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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय के जूस में क्या मिलाकर पिएं? जानें असरदार आयुर्वेदिक कॉम्बिनेशन

बरसात के मौसम में सेहत से जुड़ी समस्याएं कई गुना बढ़ जाती हैं और ऐसे में गिलोय जैसी नेचुरल चीजों का सेवन बेहद लाभकारी होता है। यहां जानिए, इम्यूनिटी के लिए गिलोय जूस में क्या-क्या मिलाएं?
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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय के जूस में क्या मिलाकर पिएं? जानें असरदार आयुर्वेदिक कॉम्बिनेशन


बरसात का मौसम अपने साथ सुकून और ताजगी तो लाता है, लेकिन इसके साथ ही कई तरह की बीमारियां भी दस्तक देती हैं। इस मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं। नतीजतन सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, डेंगू, मलेरिया और पेट संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे समय में शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होना बेहद जरूरी है, ताकि ये इंफेक्शन आसानी से आपको अपनी चपेट में न ले सकें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नेचुरल और आयुर्वेदिक उपायों की तरफ लौटना एक समझदारी भरा कदम है। गिलोय एक ऐसी ही रामबाण औषधि है जिसे आयुर्वेद में "अमृता" यानी अमरत्व देने वाली संजीवनी बूटी कहा गया है। यह न सिर्फ शरीर की इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है, बल्कि शरीर को भीतर से शुद्ध और संतुलित भी करता है। इस लेख में जीवा आयुर्वेद के संस्थापक और निदेशक, आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रताप चौहान (Dr. Partap Chauhan, Founder and Director of Jiva Ayurveda, World Renowned Ayurvedaacharya and Author) से जानिए, इम्यूनिटी के लिए गिलोय जूस में क्या-क्या मिलाएं?

गिलोय जूस से इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं - Giloy Juice Immunity Booster Combinations

कोविड-19 महामारी के समय से ही गिलोय का नाम हम सभी ने बार-बार सुना है। यह आयुर्वेदिक औषधि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने की क्षमता के लिए जानी जाती है। लेकिन क्या गिलोय का जूस अकेले पीना ही पर्याप्त है? प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और जिवा आयुर्वेद के संस्थापक डॉ. प्रताप चौहान का मानना है कि गिलोय का प्रभाव तब और बढ़ जाता है जब उसे कुछ अन्य प्राकृतिक तत्वों के साथ संयोजित किया जाए। उनका कहना है कि 'गिलोय अपने आप में बहुत ताकतवर है, लेकिन जब इसे सही सामग्रियों के साथ मिलाया जाए, तो ये शरीर की इम्यूनिटी को और बेहतर बना सकता है।'

1. तुलसी के साथ गिलोय

तुलसी को भारतीय घरों में पवित्र और औषधीय पौधा माना जाता है। तुलसी में मौजूद एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण गिलोय के साथ मिलकर शरीर को वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देते हैं। गिलोय के जूस में रोज सुबह खाली पेट 1 से 2 चम्मच तुलसी का रस मिलाकर सेवन करें। आप चाहें तो तुलसी की पत्तियों को पीसकर या काढ़ा बनाकर भी मिला सकते हैं। इससे श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है, और एलर्जी की संभावना कम होती है।

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2. आंवला के साथ गिलोय

आंवला को आयुर्वेद में 'रसायन माना गया है, यह शरीर को कायाकल्प करने वाला फल है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन C होता है जो प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी को मजबूत करता है। गिलोय के जूस में 1-2 चम्मच आंवला का रस मिलाएं और सुबह सेवन करें। यह न केवल इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है।

3. हल्दी के साथ गिलोय

हल्दी भारतीय रसोई में आमतौर पर प्रयोग की जाती है, लेकिन इसकी औषधीय शक्ति भी उतनी ही अद्भुत है। इसमें करक्यूमिन नामक यौगिक होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर है। गिलोय के जूस में एक चुटकी शुद्ध हल्दी मिलाएं। विशेष रूप से बदलते मौसम में यह संयोजन सर्दी, खांसी और जुकाम से बचाव में मदद करता है।

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4. शहद के साथ गिलोय

गिलोय का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, जिससे कई लोगों, खासकर बच्चों को इसे पीना मुश्किल लगता है। शहद मिलाने से इसका स्वाद बेहतर हो जाता है और बच्चों को आसानी से दिया जा सकता है। ध्यान दें कि अगर आपको डायबिटीज है, तो शहद से परहेज करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है।

सभी को गिलोय नहीं होता एक जैसा लाभ

डॉ. प्रताप चौहान स्पष्ट रूप से बताते हैं कि गिलोय को एक सामान्य टॉनिक की तरह नहीं लेना चाहिए। हर व्यक्ति का शरीर और उसकी प्रकृति (वात, पित्त, कफ) अलग होती है, इसलिए सभी को एक ही मात्रा और विधि से समान लाभ नहीं मिल सकता। अगर आप पहले से किसी दवा पर हैं, या आपको कोई क्रॉनिक बीमारी है जैसे थायराइड, डायबिटीज या हार्ट डिजीज, तो बिना विशेषज्ञ की सलाह लिए गिलोय का सेवन न करें। कभी-कभी यह औषधि शरीर में अतिरिक्त ठंडक या अन्य असंतुलन भी पैदा कर सकती है।

निष्कर्ष

गिलोय का अधिकतम लाभ तभी मिलता है जब इसे शरीर की प्रकृति, स्वास्थ्य की स्थिति और सही संयोजन के साथ लिया जाए। डॉ. प्रताप चौहान के अनुसार, तुलसी, आंवला, हल्दी, अदरक जैसी सामग्रियों के साथ इसका उपयोग करने से यह एक शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर बन जाता है। स्वस्थ रहने के लिए केवल एक औषधि पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता। इसके साथ बैलेंस डाइट, नियमित एक्सरसाइज और पर्याप्त नींद जरूरी है।

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FAQ

  • क्या गिलोय रोज पी सकते हैं? 

    हां, गिलोय का जूस रोज पिया जा सकता है, लेकिन इसकी मात्रा और सेवन का तरीका शरीर की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। गिलोय की तासीर ठंडी होती है, इसलिए जिन लोगों को बार-बार सर्दी-ज़ुकाम होता है या जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है, उन्हें इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए। किसी भी पुरानी बीमारी या दवा के साथ इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक सलाह लेना जरूरी है।
  • गिलोय को उबालकर पीने के क्या फायदे हैं? 

    गिलोय को उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से इसके औषधीय गुण और भी प्रभावी हो जाते हैं। यह इम्यूनिटी को बेहतर बनाने, बुखार कम करने और पाचन सुधारने में अधिक असरदार होता है। खासतौर पर वायरल बुखार, डेंगू या मौसमी बीमारियों में गिलोय का काढ़ा काफी फायदेमंद माना गया है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और खून को शुद्ध करता है।
  • गिलोय कितने दिन तक पीना चाहिए?

    गिलोय का सेवन कितने दिन तक करना चाहिए, यह व्यक्ति की सेहत, रोग और शरीर की प्रकृति पर निर्भर करता है। अगर किसी विशेष बीमारी जैसे बुखार, डेंगू या इंफेक्शन में इसका उपयोग किया जा रहा हो, तो इसका सेवन चिकित्सकीय सलाह के अनुसार सीमित अवधि तक करना चाहिए।

 

 

 

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