियमित एक्‍सरसाइज, फाइबर और साबुत अनाज से भरपूर आहार, अच्छी नींद और तनाव कंट्रोल करना, इलाज के सबसे अच्छे तरीके हैं। शुरुआती पहचान और सुधार से आप लंबे समय की बीमारियों से बच सकते हैं और शरीर का मेटाबॉलिक बैलेंस दोबारा पा सकते हैं।

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।

Read Next

डायबिटीज के मरीज करना चाहते हैं बॉडी बिल्डिंग तो ये 3 टिप्स आएंगे काम, खुद एक्सपर्ट ने बताया

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Nov 03, 2025 16:40 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

TAGS