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पित्त प्रकृति के लोग मन को शांत रखने के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, कम होगा गुस्सा और दूर होंगी कई समस्याएं

आयुर्वेद में शरीर की प्रकृति के अनुसार माइंड को रिलैक्स करने के तरीके बताए गए हैं। जानें पित्त प्रकृति वालों माइंड को कैसे रिलैक्स रख सकते हैं।    
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पित्त प्रकृति के लोग मन को शांत रखने के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, कम होगा गुस्सा और दूर होंगी कई समस्याएं


How Does Pitta Affect the Mind: आपने देखा होगा जब भी हम आयुर्वेदिक डॉक्टर से इलाज करवाते हैं, तो वो शरीर की प्रकृति जरूर पूछते हैं। आयुर्वेद में अधिकतर दवाएं शरीर की प्रकृति को समझकर ही दी जाती है। माना जाता है कि तीन तरह की प्रकृति होती है जिनमें वात, पित्त और कफ शामिल है। इन प्रकृति में नुकसान होने से दोष हो जाता है। इस कारण व्यक्ति को अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। इन दोष में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी होता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर वरलक्ष्मी यनमंद्रा के मुताबिक शरीर की प्रकृति के अनुसार मन को शांत करने के तरीके भी अलग होते हैं। एक्सपर्ट की इंस्टा रील से मिली जानकारी के जरिये आज हम बतायेंगे कि पित्त प्रकृति वाले मन को शांत कैसे रख सकते हैं। 

PITTA

पित्त प्रकृति में इन तरीकों से करें मन को शांत- Tips To Calm Mind With Pitta Dosha

गुस्सा या इर्रिटेशन होना- Angry and Irritable

अगर आपको ज्यादा गुस्सा आता है तो आप गुलाब की चाय पी सकते हैं। अपने इमोशंस कंट्रोल रखने और इर्रिटेशन कंट्रोल करने के लिए आप शीतली प्राणायाम भी कर सकते हैं। इससे आपको गुस्सा कंट्रोल करने और मन को शांत रखने में मदद मिलेगी। 

ओवरली क्रिटिकल- Overly Critical 

क्या आप भी हर स्थिति में जल्दी घबरा जाते हैं और चीजों को संभाल नहीं पाते हैं? ऐसे में आप जर्नलिंग कर सकते हैं। इससे आपको अपनी भावनाओं को समझने और संभालने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही आभार व्यक्त करने से आपको शांत रहने में मदद मिलेगी। 

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माइंड शांत न होना- Restless Mind 

क्या आपके मन में भी हमेशा विचार चलते रहते हैं और आप ओवरथिंक करने लगते हैं? ऐसे में आप ब्राह्मी तेल से सिर की मसाज कर सकते हैं। ब्राह्मी तेल नर्वस सिस्टम को शांत करने में मदद करता है। इससे माइंड रिलैक्स होता है और इमोशन को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। 

ऑब्सेस्ड होना- Obsessiveness

अगर आपको भी कुछ चीजों के लिए अपने इमोशन कंट्रोल नहीं कर पाते, तो आपको खुद पर काम करने की जरूरत होगी। ऐसे में आप ऐसी एक्टिविटी कर सकते हैं जिससे आपको खुशी मिलती है। इसके साथ ही, अपनी बाउंड्री बनाकर रखें जिससे इमोशन कंट्रोल न हो। 

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बर्नआउट होना- Burnout

अगर आप थोड़ा भी काम बढ़ने से बर्नआउट हो जाते हैं, तो अपनी स्लीप साइकिल पर ध्यान दें। ऐसे में नींद पूरी न करना आपकी परेशानी की वजह हो सकता है। ऐसे में रात 10 बजे से पहले सोने की आदत डालें। इससे बॉडी को रिलैक्स मिलेगा और स्लीप हार्मोन बूस्ट होगा। इसके अलावा, आप शिरोधरा थेरेपी भी अपना सकते हैं। इससे भी आपको काम का प्रेशर संभालने और इमोशन कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। 

इन तरीकों को अपनाकर मन को शांत रखा जा सकता है। लेकिन इसके बावजूद अगर आपके लिए इमोशन कंट्रोल करना मुश्किल होता है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो शेयर जरूर करें। 

 
 
 
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