नवजात शिशु और बढ़ते बच्चों का ध्यान रखना हर पेरेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन हर माता-पिता अपने बच्चों की डाइट और पोषण से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने की हर संभव कोशिश करते हैं। नवजात शिशु से लेकर 2 साल तक के बच्चों के खाने और पीने का खास ख्याल रखना जरूरी है। डॉक्टर्स के अनुसार स्तनपान करने वाले शिशुओं को पानी पीने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं उनके शरीर को सही ग्रोथ और स्वस्थ रहने के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। पानी न सिर्फ उन्हें हाइड्रेटेड रहने के लिए जरूरी है बल्कि उनके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करेगा। लेकिन ध्यान रहे ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन भी बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए आइए न्यूट्रिशनिस्ट हाना अब्दिल्लाही से जानते हैं जन्म के बाद से 2 साल की उम्र तक बच्चों को कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए।
0 से 24 महीने तक के बच्चों को कितना पानी पिलाना चाहिए? - Water Intake For Babies Aged 0 to 24 Months in Hindi
0 से 6 महीने के शिशु
6 महीने तक के शिशुओं को मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क से ही पर्याप्त मात्रा में हाइड्रेशन मिल जाता है, उन्हें आमतौर पर पानी पिलाने की जरूरत नहीं होती है।
6 से 9 महीने के शिशु
6 महीने के शिशु को जैसे ही ठोस आहार दिया जाता है। ऐसे में आप स्तन के दूध या फार्मूला मिल्क के साथ छोटे-छोटे घूंट पानी के दें सकते हैं और दिन भर में उन्हें ज्यादा से ज्यादा आधा कप पानी दे सकते हैं।
9 से 12 महीने के शिशु
9 से 12 महीने के शिशु ठोस आहार ज्यादा मात्रा में खाने लगते हैं, जिस कारण वे मां का दूध कई बार पीना कम कर देते हैं। ऐसे में आप दिनभर में उन्हें थोड़ा-थोड़ा लेकिन कई बार पानी पिला सकते हैं। ध्यान रहे आप उन्हें दिनभर में कम से कम आधा कप और ज्यादा से ज्यादा 1 कप पानी ही पीने को दें।
12 से 24 महीने के शिशु
1 साल से 2 साल तक के बच्चों की बढ़ती ग्रोथ के कारण वे काफी एक्टिव हो जाते हैं और उनके खाने की खुराक भी बढ़ जाती है, ऐसे में उनके हाइड्रेटेड रहने के लिए जरूरी है कि आप उन्हें दिन भर में 1 से 4 कप तक पानी पिलाएं।
इसे भी पढ़ें- बच्चे को वॉकर से चलना सिखा रहे तो ट्रेडिशनल के बजाय इस्तेमाल करें पुश वॉकर, जानें क्यों होता है ज्यादा बेहतर
बच्चों में निर्जलीकरण के लक्षण - Symptoms Of Dehydration in Children in Hindi
शिशुओं और छोटे बच्चे आसानी से डिहाइड्रेटेड हो सकते हैं, क्योंकि उनका विकास अभी हो रहा होता है, ऐसे में उन्हें कितनी मात्रा में पानी पिलाना चाहिए इस बात को लेकर माता-पिता कंफ्यूज रहते हैं। बच्चों के शरीर में पानी की कमी उन्हें डिहाइड्रेट कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चों में निर्जलीकरण के लक्षणों को पहचानकर उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। शिशु में नजर आने वाले इन लक्षणों की मदद से आप उन्के निर्जलीकरण को पहचान सकते हैं।
View this post on Instagram
- त्वचा का पीला होना
- सिर का सॉफ्ट हिस्सा अंदर धंसा हुआ होना
- आंखें अंदर धंसी हुई होना
- रोने पर आंसू न निकलना
- मुंह का बार-बार सूखा होना
- कम पेशाब आना
- लिप्स का ड्राई होना या फटना
- शिशुओं में बहुत ज्यादा सुस्ती और नींद की समस्या
- बात-बात पर रोना या चिड़चिड़ापन होना
- शिशु के यूरिन का रंग गाढ़ा पीला होना
Image Credit- Freepik