गर्मी के मौसम में जब तापमान ज्यादा बढ़ जाता है, तो उसे लू (हीट वेव) कहा जाता है। यह न सिर्फ शरीर के तापमान पर असर डालता है, बल्कि हार्ट और फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। लू की स्थिति में शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है, जिससे हार्ट और फेफड़ों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इन अंगों से शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे सांस लेने में कठिनाई, हार्ट की धड़कन तेज होना और श्वसन तंत्र पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा, लू के प्रभाव से हार्ट की बीमारियों, स्ट्रोक और सांस की बीमारियों जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए, गर्मी के मौसम में लू से बचाव और सही देखभाल जरूरी है। इस लेख में हम लू के प्रभाव और उससे बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
लू (हीट वेव) का हार्ट पर प्रभाव- Impact of Heat Wave on Heart
- शरीर का तापमान बढ़ने पर हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे धड़कन तेज हो जाती है।
- हीट वेव में डिहाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर असामान्य हो सकता है, जो हार्ट के लिए खतरनाक है।
- गर्मी में हार्ट को शरीर को ठंडा रखने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है, जिससे शरीर के लिए ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है।
- हीट स्ट्रेस से ब्लड गाढ़ा हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा (Risk of Heart Attack) बढ़ जाता है, खासकर बुजुर्गों और हृदय रोगियों में।
- हार्ट पेशेंट्स के लक्षण लू में और बिगड़ सकते हैं, जैसे सीने में दर्द, सांस फूलना, थकान होना वगैरह।
- पसीने के जरिए सोडियम-पोटैशियम जैसे मिनरल्स की कमी से हार्ट रिदम गड़बड़ा सकती है।
इसे भी पढ़ें- बढ़ती गर्मी और उमस की वजह से हो सकता है आपको आई स्ट्रोक, डॉक्टर से जानें बचाव का तरीका
लू (हीट वेव) का फेफड़ों पर प्रभाव- Impact of Heat Wave on Lungs
- गर्म हवा और ज्यादा तापमान के कारण सांस लेने में दिक्कत (Breathing Difficulty) हो सकती है, खासकर अस्थमा या सीओपीडी (COPD) के मरीजों को।
- लू के समय शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस जल्दी फूलने लगती है (Shortness of Breath) और व्यक्ति जल्दी थकान (Fatigue) महसूस होने लगती है।
- हीट वेव के दौरान हवा में प्रदूषक तत्व बढ़ जाते हैं, जिससे फेफड़ों को शुद्ध ऑक्सीजन मिलना कम हो जाता है। इससे फेफड़ों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
- लू के कारण ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा, एलर्जी या फेफड़ों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- शरीर में लगातार गर्मी बने रहने से फेफड़ों में सूजन (Inflammation in Lungs) आ सकती है, जिससे खांसी, बलगम और सीने में जकड़न महसूस होती है।
- शरीर में पानी की कमी से बलगम गाढ़ा हो जाता है और उसका बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है जिससे सांस की दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
हार्ट और फेफड़ों को लू के प्रभाव से बचाने के उपाय- Tips to Protect Heart and Lungs from Heat Wave
- गर्मियों में सुबह 11 बजे से शाम को 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें।
- डिहाइड्रेशन, हार्ट और लंग्स पर सीधा असर डालता है इसलिए दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
- नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ और फल वाले जूस का सेवन करें।
- बाहर निकल रहे हैं, तो छाता, टोपी और सनग्लास जरूर पहनें।
- ज्यादा टाइट कपड़े पसीने को रोकते हैं और शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं इसलिए गर्मियों में सूती और सांस लेने वाले कपड़े पहनें ताकि शरीर को ठंडक मिले।
- ताजे फल, सब्जियां, दही, ओट्स आदि का सेवन करें।
- अगर आप हार्ट या फेफड़ों के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लेना जारी रखें।
- किसी भी नए लक्षण जैसे सांस लेने में तकलीफ या चक्कर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- कमरे में नमी बनाए रखें ताकि फेफड़ों को राहत मिल सके।
- ज्यादा तेल-मसालेदार खाना और जंक फूड से परहेज करें।
- ज्यादा मेहनत या एक्सरसाइज करने से बचें, खासकर धूप में।
- पर्याप्त नींद लें ताकि शरीर खुद को रिकवर कर सके।
- सीधे तेज ठंडी हवा से बचें, खासकर अगर आपको सांस की एलर्जी है।
हार्ट और फेफड़ों के मरीजों को गर्मियों में लू से बचने के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।