Difference Between Naturopathy And Ayurveda: भारत में पुराने समय से ही चिकित्सा के लिए तमाम तरह की पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है। हमारे यहां पुराने जमाने से ही तमाम तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग अलग-अलग तरह के इलाज के लिए होता आया है। जैसे-जैसे समाज की तरक्की बढ़ने लगी मेडिकल साइंस की भी तरक्की होने लगी है। मेडिकल ऑप्शन आने के बाद तमाम तरह की चिकित्सा विधि भी आई। नेचुरोपैथी और आयुर्वेद भी इसी तरह के चिकित्सा ऑप्शन हैं। भारत में नेचुरोपैथी और आयुर्वेद का पुराने समय से ही इस्तेमाल होने लगा है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद में क्या अंतर है?
नेचुरोपैथी और आयुर्वेद में अंतर?- Difference Between Naturopathy And Ayurveda in Hindi
नेचुरोपैथी- Naturopathy
नेचुरोपैथी चिकित्सा एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो शरीर के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्राकृतिक उपायों का उपयोग करती है। इस पद्धति को अपनाने वाले विभिन्न प्राकृतिक उपचार जैसे कि आहार, योग, प्राणायाम, ध्यान, प्राकृतिक औषधियों, और विभिन्न प्राकृतिक थेरेपीज का उपयोग करते हैं। नेचुरोपैथी के मुख्य उद्देश्य शरीर को उसकी स्वाभाविक रूप से स्वस्थ बनाना है, जिससे रोगों का इलाज संभव होता है और व्यक्ति एक स्वस्थ जीवन जी सकता है।
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आयुर्वेद- Ayurveda
आयुर्वेद एक अन्य प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो भारतीय साहित्य, प्राकृतिक औषधियों, और विभिन्न चिकित्सा विधियों पर आधारित है। आयुर्वेद में शरीर को तीन दोषों - वात, पित्त, और कफ को संतुलित रखने का काम किया जाता है। आयुर्वेद का 3000 से अधिक वर्षों का लंबा इतिहास है। यह चिकित्सा पद्धति शुरू में ऋषियों के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मिली थी। आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में पांच तत्व हैं- वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी और आकाश। आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि ये पांच तत्व मानव शरीर में वात, पित्त और कफ के रूप में मौजूद होते हैं। इन तत्वों में असंतुलन के कारण दोष पैदा हो सकते हैं, जो तरह-तरह के रोग पैदा करते हैं।
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आयुर्वेद और नेचुरोपैथी चिकित्सा एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न है, लेकिन इन दोनों में रोगों को दूर करने के लिए प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद और नेचुरोपैथी चिकित्सा दोनों काफी पुरानी चिकित्सा प्रणाली है, जो आज भी प्रचलित है। इन दोनों में किसी भी समस्या के इलाज के लिए जड़ी-बूटियों, पेड़-पौधों का उपयोग किया जाता है।
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