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PCOS के संकेतों से किस तरह जुड़ी हुई है हार्मोनल हेल्थ? जानें एक्सपर्ट से

पीसीओएस हार्मोन्स इंबैलेंस के कारण होने वाली परेशानी है। यह शरीर के दूसरे हार्मोन्स से भी जुड़ी होती है। जानें पीसीओएस किन हार्मोन्स से कनेक्टेड होती है?  
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PCOS के संकेतों से किस तरह जुड़ी हुई है हार्मोनल हेल्थ? जानें एक्सपर्ट से

How To Balance Hormones In PCOS: पीसीओएस हार्मोनल इंबैलेंस से जुड़ी समस्या है। इसमें शरीर में कई हार्मोन्स एक साथ इंबैलेंस हो जाते हैं। पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को फेशियल हेयर और बार-बार एक्ने होने जैसी समस्याएं रहती हैं। इनके अलावा, पीरियड्स इर्रेगुलर होना या मूड स्विंग्स होना भी इससे जुड़ा होता है। पीसीओएस खराब लाइफस्टाइल के कारण होने वाली समस्या है, इसलिए इसे हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं पीसीओएस हमारे शरीर के दूसरे हार्मोन्स से सीधी तरह जुड़ा हुआ है। अगर पीसीओएस में कोई परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसके पीछे भी कोई हार्मोन इंबैलेंस होना वजह हो सकता है। इस बारे में जानकारी देते हुए पीसीओएस डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट असिया अली ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। इस लेख में जानें पीसीओएस में किस समस्या से कौन-सा हार्मोन कनेक्ट है। 

PCOS

PCOS के संकेतों से किस तरह जुड़ी हुई है हार्मोनल हेल्थ- How Hormonal Health Connected With PCOS Symptoms

एंड्रोजन- Androgens

पीसीओएस की समस्या में महिलाओं में एंड्रोजन हार्मोन का लेवल ज्यादा होता है। उनमें खासकर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन ज्यादा होता है, जो एक मेल हार्मोन है। अगर समय रहते एंड्रोजन हार्मोन को कंट्रोल न किया जाए, तो इससे एक्ने, ऑयली स्किन, बाल पतले होना या आगे से बाल झड़ना और चेहरे और चेस्ट पर बाल आने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

इंसुलिन- Insulin

पीसीओएस की समस्या में महिलाओं को इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या भी हो जाती है। इस स्थिति में शरीर में इंसुलिन का स्तर जरूरत से ज्यादा या बहुत कम हो जाता है। इसके कारण शरीर में एंड्रोजन हार्मोन भी इंबैलेंस हो सकता है जिससे एक्ने या फेशियल हेयर की समस्या हो सकती है। वहीं, इंसुलिन इंबैलेंस होने से वजन बढ़ने या वजन घटाने में मुश्किल आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अधिकतर मामलों में यह टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज का कारण भी बन सकता है। 

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प्रोजेस्टेरोन हार्मोन- Progesterone

पीसीओएस होने पर महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। यह समस्या इर्रेगुलर ओव्यूलेशन के कारण होती है। पीसीओएस की समस्या में इर्रेगुलर पीरियड्स या कभी-कभी पीरियड्स अवॉइड होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। कई महिलाओं को कम या ज्यादा ब्लीडिंग रहने जैसी समस्याएं रहती हैं। 

एस्ट्रोजन- Estrogen

इस समस्या में महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर भी बढ़ जाता है। यह समस्या बॉडी में प्रोजेस्टेरोन और एंड्रोजन जैसे हार्मोन इंबैलेंस होने की वजह से भी होती है। इसके कारण पीरियड्स साइकिल इंबैलेंस हो जाती है और एंडोमेट्रियल की परेशानी हो जाती है। इसके कारण हैवी पीरियड्स और फर्टिलिटी इशुज हो सकते हैं। 

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इस लेख में हमने जाना कि अलग-अलग हार्मोन किस तरह से पीसीओएस से जुड़ी समस्या से कनेक्टेड है। अगर लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाकर रखा जाए, तो इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना न भूलें। 

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