नवजात बच्चों के लिए मां का दूध सबसे सेहतमंद और फायदेमंद माना जाता है। लेकिन यदि मां को दूध उत्पादन में पेरशानी हो या किसी अन्य कारण से मां बच्चे को दूध पिलाने में सक्षम ना हो, तो बच्चे को मिल्क पाउडर पिलाया जाता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या बच्चों के लिए मिल्क पाउडर सुरक्षित है? इसका जवाब है हां... लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर कम से कम छह महीने तक बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क पिलाने का सुझाव देते हैं। इसकी एक और वजह यह है कि मां के दूध से बच्चे को सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जो एक नवजात शिशु के लिए शुरुआती महीनों में जरूरी हैं। मां का दूध नवजात का पहला आहार है, जिस पर उसका संपूर्ण विकास निर्भर करता है। माँ का दूध बच्चे की मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है लेकिन कुछ मामलों में, बच्चे मिल्क पाउडर या पाउडर वाला दूध दिया जाता है। लेकिन क्या मिल्क पाउडर के बच्चे के लिए कोई दुष्प्रभाव हैं? आइए इस लेख में जानें।
मिल्क पाउडर क्या है?
कुछ मामलों में मां का बच्चे को स्तनपान करना मुश्किल होता है, ऐसे में बच्चे को मां के दूध के बजाय मिल्क पाउडर दिया जाता है। नवजात बच्चों के लिए तैयार बेबी मिल्क पाउडर तरल दूध को वाष्पीकृत करके कृत्रिम रूप से बनाया जाता है। यह पूरी तरह से एक नवजात की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मददगार हो सकता है। हालांकि बहुत सी मां अपने बच्चे को पाउडर वाला दूध पिलाती हैं, जो कि सुरक्षित विकल्प है लेकिन कुछ वह इसके फायदे और नुकसान नहीं जानती हैं। आइए यहां बेबी मिल्क पाउडर के कुछ फायदे और नुकसान जानें।
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मिल्क पाउडर के फायदे
आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर
बेबी मिल्क पाउडर एक नवजात के लिए दूध का एक स्वस्थ विकल्प है। बेबी मिल्क पाउडर को उन सभी पोषक तत्वों के साथ बनाया जाता है, जो एक नवजात शिशु के विकास के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा, यह बच्चे को एनीमिया से बचाने और संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूत बनाता है।
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मां के खानपान से बच्चे की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता
आमतौर पर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को अपने खानपान में सवधानी बरतनी होती है, जब तक कि वह बच्चे को दूध पिला रही है। लेकिन मिल्क पाउडर के मामले में बच्चे का पोषण स्तनपान माँ के आहार पर निर्भर नहीं करता है। इस मामले में, माँ कुछ भी खा सकती है।
कहीं भी कभी भी दूध पिलाना है आसान
कई बार पब्लिक प्लेस या कुछ अन्य जगहों या स्थितियों में मां के लिए बच्चे को दूध पिलाना मुश्किल हो सकता है। लेकिन पाउडर वाले दूध के साथ यह आसान हो जाता है। आप कहीं भी, कभी भी इस दूध को बच्चे को पिला सकते हैं।
बीमारियों का हस्तांतरण का जोखिम कम
स्तनपान करते समय, माँ से बच्चे में बीमारियों का हस्तांतरण का खतरा अधिक होता है। लेकिन मिल्क पाउडर देने से इन बीमारियों का जोखिम कम होता है।
मिल्क पाउडर के दुष्प्रभाव
आइए फायदों के बाद अब आप यहां बेबी मिल्क पाउडर के दुष्प्रभाव भी जान लें।
एंटीबॉडी की कमी
एक बच्चे के लिए मां के दूध से बेहतर कुछ भी नहीं है। माँ के दूध में एंटीबॉडी होते हैं, जो बच्चे की प्रतिरक्षा को बढ़ाकर उसकी रक्षा करते हैं। जबकि पाउडर वाले दूध में एंटीबॉडी की कमी होती है, जो बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत नहीं कर सकता है।
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मिल्क पाउडर को पचाने में परेशानी
क्योंकि मिल्क पाउडर को कृत्रिम रूप से निर्मित होता है, इसलिए यह नवजात शिशु के लिए सानी से पचने योग्य नहीं होता है। इसे पचाने में अधिक समय लग सकता है। इसलिए कभी-कभी दूध पीने के तुरंत बाद बच्चा उल्टी भी कर देता है।
दूध बनाने की प्रक्रिया और समय
ब्रेस्ट मिल्क बनाने के लिए आपको समय की जरूरत नहीं है, जबकि पाउडर मिल्क के लिए आपको इसे बनाने के लिए समय भी चाहिए। इसमें पानी की सही मात्रा और पाउडर की सही मात्रा जरूरी है। इसके अलावा, इसे बनाने में समय लगता है।
महंगा
ब्रस्ट मिल्क स्वाभाविक रूप से मां के शरीर में होता है, लेकिन पाउडर वाला दूध बाजार से मंहगे दामों में खरीदा जाता है।
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