Who Should Not Consume Giloy Juice: गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे गुडूची और अमृता नाम से भी जाना जाता है। गिलोय में औषधीय गुण होते हैं इसलिए इसे कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह औषधि इम्यूनिटी बूस्ट करती है और बीमारियों व इंफेक्शन का खतरा कम करती है। आयुर्वेद की मानें तो गिलोय के सेवन से वात, पित्त और कफ सभी दोष को संतुलित करने में मदद मिलती है। गिलोय के जूस को कई बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है। बुखार और इंफेक्शन होने कई समस्याओं में एक्सपर्ट्स गिलोय का जूस पीने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यह जूस हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता है। कुछ लोगों के लिए गिलोय का जूस नुकसानदायक भी हो सकता है। इस लेख में हम सिरसा जिले के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानेंगे गिलोय का जूस किसे नहीं पीना चाहिए।
किन लोगों को गिलोय का जूस नहीं पीना चाहिए? Who Should Not Consume Giloy Juice
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीड के दौरान- Pregnancy or Breastfeed
जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं या अपने अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाती हैं, उन्हें गिलोय का जूस नहीं पीना चाहिए। अगर आप इसका सेवन करना चाहती हैं तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस औषधि में एक्टिव इंग्रेडिएंट्स होते हैं, जो प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीड के दौरान नुकसान कर सकते हैं।
ऑटोइम्यून डिजीज- Autoimmune Diseases
जिन लोगों को ऑटोइम्यून डिजीज हैं उनके लिए गिलोय का जूस नुकसानदेह हो सकता है। हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं में गिलोय का जूस नुकसानदायक हो सकता है। गिलोय इम्यून सिस्टम पर असर डालता है। इससे ऑटोइम्यून एक्टिविटी बढ़ सकती है।
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लो ब्लड शुगर- Low Blood Sugar
जिन लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया यानी लो ब्लड शुगर की समस्या रहती है, उन्हें गिलोय का जूस नहीं पीना चाहिए। गिलोय के सेवन से ब्लड शुगर कम होती है। ऐसे में अगर लो ब्लड शुगर वाले गिलोय का जूस पीते हैं, तो उन्हें कमजोरी या चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर अगर ब्लड शुगर पहले से कम है, तो ऐसे में गिलोय बिल्कुल नहीं पीना चाहिए। जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
लंबे समय से कब्ज होना- Constipation
अगर आपको लंबे समय से कब्ज की समस्या है, तो आपको गिलोय का जूस नहीं पीना चाहिए। क्योंकि यह जूस शरीर को ठंड़क देने के साथ ड्राई भी करता है। इस कारण शरीर में वात दोष बढ़ सकता है। ऐसे में कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों को गिलोय का जूस डॉक्टर की सलाह पर ही पिलाएं। क्योंकि, बिना सही डोज और तरीका पता होने पर इसका सेवन किया जाए, तो इससे बच्चों को भी नुकसान हो सकता है।
- अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए दवा ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
- गिलोय का सेवन शरीर की प्रकृति और विकृति दोनों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। किसी भी बीमारी में डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक डॉक्टर के मुताबिक, गिलोय का जूस का सेवन करना हर किसी के लिए फायदेमंद है। लेकिन कुछ हेल्थ कंडीशन में इसे अवॉइड करना चाहिए। गिलोय का जूस लंबे समय से कब्ज होना, लो ब्लड शुगर, ऑटोइम्यून डिजीज और प्रेग्नेंसी व ब्रेस्टफीड के दौरान नहीं लेना चाहिए। अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन न करें। गिलोय का सेवन शरीर की प्रकृति और विकृति दोनों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस विषय पर ज्यादा जानने के लिए किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से बात करें। लेख पसंद आया हो, तो अपने करीबियों के साथ शेयर जरूर करें।
FAQ
गिलोय किन-किन बीमारियों में काम आता है?
गिलोय का सेवन कई बीमारियों में काम आता है। इसे इम्यूनिटी बूस्ट करने के एक्सपर्ट लिए पिया जाता है। बुखार कम करने और सर्दी-खांसी में भी गिलोय फायदेमंद होता है। हाई ब्लड शुगर में भी गिलोय फायदेमंद होता है।गिलोय लेने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक खाली पेट गिलोय का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमारियों का खतरा कम होता है। बुखार होने पर दिन में 2 से 3 बार भी इसका सेवन किया जा सकता है। लेकिन सेवन के दौरान मात्रा का ध्यान जरूर रखें। एक्सपर्ट की सलाह पर ही मात्रा तय करें।गिलोय के साइड इफेक्ट क्या हैं?
अगर गिलोय का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए, तो इससे कई समस्याएं हो सकती हैं। इससे पाचन संबंधित समस्याएं जैसे पेट दर्द, ब्लोटिंग, कब्ज और एसिडिटी हो सकती हैं। ये ब्लड प्रेशर कम करने और ऑटोइम्यून डिजीज का कारण भी बन सकता है।