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उम्र के हिसाब से बच्चों को कितना दूध पिलाना चाहिए? डॉक्टर से जानें

शिशुओं को उनकी उम्र के हिसाब से सही मात्रा में फॉर्मूला दूध पिलाना जरूरी है। आइए जानते हैं किस उम्र में बच्चे को कितना दूध पिलाएं।
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उम्र के हिसाब से बच्चों को कितना दूध पिलाना चाहिए? डॉक्टर से जानें


नवजात शिशुओं को अक्सर डॉक्टर जन्म से लेकर 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध पीने की सलाह देते हैं। ऐसे माना जाता है कि शिशुओं के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा हेल्दी होता है, जो सभी जरूरी पोषक तत्व उन्हें देने में मदद करता है। हालांकि कई बार महिलाएं पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं कर पाती है, जिस कारण बच्चे का पेट भरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों को फॉर्मूला मिल्क पिलाने लगते हैं। फॉर्मूला मिल्क बच्चों के लिए हेल्दी माना जाता है। लेकिन एक दिन में बच्चों को कितनी मात्रा में दूध पिलाना चाहिए ये हर पेरेंट्स को पता होना जरूरी है। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और पीडियाट्रिशियन डॉक्‍टर अर्पित गुप्‍ता ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके बताया कि बच्चों को उम्र के हिसाब से फॉर्मूला मिल्क कितनी मात्रा में पिलाना चाहिए?

उम्र के हिसाब से शिशुओं को कितना फॉर्मूला मिल्क पिलाना चाहिए?

  • 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को रोजाना 100 से 150 मिली प्रति किलोग्राम फॉर्मूला मिल्क पिलाना चाहिए। 
  • 3 किलो के शिशु को एक दिन में 300 से 450 मिली दूध पीना चाहिए।
  • 5 किलो के शिशुओं को रोजाना 500 से 750 मिली दूध पिलाना चाहिए। 
  • 6 से 12 महीने तक के शिशुओं को 90 से 120 मिली प्रति किलोग्राम के अनुसार फॉर्मूला दूध देना चाहिए। 
  • 7 किलो के शिशुओं को आप 630 से 840 मिली एक दिन में दूध पिला सकते हैं।
  • 9 किलो के शिशु को 800 से 1000 मिली प्रति दिन दूध दे सकते हैं। 
  • 1 साल से बड़े बच्चों को आप 600 मिली प्रति दिन दूध पिला सकते हैं। 
  • समय से पहले जन्मे शिशुओं को फॉर्मूला मिल्क आमतौर पर लगभग 150 से 180 मिली प्रति किलोग्राम पिलाना चाहिए। 

इन बातों का भी रखें ध्यान

  • शिशुओं की भूख रोजाना अलग-अलग हो सकती है।
  • एक्टिव या बड़े बच्चे ज्यादा दूध पी सकते हैं। 
  • अगर आपका शिशु दूध पीते समय बेचैन रहता है या आसानी से विचलित हो जाता है, तो हो सकता है कि उसका पेट भर गया हो।
 
 
 
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हर शिशु की गतिविधिां अलग-अलग होती है, इसलिए उनके दूध पीने की मात्रा भी अलग हो सकती है। इसलिए अपने बच्चे की भूख का अंदाजा लगाने की कोशिश करें। 

Image Credit: Freepik 

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