बचपन से हम सभी सुनते आ रहे हैं कि दूध पीना हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद और जरूरी होता है। मार्केट में अक्सर दो तरह के दूध ज्यादा बिकते हैं गाय का दूध और भैंस का दूध। भैंस का दूध पचा पना हर व्यक्ति के लिए आम नहीं है, इसलिए ज्यादातर लोग पीने के लिए गाय का दूध इस्तेमाल करते हैं। गाय का दूध पचाने में आसान और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लकिन लोगों के बीच गाय के दूध को लेकर कई तरह के मिथक फैले हुए हैं, जिस पर लोग आसानी से भरोसा कर लेते हैं। ऐसे में आइए गट हार्मोन एक्सपर्ट और आयुर्वेदिक डॉक्टर अलका विजयन से जानते हैं गाय के दूध से जुड़े कुछ मिथक और फैक्ट्स के बारे में-
गाय के दूध से जुड़ें मिथक और उनकी सच्चाई
मिथक 1: दूध में बहुत ज्यादा वसा होती है, जो कई बीमारियों का कारण है।
फैक्ट: दूध में सिर्फ फैट ही नहीं होता, बल्कि इसमें 87.7% पानी, 4.9% लैक्टोज (कार्बोहाइड्रेट), 3.4% वसा, 3.3% प्रोटीन और 0.7% मिनरल्स होते हैं। ज्यादा फैट कई बीमारियों का कारण बन सकता है, सिर्फ तभी जब किसी का मेटाबॉलिज्म धीमा हो या उसे लैक्टोज सेंसिटिवीटी हो। बता दें कि हमारा दिमाग मस्तिष्क 70% वसा से बना होता है। हमारे आंतरिक अंग वसा की एक परत के अंदर अच्छी तरह से सुरक्षित रहते हैं, इसलिए वसा ज्यादातर बीमारियों के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकता है।
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मिथक 2: दूध में अमीनो एसिड होता हैं, जो हड्डियों से कैल्शियम खत्म कर सकता है।
फैक्ट: अमीनो एसिड, प्रोटीन का एक अहम स्रोत है, जो मनुष्य के शरीर के विकास और बढ़ोत्तरी के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा, दूध केवल थोड़ा एसिडिटी होता है और इसलिए संक्षारक नहीं होता है। लेकिन, वास्तव में यह डोसा, इडली, फर्मेंटेड चावल आदि जितना अम्लीय नहीं होता। दूध कैल्शियम का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। स्तन का दूध सबसे अच्छा शिशु आहार है, लेकिन बाद के जीवन में दूध से परहेज करने से हड्डियों का द्रव्यमान कम हो सकता है
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मिथक 3: डेयरी उत्पादों का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है।
फैक्ट: नहीं, वास्तव में डेयरी उत्पादों का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का कारण नहीं बनता है। बल्कि दूध और डेयरी उत्पादों वाले आहार का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है।
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