
हर भारतीय घर में एक सीन बहुत आम है मां हाथ में दूध का गिलास लिए बच्चे के पीछे भाग रही है और बच्चा मुंह फेरकर कह रहा है, मुझे दूध नहीं पीना। कई बार बात सिर्फ मनाने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि डांट, डर या जबरदस्ती तक पहुंच जाती है। वजह साफ है कि हमारे समाज में यह गहरी धारणा बैठी हुई है कि दूध नहीं पिया तो बच्चा कमजोर रह जाएगा, उसकी हाइट नहीं बढ़ेगी और सेहत खराब हो जाएगी लेकिन क्या वाकई ऐसा है? क्या हर बच्चे के लिए रोज दूध पीना जरूरी है? और सबसे अहम सवाल कि क्या बच्चों को जबरदस्ती दूध पिलाना सही है? इस बारे में सही जानकारी के लिए हमने, यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. डी. श्रीकांत (Dr. D. Srikanth, Sr. Consultant Pediatrician & Neonatologist , Yashoda Hospitals, Hyderabad) से बात की-
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क्या बच्चों को रोज जबरदस्ती दूध पिलाना सही है? - Is it ok to force children to drink milk
डॉ. डी. श्रीकांत मानते हैं कि बच्चे की ग्रोथ के लिए दूध जरूरी हो सकता है, लेकिन जबरदस्ती बिलकुल नहीं। अगर बच्चा दूध नहीं पी रहा और उसकी ग्रोथ, वजन और एक्टिविटी नॉर्मल है, तो घबराने की जरूरत नहीं होती। हर बच्चे का शरीर अलग होता है और उसकी न्यूट्रिशनल जरूरतें भी अलग हो सकती हैं।
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दूध को कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D और विटामिन B12 का अच्छा सोर्स माना जाता है। यह हड्डियों और दांतों के विकास में मदद करता है। छोटे बच्चों में यह मसल्स ग्रोथ और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए भी उपयोगी माना जाता है। यही वजह है कि भारतीय परिवारों में दूध को बच्चों की डाइट का अहम हिस्सा माना जाता है। हालांकि यह भी सच है कि दूध ही एकमात्र विकल्प नहीं है। आज के समय में कई ऐसे फूड्स मौजूद हैं जो दूध के बराबर या उससे भी बेहतर पोषण दे सकते हैं।
- अगर बच्चा दूध पीने से बार-बार मना करता है, उल्टी जैसा महसूस करता है, पेट दर्द या गैस की शिकायत करता है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
- कई बच्चों में लैक्टोज इंटॉलरेंस या दूध से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में जबरदस्ती दूध पिलाने से पेट की समस्याएं, दस्त, कब्ज या उल्टी की परेशानी बढ़ सकती है।
- इसके अलावा कुछ बच्चे स्वाद या खुशबू की वजह से भी दूध पसंद नहीं करते, जो कि पूरी तरह सामान्य है।
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क्या दूध के बिना भी बच्चे स्वस्थ रह सकते हैं - Is it okay if kids don't drink milk
अगर बच्चा दूध नहीं पीता तो उसकी डाइट में दही, पनीर, छाछ, तिल, सोया, हरी पत्तेदार सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स शामिल किए जा सकते हैं। ये सभी कैल्शियम और प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं। आजकल कई बच्चे प्लांट-बेस्ड डाइट पर भी हेल्दी तरीके से बढ़ रहे हैं, बशर्ते उनकी डाइट संतुलित हो।
बच्चों को दूध पिलाने का सही तरीका - What is the correct way of feeding milk to child
बच्चों को दूध को लेकर डराने या डांटने के बजाय पॉजिटिव एप्रोच अपनानी चाहिए। दूध को फ्लेवर के साथ, जैसे हल्दी वाला दूध या हल्का सा इलायची फ्लेवर देकर दिया जा सकता है। इसके अलावा दूध से बनी चीजें जैसे खीर, दलिया, स्मूदी भी एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि बच्चे की पसंद और उसकी बॉडी की जरूरत को समझा जाए।
निष्कर्ष
बच्चों को रोज जबरदस्ती दूध पिलाना न तो मानसिक रूप से सही है और न ही शारीरिक रूप से जरूरी। दूध एक अच्छा पोषक तत्व है, लेकिन यह अकेला विकल्प नहीं है। अगर बच्चा दूध नहीं पीना चाहता, तो उसकी डाइट में अन्य पोषण से भरपूर चीजें शामिल की जा सकती हैं। सबसे अहम बात यह है कि बच्चे के खाने को लेकर दबाव नहीं, समझदारी और संतुलन अपनाया जाए। बच्चे की सेहत केवल दूध पर नहीं, बल्कि पूरी डाइट और लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है।
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FAQ
क्या दूध नहीं पीने से आपकी ग्रोथ रुक सकती है?
नहीं। बच्चे की हाइट जेनेटिक्स, सही पोषण और फिजिकल एक्टिविटी पर निर्भर करती है। सिर्फ दूध न पीने से कद रुकता नहीं है।दूध की जगह बच्चों को क्या-क्या दिया जा सकता है?
दूध के विकल्प के तौर पर दही, पनीर, छाछ, रागी, तिल, सोया, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और ड्राई फ्रूट्स दिए जा सकते हैं।क्या ज्यादा दूध पीने से नुकसान हो सकता है?
जरूरत से ज्यादा दूध पीने से भूख कम लगना और वजन असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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Dec 29, 2025 17:37 IST
Published By : Akanksha Tiwari
