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सर्दी-खांसी के दौरान होती है सांस लेने में कठिनाई? बचाव के ल‍िए अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय

सर्दी-खांसी में बंद नाक, बलगम और सूजन से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। अदरक-शहद, स्टीम थेरेपी, तुलसी-लौंग चाय और प्राणायाम से राहत मिलेगी।
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सर्दी-खांसी के दौरान होती है सांस लेने में कठिनाई? बचाव के ल‍िए अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय

सर्दी-खांसी के दौरान कई लोगों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बंद नाक, गले में बलगम, सीने में जकड़न और सूजन के कारण यह समस्या और गंभीर हो सकती है। खासतौर पर ठंड के मौसम में यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। जिन लोगों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या साइनस की समस्या होती है, उनके लिए यह और भी मुश्‍क‍िल हो सकता है। अगर समय रहते इसका सही इलाज न किया जाए, तो यह परेशानी बढ़ सकती है और नींद, दिनचर्या और कामकाज पर असर डाल सकती है। आयुर्वेद में सांस लेने की समस्या का मुख्य कारण कफ दोष का बढ़ना माना जाता है। कफ दोष के असंतुलन से बलगम ज्‍यादा बनता है, जिससे श्वसन नलिकाएं स‍िकुड़ जाती हैं। लेकिन आयुर्वेद में ऐसे कई असरदार उपाय बताए गए हैं, जो सांस लेने में आई कठिनाई को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय कफ को संतुलित करने, श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 आयुर्वेदिक उपाय जो सर्दी-खांसी के दौरान सांस लेने की समस्या से राहत दिला सकते हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के व‍िकास नगर में स्‍थित प्रांजल आयुर्वेद‍िक क्‍लीन‍िक के डॉ मनीष स‍िंह से बात की।

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1. अजवाइन के पानी से भाप लें- Carom Seeds Water Steam

अजवाइन में एंटी-कंजेस्टिव गुण होते हैं, जो नाक और गले की सूजन को कम करके सांस लेने में मदद करते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?

एक कटोरी में अजवाइन को गर्म करें और इसे कपड़े में लपेटकर छाती और गले पर स‍िंकाई करें।
गर्म पानी में अजवाइन डालकर उसकी भाप लें।
यह उपाय दिन में 2-3 बार करें।

इसे भी पढ़ें- बदलते मौसम में गले की सूजन और इन्फेक्शन को कम करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

2. तुलसी और लौंग की चाय प‍िएं- Basil and Clove Tea

तुलसी और लौंग दोनों ही आयुर्वेदिक औषधियां हैं, जो फेफड़ों को साफ करने और सांस लेने की तकलीफ को कम करने में मदद करती हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?

  • 1 कप पानी में 5-6 तुलसी की पत्तियां और 2 लौंग डालकर उबालें।
  • इसे छानकर हल्का गुनगुना होने पर पिएं।
  • इसे दिन में 2 बार पिएं, ताकि सांस लेने में राहत मिले।

3. मुलेठी का काढ़ा प‍िएं- Mulethi Kadha

मुलेठी एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी औषधि है, जो गले की सूजन और कफ को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से फेफड़ों में जमे हुए बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

कैसे करें इस्तेमाल?

  • 1 गिलास पानी में 1 चम्मच मुलेठी पाउडर डालें।
  • इसे धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें।
  • गुनगुना होने पर इसे पिएं।
  • यह उपाय दिन में 2 बार करने से सांस लेने की तकलीफ दूर होती है।

4. अदरक-शहद का सेवन करें- Ginger and Honey Remedy

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो गले की सूजन और बलगम को कम करने में मदद करते हैं। शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले में नमी बनाए रखते हैं और सूजन को कम करते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?

  • एक चम्मच अदरक का रस लें और इसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं।
  • इसे दिन में दो से तीन बार सेवन करें।
  • यह उपाय बलगम को पतला करने और सांस लेने में हो रही परेशानी को कम करने में मदद करेगा।

5. अनुलोम-विलोम प्राणायाम- Anulom Vilom Breathing Exercise

प्राणायाम को श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए बहुत असरदार माना गया है। अनुलोम-विलोम करने से फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है और नाक के बंद होने की समस्या दूर होती है।

कैसे करें अभ्यास?

  • एक शांत स्थान पर बैठें और दाईं ओर से नाक को बंद करके बाईं से सांस लें।
  • अब बाईं ओर से नाक को बंद करके दाईं ओर से सांस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक करें।
  • नियमित रूप से अभ्यास करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है।

सर्दी-खांसी के दौरान सांस लेने की समस्या बहुत परेशान कर सकती है, लेकिन ऊपर बताए गए उपायों की मदद से इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

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