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इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में करें ये 7 बदलाव, मिलेंगे कई फायदे

Lifestyle and Dietary changes for Insulin Resistance: इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ बेसिक बदलावों की जरूरत होती है।  
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इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में करें ये 7 बदलाव, मिलेंगे कई फायदे

Lifestyle and dietary changes for insulin resistance in Hindi: हमारे शरीर के अग्नयाशय में इंसुलिन नामक हार्मोन बनता है। इंसुलिन का मुख्य काम शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना है। अगर यह सही तरीके से काम तरीके से काम नहीं करता है, तो डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी आपको घेर सकती है। इंसुलिन हार्मोन से ही जुड़ी एक समस्या है इंसुलिन रेजिस्टेंस। इसमें इंसुलिन उस तरीके से काम नहीं करता है, जैसा कि उसे करना चाहिए। इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से डायबिटीज के अलावा कई बीमारियां होती हैं।  स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में अगर इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है, तो इसकी वजह से पीसीओएस की समस्या होती है। इसके अलावा यह गर्भधारण करने में भी बाधा डाल सकता है। कुछ लोग इंसुलिन रेजिस्टेंस को सुधारने के लिए दवाओं और सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। लेकिन किसी भी चीज का लंबे समय तक सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक साबित हो सकता है।

अगर आप भी इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या को ठीक करने के लिए दवाओं का सहारा ले रहे हैं, तो रुक जाइए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, लाइफस्टाइल और डाइट (Dietary changes for Insulin Resistance) में थोड़े से बदलाव करके इसे ठीक किया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको उन्हीं बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं।

इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये 7 बदलाव- Lifestyle and Dietary changes for Insulin Resistance

1. अपने दिन की शुरुआत वर्जिन नारियल तेल से ऑयल पुलिंग से करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, रोजाना सुबह वर्जिन नारियल के तेल से ऑयल पुलिंग करने से मुंह के कीटाणु खत्म होते हैं और ओरल हेल्थ भी बेहतर बनती है। यह मुंह की बदबू से भी राहत दिलाता है।

2. इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक करने के लिए नारियल के तेल की पुलिंग के बाद 1 गिलास पानी पिएं और 30 मिनट तक टहलें। खाली पेट पानी पीने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। यह शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर बीमारियों से बचाव करता है।

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5. सुबह के नाश्ते में मौसमी फल + 1 चम्मच भिगोए हुए सब्जा के बीजों का पानी पिएं। सब्जा सीड्स के पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं। इसके अलावा यह इंसुलिन को भी मैनेज करने में मदद करते हैं।

3. अपने दिन की शुरुआत रात भर भिगोए हुए मेवे (काजू, बादाम, पिस्ता और किशमिश) के साथ करें। पानी में भीगे हुए मेवों के साथ आप सुबह एक कप मेथी के बीजों की चाय भी पी सकते हैं। मेथी के बीजों में कार्बोहाइड्रेट्स, अमीनो एसिड्स, मिनरल्स और जिंक जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।

4. अक्सर लोग नाश्ते या लंच करने के बाद आराम फरमाने या दिन के काम समेटने में लग जाते हैं। ऐसा करने से इंसुलिन का स्पाइक अचानक से बढ़ता है। जिसकी वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, रोजाना नाश्ते के बाद 15 मिनट टहलने से इंसुलिन स्पाइक को रोका जा सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या से राहत पाई जा सकती है।

5. सुबह के नाश्ते में मौसमी फल + 1 चम्मच भिगोए हुए सब्जा के बीजों का पानी पिएं। सब्जा सीड्स के पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं। इसके अलावा यह इंसुलिन को भी मैनेज करने में मदद करते हैं।

 
 

6. दाल, सब्जी/दही/रोटी आदि में 1 चम्मच भुने हुए अलसी के बीज मिलाएं। अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करता है।

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7. दोपहर के खाने के बाद दालचीनी का पानी जरूर पिएं। दालचीनी का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद मिलती है। साथ ही यह इंसुलिन प्रतिक्रिया भी ठीक होती है। 

All Image Credit: Freepik.com

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