Lata Kasturi Benefits: आयुर्वेद में बीमारियों के इलाज के लिए तमाम तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन बीमारियों के इलाज में प्रभावी और सुरक्षित भी माना जाता है। भारत में उगने वाली जड़ी बूटी लता कस्तूरी (Lata Kasturi) भी एक शक्तिशाली औषधि है। इसका इस्तेमाल पुराने समय से ही बीमारियों और समस्याओं के इलाज में किया जा रहा है। लता कस्तूरी का वैज्ञानिक नाम Syn-Hibiscus abelmoschus Linn है। अंग्रेजी में इस औषधि को Musk-mallow कहा जाता है। सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी स्थितियों में लता कस्तूरी का इस्तेमाल रामबाण होता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं लता कस्तूरी के फायदे।
सर्दी खांसी और बुखार में लता कस्तूरी के फायदे
लता कस्तूरी का सेवन करने से शरीर को अनेकों फायदे मिलते हैं। इसमें मौजूद गुण और तत्व शरीर को हेल्दी रखने और बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। नोएडा स्थित आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ एसके पांडेय कहते हैं, "लता कस्तूरी में एंटी-माइक्रोबियल, पित्त दोष कम करने वाले और कफ शामक गुण पाए जाते हैं, जो सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार में फायदेमंद होते हैं। इसका नियमित रूप से सेवन करने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है।"
लता कस्तूरी के गुण
- प्रतिश्यायकारी (Anti-inflammatory): इसमें मौजूद गुण सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
- रोगाणुरोधी (Antimicrobial): यह कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है।
- पित्त शामक (Pitta pacifying): पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करता है।
- कफ शामक (Kapha pacifying): कफ दोष को कम करने में प्रभावी है।
लता कस्तूरी के फायदे
- खांसी में राहत: लता कस्तूरी की पत्तियों का रस या काढ़ा पीने से खांसी में आराम मिलता है। इसमें मौजूद कफ शामक गुण कफ को कम करते हैं।
- बुखार कम करने में मददगार: लता कस्तूरी बुखार को कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए लता कस्तूरी की पत्तियों का रस या काढ़ा दिया जा सकता है।
- सर्दी-जुकाम में लाभकारी: सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करने में यह प्रभावी है।
- पाचन तंत्र: लता कस्तूरी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती है।
लता कस्तूरी का उपयोग कैसे करें?
लता कस्तूरी का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है:
- रस: ताजी पत्तियों का रस निकालकर इसे शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।
- काढ़ा: लता कस्तूरी की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और ठंडा करके पीएं।
- लेप: पत्तियों को पीसकर लेप बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
लता कस्तूरी का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से बचें।
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