बदलते मौसम में गले में खराश, सूजन और जलन की समस्या आम हो जाती है। खासकर बरसात या सर्दियों की शुरुआत में यह समस्या तेजी से लोगों को प्रभावित करती है। ऐसे में बहुत से लोग बिना डॉक्टर की सलाह के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे घरेलू नुस्खों को अपनाने लगते हैं। आजकल इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक पर तरह-तरह की रील्स और वीडियो देखने को मिलते हैं, जिनमें एलोवेरा को गले की सूजन और खराश के इलाज के तौर पर इस्तेमाल जा रहा है। एलोवेरा को आमतौर पर स्किन और डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए लाभकारी माना जाता है। लेकिन क्या एलोवेरा वाकई गले की खराश और सूजन में भी फायदेमंद है? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में उठते हैं।
रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) इस विषय पर स्पष्ट राय रखते हैं। उनका मानना है कि हर औषधि हर बीमारी में उपयोगी नहीं होती, और बिना उचित जानकारी के किसी भी नुस्खे को अपनाना हानिकारक हो सकता है। खासकर जब बात गले की खराश जैसे संवेदनशील अंग की हो, तो सावधानी और सही जानकारी बेहद जरूरी हो जाती है।
क्या एलोवेरा गले की सूजन और खराश में फायदेमंद है? - Is Aloe Vera Good For Sore Throat
आयुर्वेद में गले की खराश और सूजन का मुख्य कारण कफ और पित्त दोष का असंतुलन माना जाता है। जब शरीर में कफ बढ़ता है तो गले में बलगम जमा होता है, जिससे खिचखिच, खराश और सूजन हो सकती है। वहीं पित्त दोष बढ़ने से जलन और सूजन होती है। ऐसे में शरीर की इम्यूनिटी एक्टिव होती है और उस स्थान पर ऊष्मा (गर्मी) उत्पन्न करती है ताकि इंफेक्शन को रोका जा सके। आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा बताते हैं कि एलोवेरा की प्रकृति इस गर्मी को शांत कर देती है, जिससे शरीर की नेचुरल इम्यून रिएक्शन धीमा हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि गले की सूजन और खराश और ज्यादा समय तक बनी रहती है या बढ़ भी सकती है। आसान भाषा में समझें तो एलोवेरा का उपयोग गले में खराश की समस्या में बिलकुल भी लाभकारी नहीं होता है, उल्टा यह समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकता है।
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गले में खराश के लिए कौन से आयुर्वेदिक इलाज हैं? - What is the fastest cure for a sore throat
आयुर्वेद में गले की सूजन, खराश और दर्द के लिए कई प्रभावशाली औषधियां बताई गई हैं। ये औषधियां न केवल लक्षणों को कम करती हैं, बल्कि शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाती हैं।
1. मुलेठी - Licorice
मुलेठी को आयुर्वेद में "यष्टिमधु" कहा गया है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोगाणु-नाशक गुण होते हैं। यह गले की सूजन को कम करने, खराश को शांत करने और गले की शुष्कता को मिटाने में अत्यंत लाभकारी है। इसे चबाकर या इसका काढ़ा बनाकर सेवन करना बेहद लाभकारी होता है।
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2. लौंग - Clove
लौंग में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो एंटीसेप्टिक होते हैं। यह गले के इंफेक्शन को कम करता है और दर्द को भी शांत करता है। गले की खराश में लौंग को भूनकर चूसना या इसका पानी बनाकर गरारे करना बहुत असरदार उपाय है।
3. बहेड़ा - Baheda
त्रिफला का एक प्रमुख घटक, बहेड़ा विशेष रूप से कफ को कंट्रोल करने वाला माना गया है। इसका नियमित सेवन कंठ शुद्ध करता है और गले में बलगम की अधिकता को रोकता है। बहेड़ा पाउडर को शहद में मिलाकर चाटना एक अच्छा उपाय है।
4. अदरक - Ginger
अदरक शरीर की गर्मी को बढ़ाता है और कफ को दूर करने में सहायता करता है। यह गले में जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और दर्द में राहत देता है। अदरक को शहद के साथ सेवन करना या इसका रस निकालकर गरारे करना बेहद लाभकारी माना गया है।
निष्कर्ष
आज के डिजिटल युग में स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां सोशल मीडिया से तेजी से फैल रही हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे वैज्ञानिक या आयुर्वेदिक दृष्टि से सही हों। एलोवेरा को लेकर बनी कई रील्स और वीडियो भ्रम फैलाते हैं, जिससे लोग खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से गले की खराश में एलोवेरा का उपयोग अनुचित है। इसके स्थान पर मुलेठी, लौंग और अदरक जैसे पारंपरिक और प्रमाणिक उपायों को अपनाना चाहिए। यदि समस्या ज्यादा बढ़े तो डॉक्टर से परामर्श लेना ही सही है।
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FAQ
गले की खराश में कौन-कौन सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां लाभकारी हैं?
गले की खराश और सूजन के लिए आयुर्वेद में मुलेठी, लौंग बहेड़ा और अदरक को लाभकारी माना गया है। ये सभी औषधियां कफ को संतुलित करती हैं और इंफेक्शन से राहत दिलाती हैं।अगर गलती से एलोवेरा का सेवन कर लिया हो तो क्या करें?
अगर एलोवेरा का सेवन करने के बाद गले की खराश या सूजन बढ़ जाए, तो तुरंत उसका उपयोग बंद कर दें और गर्म पानी से गरारे और लौंग चूसना शुरू करें। लक्षण गंभीर हो तो आयुर्वेदाचार्य से परामर्श लें।गले की खराश के क्या कारण होते हैं?
गले की खराश के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि कई बार वायरल इंफेक्शन के कारण भी गले में खराश हो जाती है। इसके अलावा ज्यादा ठंडा पानी पीने से भी गले में खराश हो सकती है।