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क्या आपको दूध पचाने में होती है परेशानी? तो एक्सपर्ट से जानें दूध के 5 हेल्दी विकल्प

Healthy Milk Options: जिन लोगों को दूध पचाने में दिक्कत होती है, उनके लिए दूध के अन्य विकल्प काफी हेल्दी हो सकते हैं। इसके साथ दूध लेने की मात्रा और तरीका भी जानना बहुत जरूरी है।
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क्या आपको दूध पचाने में होती है परेशानी? तो एक्सपर्ट से जानें दूध के 5 हेल्दी विकल्प


Healthy Milk Options: भारत में लोगों को दूध पीने की आदत बचपन से शुरू कर दी जाती है। फिर चाहे वह सुबह पिएं या फिर रात को सोते हुए, लेकिन दूध पीना उनकी आदत में शामिल होता है। इसकी एक वजह यह भी है कि दूध में सभी तरह के प्रोटीन होते हैं, जो सेहत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दूध में मौजूद कैल्शियम, फास्फोरस और प्रोटीन हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं। इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी जाना जाता है। लेकिन दिक्कत तब होती है, जब किसी को दूध नहीं पचता और वह कई तरह के विकल्प ढूंढने की कोशिश करता है, ताकि उसे दूध के सभी पोषक तत्व मिल सकें। इस बारे में हमने दिल्ली के आर्टेमिस लाइट की क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. संगीता तिवारी से बात की। उन्होंने हेल्दी विकल्प बताने के साथ कुछ बातों पर भी ध्यान देने की सलाह दी।

दूध क्यों नहीं पचता है? - Why Milk not Digest

दूध के विकल्पों को जानने से पहले यह पता होना जरूरी है कि कुछ लोगों को दूध पचाने में दिक्कत क्यों होती है। इसकी कई वजहें हैं:
लेक्टोज इनटोलरेंस - इस स्थिति में मरीज को दूध के लेक्टोज एंजाइम को पचाने मे दिक्कत होती है। इससे उसे पेट में दर्द, मरोड़ या फिर दस्त की समस्या हो सकती है। अगर किसी को हर बार दूध या डेयरी प्रोडेक्ट लेने के बाद पेट की शिकायत होती है, तो उसे टेस्ट कराना चाहिए।

दूध से एलर्जी - कुछ मामलों में देखा गया है कि लोगों को प्रोटीन पचाने में दिक्कत होती है, इसलिए उन्हें दूध या दूध से बनी चीजें खाने के बाद पेट में गैस, पेट फूलने, उल्टी या रैशेज हो सकते हैं।

गट एसिडिक - आमतौर पर गट हेल्थ 7.2 से 7.5 होती है, लेकिन कुछ केस में लोगों की गट हेल्थ एसिडिक होती है, जिससे दूध को पचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस वजह से लोगों को पेट में इंफेक्शन हो सकती है।

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दूध के हेल्दी विकल्प - Healthiest Milk Options

डॉ. संगीता तिवारी कहती हैं, “दूध के विकल्पों में दूध की तुलना में कम कैलोरी और फैट होता है, जो वजन कंट्रोल करने में मददगार है। इसके अलावा जो लोग लैक्टोज इनटॉलरेंस होते हैं, वे लोग दूध के इन विकल्पों को आसानी से पचा सकते हैं।”

1. सोया मिल्क - Soya Milk

जो लोग दूध नहीं पी सकते, वे लोग अक्सर सोया मिल्क चुनते हैं। इसमें दूध के मुकाबले कैलोरी और फैट काफी कम होता है। इसके साथ ही प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होती है। सोया से बने दूध में सोडियम की मात्रा कम होती है। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह मिल्क वजन कम करने में भी मददगार साबित होता है। जिन लोगों को दिल संबंधी बीमारियां हैं, उनके लिए सोया मिल्क काफी फायदेमंद होता है।

2. बादाम मिल्क - Almond Milk

बादाम से बने इस दूध में विटामिन ई स्किन को बेहतर बनाता है। कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। बादाम मिल्क इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। बादाम में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड लिपिड होते हैं, जो बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करते हैं।

3. काजू मिल्क - Cashew Milk

जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, उनके लिए काजू का दूध काफी अच्छा विकल्प है। इसमें जिंक और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। एक्सपर्ट से सलाह लेकर डायबीटिज रोगी काजू के दूध का सेवन कर सकते हैं। इससे ब्लड शूगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। काजू के दूध में मैग्ननीशियम और पोटेशियम की मात्रा भरपूर होती है, जो हार्ट के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

4. ओट मिल्क - Oat Milk

ओट मिल्क को जौ से बनाया जाता है। इसमें फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो कब्ज की समस्या से राहत देती है। फाइबर की वजह से काफी समय तक पेट भरा रहता है। इस वजह से वजन कम करने में मदद मिलती है। ओट मिल्क ग्लूटन-फ्री होता है, तो जिन्हें ग्लूटन से एलर्जी होती है, उनके लिए यह दूध काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा, कैल्शियम और विटामिन डी जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।

5. राइस मिल्क - Rice Milk

लेक्टोज इनटोलरेंस वाले लोग राइस मिल्क को आसानी से ले सकते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि इस दूध को पचाना काफी आसान होता है। एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स होने के कारण यह इम्यूनिटी के लिए बेहतरीन विकल्प है। चावल से बना दूध कैलोरी-फ्री होता है, जो वजन कम करने में मददगार होता है। इसके अलावा, चावल के दूध में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

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दूध के विकल्प लेते समय रखें ध्यान 

  1. दूध का विकल्प चुनते समय एलर्जी का ध्यान रखें।
  2. दूध बिना शुगर का लें।
  3. दूध लेते समय न्यूट्रिशनल वैल्यू चेक करें।
  4. फ्लेवर्ड और एडिटिव्स मिला दूध न लें।
  5. दूध का विकल्प चुनने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

डॉ. संगीता कहती हैं कि दूध के विभिन्न विकल्पों में से कौन सा दूध आपके लिए बेहतर है, यह जानने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें और उन्हीं से दूध की मात्रा भी जानें। इसके अलावा, किसी के कहने या नाम सुनकर दूध के विकल्पों को न लें।

Image Credit: Freepik.com

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