कुछ नवजात शिशुओं की शरीर पर जन्म से ही लाल रंग के निशान रहते हैं। कुछ मामलों में यह आम हो सकते हैं, लेकिन कई बार यह निशान सैल्मन पैच की ओर भी इशारा हो सकता है। इन्हें नजरअंदाज करना कई बार शिशु की ग्रोथ और उनकी शरीर को भी प्रभावित कर सकता है। यह पैचेज गुलाबी रंग के होते हैं, जिन्हें एंजल किस के नाम से भी जाना जाता है। यह शिशु के मुंह, गर्दन और नाक के आसपास के हिस्सों में पाए जाते हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी पाने के लिए हमने गुरुग्राम स्थिक सीके बिड़ला अस्पताल के सलाहकार नियोनेटोलॉजी और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रेया दुबे से बात की। चलिए जानते हैं।
क्या है सैल्मन पैच?
डॉ. श्रेया दुबे के मुताबिक सैल्मन पैच एक प्रकार के गुलाबी या फिर लाल और बैंगनी रंग की ब्लड वेसल्स का एक ग्रुप है, जो आमतौर पर शिशु की गर्दन, सिर के पीछे, भौंहों के बीच, पलकों के ऊपर या फिर कई बार मुंह के आसपास की त्वचा पर दिखाई देते हैं। अधिकांश मामलों में यह निशान दो साल के अंदर ठीक हो जाते हैं। अगर शिशु की शरीर पर यह निशान लंबे समय तक बने हुए हैं तो यह एक समस्या का संकेत भी हो सकता है।
सैल्मन पैच के लक्षण
- सैल्मन पैच होने पर शरीर में कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं। शिशु के जन्म से लेकर एक महीने बाद तक यह पैचेज हो सकते हैं।
- सैल्मन पैच होने पर अपर लिप्स, माथे और गर्दन के पीछे के हिस्से में निशान देखने को मिल सकते हैं।
- अगर शिशु के रोते समय यह निशा हल्के लाल या फिर बैंगनी हो जाते हैं तो यह सैल्मन पैच हो सकता है।
- अग शिशु की उंगली दबाने पर निशान का रंग बदलने लगता है तो भी यह सैल्मन पैच का संकेत हो सकता है।
सैल्मन पैच का इलाज
डॉ. श्रेया के मुताबिक यह पैचेज 18 महीने के भीतर शरीर से खुद ही चले जाते हैं। अगर निशान लंबे समय बाद भी नहीं जा रहे हैं तो ऐसे में डॉक्टर्स द्वारा पलस्ड डाई लेजर थेरेपी का इस्तेमाल करके इन निशानों को हटाया जाता है। इस थेरेपी के बाद शिशु के निशान त्वचा से गायब हो जाते हैं।