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रागी के आटे की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए? जानें आयुर्वेदाचार्य की सलाह

सर्दियों का मौसम शुरू होते हैं लोग रागी और बाजरा जैसे अलग-अलग किस्म के अनाजों से बनी रोटियों का सेवन करना शुरू कर देते हैं। यहां जानिए, रागी की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए?
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रागी के आटे की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए? जानें आयुर्वेदाचार्य की सलाह


Who Should Not Eat Ragi: सर्दियों के मौसम में सेहतमंद रहने और बीमारियों के बचने के लिए जरूरी है कि आप ऐसे फूड्स का सेवन करें, जिनसे शरीर को गर्माहट और एनर्जी मिले। इस मौसम में सही खानपान न केवल हमें ठंड से बचाता है, बल्कि बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। रागी, सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। यह पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है, जिसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, रागी की तासीर गर्म होती है, जो शरीर को अंदर से गर्माहट प्रदान करती है और ठंड से लड़ने में मदद करती है। रागी को डाइट में शामिल करने के तरीके कई हैं, इसे रोटी, डोसा, चीला, खिचड़ी, हलवा और सूप के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। रागी के फायदे अनेक हैं लेकिनआयुर्वेद के अनुसार, हर व्यक्ति के लिए रागी से बनी रोटी का सेवन सही नहीं (Who should avoid ragi) होता है। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानेंगे कि रागी की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए?

रागी की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए? - Who Should Not Eat Ragi Roti

1. कमजोर पाचन तंत्र

डॉक्टर श्रेय का कहना है कि जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है, उन्हें रागी की रोटी के सेवन के बाद पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, जिन लोगों का पाचन कमजोर होता है उन्हें रागी में मौजूद तत्वों से पेट में भारीपन, कब्ज और गैस की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जिन लोगों को रागी से एलर्जी हो उन्हें भी रागी की रोटी से परहेज करना चाहिए।

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2. पित्त दोष से पीड़ित लोग रागी से करें परहेज

आयुर्वेद के अनुसार, रागी का गर्म स्वभाव पित्त दोष को और ज्यादा बढ़ा सकता है। ऐसे में अगर आपके शरीर में पित्त दोष बढ़ा हुआ है तो रागी की रोटी के सेवन से परहेज (who should not eat ragi roti) करें या इसका सेवन कम मात्रा में ही करें। दरअसल, पित्त दोष शरीर में गर्मी और पाचन शक्ति को कंट्रोल करता है, लेकिन जब यह असंतुलित होता है, तो यह एसिडिटी, जलन, त्वचा संबंधी समस्याएं और मानसिक चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। हालांकि, पित्त दोष वाले लोग ठंडे और संतुलित फूड्स के साथ रागी का सेवन कर सकते हैं। जैसे कि रागी को दही, छाछ के साथ मिलाकर खाना, जिससे इसकी गर्म तासीर को संतुलित किया जा सके।

Ragi Roti

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3. गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में करें सेवन

आयुर्वेद के अनुसार रागी की तासीर गर्म होती है और इस वजह से गर्भवती महिलाओं को रागी की रोटी का सेवन सावधानी (Who should not eat ragi atta) से करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं में रागी का सेवन गर्मी पैदा कर सकता है, जिससे पेट में जलन, एसिडिटी और पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, रागी का सेवन कुछ महिलाओं में गैस्ट्रिक समस्या को बढ़ा सकता है, विशेष रूप से गर्भावस्था के पहले और तीसरे तिमाही के दौरान, जब शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं रागी खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष

रागी की रोटी (Ragi roti) सेहत के लिए लाभकारी है, लेकिन इसे अपनी प्रकृति और स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार ही खाना चाहिए। हालांकि, सर्दियों के दिनों में शरीर की पाचन अग्नि तेज होती है, ऐसे में लोग रागी का सेवन कर सकते हैं। सिर्फ कमजोर पाचन, एलर्जी या गर्भावस्था जैसी स्थितियों में इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें।

All Images Credit- Freepik

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