
आजकल बढ़ते प्रदूषण, असंतुलित खानपान और दवाओं के अत्यधिक सेवन से लिवर की सफाई (Liver Cleansing) का महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। लिवर शरीर का डिटॉक्स इंजन होता है, जो शरीर से विषाक्त तत्व (Toxins) बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को संतुलित रखता है, लेकिन जब यह अंग खुद ही टॉक्सिन्स से भर जाए, तो शरीर की एनर्जी घटने लगती है, स्किन पर दाग-धब्बे आने लगते हैं और इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि लिवर की सफाई के लिए गिलोय (Giloy) ज्यादा असरदार है या आंवला (Amla)? इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, लिवर की सफाई के लिए क्या गिलोय, आंवले से ज्यादा असरदार है?
लिवर की सफाई के लिए क्या बेहतर है- गिलोय या आंवला? - Is Giloy More Effective Than Amla For Liver Cleansing
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में गिलोय को 'अमृता' कहा गया है, जिसका अर्थ है अमरत्व देने वाली। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि गिलोय को त्रिदोषहर यानी वात, पित्त और कफ, तीनों दोषों को संतुलित करने वाला माना गया है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ खून को शुद्ध करता है और लिवर की कार्यप्रणाली को सुधारता है। गिलोय में पाए जाने वाले गुण लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यही कारण है कि यह लिवर के इंफेक्शन, फैटी लिवर और पीलिया जैसी स्थितियों में उपयोगी माना जाता है।
इसे भी पढ़ें: क्या गिलोय किडनी के मरीजों के लिए सुरक्षित है? आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, ''अगर किसी को लिवर से जुड़ी सक्रिय समस्या है जैसे कि पाचन की गड़बड़ी, भूख कम लगना, पेट भारी रहना या दवा के उपयोग से लिवर पर बोझ बढ़ गया हो, तो ऐसे मामलों में गिलोय अधिक असरदार होती है।''
आंवला
दूसरी ओर, आंवला को आयुर्वेद में 'रसायन' कहा गया है, यानी जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करे और शरीर को भीतर से मजबूत बनाए। यह विटामिन C, एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। आंवला लिवर कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और पुराने नुकसान की मरम्मत करता है। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, ''आंवला सीधे तौर पर डिटॉक्स नहीं करता, बल्कि यह लिवर को मजबूत बनाता है और रिपेयरिंग प्रक्रिया को तेज करता है। यानी जब लिवर में पहले से कोई नुकसान हुआ हो, तब आंवला उसे ठीक करने में मदद करता है।'' इसके अलावा, आंवला का नियमित सेवन शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म कर एजिंग के संकेतों को धीमा करता है। इसलिए इसे एंटी-एजिंग और रिजुवेनेटिव औषधि भी कहा जाता है।

इसे भी पढ़ें: इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय के जूस में क्या मिलाकर पिएं? जानें असरदार आयुर्वेदिक कॉम्बिनेशन
डॉक्टर की सलाह
जब बात लिवर की सफाई की आती है, तो गिलोय का स्थान सबसे ऊपर आता है। गिलोय टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करती है, जबकि आंवला लिवर की मरम्मत और पोषण में भूमिका निभाता है। इसलिए अगर लिवर में सूजन, भारीपन या विषाक्तता की समस्या है, तो गिलोय का उपयोग अधिक उपयुक्त है। वहीं यदि लिवर को लंबे समय से पोषण की आवश्यकता हो या पहले किसी बीमारी या दवा के प्रभाव से लिवर कमजोर हो गया हो, तो आंवला फायदेमंद रहेगा।
निष्कर्ष
लिवर की सफाई और उसकी देखभाल में गिलोय और आंवला दोनों की अपनी अलग-अलग भूमिका है। गिलोय जहां लिवर को टॉक्सिन फ्री और साफ रखती है, वहीं आंवला उसे भीतर से पोषित और पुनर्जीवित करता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के शब्दों में, ''अगर लिवर को स्वस्थ रखना है, तो शरीर को डिटॉक्स करना और साथ ही रिपेयरिंग सपोर्ट देना दोनों जरूरी हैं। गिलोय डिटॉक्स का काम करती है और आंवला रिपेयर का यानी दोनों मिलकर लिवर की रक्षा करते हैं।'' इसलिए अगर आप अपने लिवर को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं, तो इन दोनों आयुर्वेदिक औषधियों का संतुलित उपयोग सबसे बेहतर उपाय हो सकता है।
All Images Credit- Freepik
FAQ
क्या गिलोय रोजाना ली जा सकती है?
गिलोय का सेवन सीमित मात्रा में रोजाना किया जा सकता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं, ऑटोइम्यून डिजीज वाले लोग या शुगर पेशेंट डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।लिवर कमजोर होने के लक्षण क्या हैं?
भूख कम लगना, थकान, पेट भारी रहना, स्किन पर खुजली या पीलापन, मुंह का कड़वापन और बार-बार अपच होना, ये सभी लिवर कमजोर होने के संकेत हो सकते हैं।क्या सिर्फ डाइट से लिवर ठीक हो सकता है?
बैलेंस डाइट लिवर हेल्थ के लिए जरूरी है, लेकिन अगर लिवर में पहले से सूजन या टॉक्सिन्स जमा हैं, तो डॉक्टर की सलाह के साथ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और पर्याप्त हाइड्रेशन की भी जरूरत होती है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 30, 2025 17:14 IST
Published By : Akanksha Tiwari