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स्वस्थ रहने के लिए गिलोय के पत्तों और तने उपयोग कैसे करें? आयुर्वेदाचार्य से जानें

गिलोय का सेवन सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है। यहां जानिए, आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का उपयोग कैसे करें?
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स्वस्थ रहने के लिए गिलोय के पत्तों और तने उपयोग कैसे करें? आयुर्वेदाचार्य से जानें


मानसून का मौसम आते ही कई तरह की बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टर डाइट में गिलोय जैसी चीजों को शामिल करने की सलाह देते हैं, जिनसे शरीर की इम्यूनिटी बेहतर हो और आप बीमारियों से बचे रहें। आयुर्वेद में गिलोय को अमृत के समान माना गया है, इसे 'अमृता' और 'गुडुची' के नाम से भी जाना जाता है। एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर गिलोय में ऐसे गुण होते हैं जो कई तरह की शारीरिक समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय का सेवन वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित कर सकता है। गिलोय के फायदों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की है।

गिलोय के पत्ते और तने का उपयोग कैसे करें? 

डॉक्टर ने बताया कि आयुर्वेद में गिलोय के पत्तों का कुछ खास उपयोग नहीं बताया गया है लेकिन इसके तने का उपयोग बताया गया है। इसके अलावा गिलोय की जड़ का भी उपयोग कई समस्याओं में किया जा सकता है। आयुर्वेद में गिलोय के तने को ज्वरघन यानी बुखार को कंट्रोल करने वाला और इम्यूनिटी को बूस्ट करने वाला माना जाता है। डॉक्टर ने बताया कि गिलोय ही एक ऐसी हर्ब है जो सातों धातु पर्यंत चली जाती है। आयुर्वेद में विष के अलावा कोई ऐसी चीज नहीं बताई गई है जो सातों धातुओं को पार करते हुए शरीर के आखिरी कोने तक जा सके लेकिन गिलोय ही अकेली ऐसी हर्ब है जो शरीर के आखिरी कोने तक पहुंच सकती है। यही वजह है कि गिलोय को अमृता कहा जाता है। गिलोय लिवर और पेट के लिए अमृत के समान है और इसके अलावा अर्थराइटिस, हार्ट और कैंसर में भी गिलोय के अनेक फायदे हो सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक गिलोय को एक ऐसा टॉनिक मानते हैं, जो शरीर को ताकत और एनर्जी प्रदान करता है।

GILOY

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1. गिलोय का काढ़ा

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय के ताजे तनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और फिर इन टुकड़ों को पानी में डालकर उबालें और तब तक पकाएं जब तक पानी आधा न रह जाए। इसके बाद इसे छानकर गर्म या ठंडा पिएं। यह काढ़ा इम्यूनिटी को मजबूत करता है और बुखार, सर्दी, खांसी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा गिलोय का काढ़ा पाचन तंत्र को सुधारता है।

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2. गिलोय का रस

ताजे गिलोय के तनों को साफ पानी से धोकर पीस लें और फिर इस पेस्ट को एक कपड़े में डालें और फिर निचोड़कर इसका रस अलग कर लें। इस रस का सेवन करने से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है और त्वचा की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।

गिलोय, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। हालांकि, किसी भी औषधीय पौधे का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।

All Images Credit- Freepik

 

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