छोटे बच्चों के शारीरिक विकास के लिए दूध बेहद जरूरी माना जाता है, क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बढ़ते बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। अक्सर जिन बच्चों को सही पोषण नहीं मिलता है उनकी ग्रोथ में कमी आ जाती है, जिस कारण उनका शारीरिक या मानसिक विकास धीमा हो जाता है। 6 महीने तक शिशुओं को सिर्फ मां का दूध पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके बाद उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन कराना भी जरूरी होता है। हालांकि, आपने देखा होगा कि 2 से 3 साल की उम्र के बच्चे भी सिर्फ दूध पर निर्भर रहते हैं। कई पेरेंट्स का कहना है कि उनके बच्चे खाना नहीं खाते हैं, कमजोर हो रहे हैं और सही तरह से उनका शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है, जिसका सबसे बड़ा कारण इस उम्र में सिर्फ दूध का सेवन (Toddler Drinking Too Much Milk Not Eating) करना है। मां के दूध और गाय, भैंस के दूध में मौजूद पोषक तत्वों में काफी अंतर होता है, जिसके कारण सिर्फ दूध पीने से बच्चों को सही पोषण नहीं मिल पाता है।
किरण मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और न्यूबोर्न स्पेशलिस्ट डॉ. पवन मंडाविया का कहना है कि जब बच्चे पेट भरकर दूध पी लेते हैं, तो वह खाना खाने से परहेज करते हैं। इतना ही नहीं कई बार बच्चों के दूध पीने की जिद या बच्चा कुछ तो खाए पिए ये सोचकर पेरेंट्स उन्हें गिलास भरकर दूध पीने के लिए दे देते हैं, जिसके कारण उनका पेट भर जाता है और खाना खाने से वो साफ इंकार करने लगते हैं। डॉ. पवन मंडाविया के अनुसार, बच्चों को ज्यादा मात्रा में दूध देने से उन्हें अन्य खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जो उनके शारीरिक विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर बच्चों के ज्यादा दूध पीने के नुकसान के बारे में भी बताया है।
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बहुत ज्यादा दूध पीने के नुकसान - Drinking Too Much Milk Side Effects
दूध में आयरन की मात्रा कम होती है, जिसके कारण इसके ज्यादा सेवन और खाद्य पदार्थों का कम सेवन करने से बच्चे के शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिससे उन्हें एनीमिया (Milk Anemia) हो सकता है।
बहुत ज्यादा मात्रा में दूध पीने से बच्चों में दस्त और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याएं (Toddler Lactose Intolerance Symptoms) हो सकती हैं।
दूध का अधिक सेवन करने से बच्चे अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से परहेज करते हैं, जो उनके शरीर में पोषण की कमी का कारण बनता है।
दूध कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में कैल्शियम का सेवन हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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पेरेंट्स बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करें और उनके दूध के सेवन को कम करने की कोशिश करें, ताकि इससे स्वास्थ्य को होने वाले नुकसानों को कम करने में मदद मिल सके और बच्चे का बेहतर विकास हो।
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