Does Lipstick Affect Hormones In Hindi: लिपस्टिक एक सामान्य मेकअप प्रोडक्ट है, जिसको महिलाएं होठों को सुंदर बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। लेकिन क्या लिपस्टिक से स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं? ऐसे में आइए फेलिक्स अस्पताल की गायनेकोलॉजिस्ट, डॉ. स्वाति ठाकुर से जानें क्या लिपस्टिक हार्मोन्स को असंतुलित कर सकती है?, इसमें मौजूद कौन से तत्व हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं? और इससे स्वास्थ्य को क्या प्रभाव होते हैं?
क्या लिपस्टिक से हार्मोन्स असंतुलित होते हैं? - Does Lipstick Cause Hormonal Imbalance?
डॉ. स्वाति के अनुसार, हां, लिपस्टिक के अधिक इस्तेमाल से शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या हो सकती है। लिपस्टिक में कुछ कैमिकल्स होते हैं, जो एंडोक्राइन डिसरप्टर्स (Endocrine Disruptors) के रूप में काम सकते हैं। बता दें, लिपस्टिक में मौजूद ये कैमिकल्स शरीर में एंडोक्राइन तंत्र के कार्यों में बाधा डालते हैं, जिससे हार्मोन्स के असंतुलित हो सकते हैं और महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं।
रिसर्च गेट के अध्ययन के अनुसार, ज्यादातर लिपस्टिक में कॉपर, कोबाल्ट, लेड जैसे हैवी मेटल पाए जाते हैं। ऐसे में इनका अधिक इस्तेमाल करने से ये ब्लड में जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं।
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लिपस्टिक में मौजूद स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक कैमिकल्स - Chemicals In Lipstick Are Harmful For Health In Hindi
लिपस्टिक में मौजूद कैमिकल्स के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित होने लगते हैं, जिसके कारण कई बार महिलाओं को मूड स्विंग्स, स्ट्रेस, वजन बढ़ने, पीरियड्स से जुड़ी समस्या, स्किन से जुड़ी समस्या और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा इसमें मौजूद कैमिकल्स के कारण हो सकता है।
पैराबेन्स
पैराबेन्स (Parabens) एक प्रकार का कैमिकल है, जो लिपस्टिक और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है, यह एक प्रिजर्वेटिव के रूप में काम करता है। इससे प्रोडक्ट को खराब होने से बचाने में मदद मिलती है। पैराबेन्स एस्ट्रोजेन की तरह काम करते हैं, इसके अधिक इस्तेमाल से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, पैराबेन्स युक्त लिपस्टिक के अधिक इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या हो सकती हैं।
लेड
यह एक प्रकार का टॉक्सिक तत्व है, जो लिपस्टिक में पाया जाता है। इसका अधिक इस्तेमाल करने से टॉक्सिन्स शरीर में जमा होने लगते हैं, जिसके कारण हार्मोन्स के असंतुलित होने के साथ-साथ मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान हो सकता है। ऐसे में लिपस्टिक के अधिक इस्तेमाल से बचें।
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फ़्थेलेट्स
फ़्थेलेट्स (Phthalates) एक कैमिकल है, जो लिप्सटिक को लॉग लास्टिंग और स्मूद बनाता है। इसका अधिक इस्तेमाल करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन के प्रभावित होने, अन्य हार्मोन्स के असंतुलित होने, फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या, वजन बढ़ने और ब्लड शुगर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, फ़्थेलेट्स से हार्मोन्स के असंतुलित होने और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
अन्य कैमिकल्स
लिप्सटिक में जैसे कई अन्य फ्थालेट्स, ट्राइक्लोसान, और सिंथेटिक फ्रेगरेंस जैसे कैमिकल्स पाए जाते हैं। जिससे शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या हो सकती है। बता दें, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में मौजूद ट्राइक्लोसान हार्मोन्स के असंतुलित होने, थायराइड फंक्शन के कार्यों में बाधा डालने और हार्ट से जुड़ी अन्य समस्याओं के कारण बन सकता है।
सावधानियां
लिपस्टिक खरीदते समय प्रोडक्ट की जानकारी पढ़ें। ऐसे में प्रोडक्ट में मौजूद फ़्थेलेट्स, पैराबेन्स और अन्य हानिकारक कैमिकल्स के होने पर इनको लेने से बचें। इसके अलावा, ऑर्गैनिक लिपस्टिक को चुनें और इसके अधिक इस्तेमाल से बचें।
निष्कर्ष
कैमिकल युक्त लिपस्टिक के अधिक इस्तेमाल से महिलाओं को शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या हो सकती है, जिसके कारण महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में इनके इस्तेमाल से पहले कुछ सावधानियां बरतें। ध्यान रहे स्वास्थ्य या त्वचा से जुड़ी समस्या होने पर डॉक्टर या त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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