मॉडर्न लाइफस्टाइल, अनियमित खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यदि इस बीमारी को समय पर कंट्रोल नहीं किया जाए, तो यह धीरे-धीरे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। डायबिटीज सिर्फ एक ब्लड शुगर की समस्या नहीं है, बल्कि यह हार्ट, किडनी, आंखों, नसों और त्वचा सहित शरीर के कई अंगों पर प्रभाव डाल सकती है। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानिए, टाइप 2 डायबिटीज के लंबे समय तक प्रभाव क्या हो सकते हैं?
टाइप 2 डायबिटीज के लंबे समय तक प्रभाव क्या हो सकते हैं? - What Are The Long Term Effects of Type 2 Diabetes
1. हार्ट डिजीज - Heart Disease
टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित व्यक्तियों में हार्ट डिजीज का खतरा काफी बढ़ जाता है। हाई ब्लड शुगर का लेवल हार्ट की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और अन्य हार्ट संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है, जो समय के साथ दिल की बीमारियों, जैसे कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में हार्ट से संबंधित समस्याओं का खतरा सामान्य से अधिक होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ब्लड में शुगर की अधिकता ब्लड वैसेल्स को कमजोर करती है और उनके आकार को बदल देती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट उत्पन्न होती है।
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2. गुर्दे की समस्याएं - Kidney Problems
टाइप 2 डायबिटीज से किडनी पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। हाई ब्लड शुगर लेवल किडनी में ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। यह स्थिति डायबेटिक नेफ्रोपैथी (diabetic nephropathy) के रूप में सामने आती है, जो गुर्दे की कार्यप्रणाली को कम करने का कारण बन सकती है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकती है।
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3. दृष्टि समस्याएं - Vision Problems
टाइप 2 डायबिटीज का एक और दीर्घकालिक प्रभाव आंखों पर भी पड़ता है। ब्लड शुगर के लेवल में उतार-चढ़ाव से आंखों की ब्लड वैसेल्स में नुकसान हो सकता है, जिससे डायबेटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy) जैसी आंखों की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह स्थिति आंखों में रक्त वाहिकाओं के लीक होने, सूजन और धुंधली दृष्टि का कारण बन सकती है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह अंधेपन तक भी पहुंच सकता है। इसके अलावा, डायबिटीज के कारण मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी समस्याएं भी विकसित हो सकती हैं।
4. नर्व डैमेज - Nerve Damage
टाइप 2 डायबिटीज का एक गंभीर प्रभाव तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है, जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी (diabetic neuropathy) कहा जाता है। हाई ब्लड शुगर से नसों को नुकसान हो सकता है, जो दर्द, सुन्नता और झुनझुनी जैसी समस्याओं का कारण बनता है। यह आमतौर पर पैरों और हाथों में होता है, लेकिन अन्य अंगों में भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
5. त्वचा समस्याएं - Skin Problems
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हाई ब्लड शुगर का लेवल शरीर में सूजन और संक्रमण को बढ़ाता है, जिससे त्वचा पर जलन, खुजली, दाने और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। डायबिटीज के कारण घाव और कट लगने पर ठीक होने में समय लगता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
निष्कर्ष
टाइप 2 डायबिटीज के दीर्घकालिक प्रभाव बहुत गंभीर हो सकते हैं, लेकिन सही लाइफस्टाइल, नियमित उपचार और डॉक्टर की सलाह से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। अगर आप टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त हैं, तो अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि आप इन दीर्घकालिक प्रभावों से बच सकें और अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर बना सकें।
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