PCOS Ka Pata Kaise Chalta Hai: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं के शरीर में मौजूद ओवरी से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। पीसीओएस के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे गर्भधारण में मुश्किल होती है। वैसे तो यह खराब लाइफस्टाइल से संबंधित रोग है, लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। इस लेख में जानेंगे कि आखिर कैसे पता चलता है कि आपको पीसीओएस हुआ है और बीमारी का पता चलने पर क्या करना चाहिए। कुछ महिलाएं पीसीओएस और पीसीओडी के नाम में कंफ्यूज हो जाती हैं। लेकिन इन दोनों में कोई अंतर नहीं है। जब किसी स्वास्थ्य समस्या के कई लक्षण नजर आएं, तो उसे सिंड्रोम का नाम दिया जाता है। इस लेख में जानेंगे पीसीओएस का पता कैसे लगाया जाता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
इलाज के बगैर गांठे बढ़कर प्रेग्नेंसी में रुकावट डालती हैं
डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि यह एक ओवरी से संबंधित समस्या है जिसमें हार्मोन्स के असंतुलित होने की स्थिति बनने लगती है। पीसीओएस होने पर महिलाओं के शरीर में फीमेल हार्मोन की जगह मेल हार्माेन एंड्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है। पीसीओएस होने पर ओवरी में गांठे या सिस्ट बनने लगती है। इन गांठों में तरल पदार्थ भरा होता है। समय के साथ यह गांठें बड़ी होने लगती हैं और फिर ये ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में रुकावट डालती हैं। इस स्थिति में महिलाओं को गर्भधारण करने में मुश्किल होती है। डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि पीसीओएस का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली और खानपान से पीसीओएस के लक्षणों (PCOS Symptoms) को कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन महिलाओं को पीसीओएस है वह मां नहीं बन सकतीं। अगर स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करेंगी, तो मां बन सकती हैं।
पीसीओएस का पता कैसे चलता है?- PCOS Ka Pata Kaise Chalta Hai
अगर आप चाहती हैं कि पीसीओएस का पता चले, तो सबसे पहले पीसीओएस के कुछ कॉमन लक्षणों पर गौर करें, अगर आपको नीचे बताए लक्षण शरीर में नजर आएं, तो डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर की सलाह पर जरूरी जांच करवाएं। अपनी लाइफस्टाइल बदलें और एक्सपर्ट की सलाह पर दवाओं का सेवन करें।
1. सबसे पहले पीसीओएस के लक्षणों का पता लगाएं- PCOS Symptoms in Hindi
- अगर आपको पीसीओएस है, तो अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है।
- पीसीओएस होने पर माहवारी के दौरान सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
- अगर आपका वजन तेजी से बढ़ने लगा है, तो यह पीसीओएस का लक्षण हो सकता है।
- स्किन में ज्यादा एक्ने होना भी पीसीओएस का लक्षण है।
- अगर आपके शरीर पर अनचाहे बाल बढ़ गए हैं, तो यह पीसीओएस का लक्षण हो सकता है।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने पर अनिद्रा और सिर दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
- पीसीओएस होने पर मूड स्विंग, ज्यादा गुस्सा आना या ज्यादा चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
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2. पीसीओएस के लक्षण नजर आने पर गाइनोकॉलोजिस्ट से मिलें- Consult a Gynaecologist
अगर आपको पीसीओएस के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो आपको गाइनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। पीसीओएस आनुवांशिक भी हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को पहले से पीसीओएस है,तो यह संभव है कि आपको भी यह बीमारी हो जाए। अगर किसी महिला को डायबिटीज है और पीरियड्स अनियमित हैं, तो उसे पीसीओएस होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए जल्द से जल्द किसी अनुभवी डॉक्टर से मिलें।
3. डॉक्टर की सलाह पर पीसीओएस की जांच करवाएं- Getting a PCOS Diagnosis
पीसीओएस का पता लगाने के लिए डॉक्टर केवल एक जांच पर निर्भर नहीं रहता है। कई जांच की जाती है। पीसीओएस की जांच के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह देते हैं। इस जांच में गांठ की जांच की जाती है। हार्मोन्स की जांच के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। पीसीओएस की पुष्टि के कलिए ल्यूटेनाइजिंग हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन और इंसुलिन स्तर की जांच भी की जाती है। इसके अलावा कुछ मामलों में पेल्विक टेस्ट करवाने की भी जरूरत पड़ सकती है।
4. पीसीओएस का इलाज- PCOS Treatment in Hindi
- पीसीओएस के इलाज के लिए दवाओं की मदद ली जाती है। इससे ओवरी में अंडों का उत्पादन बढ़ सकता है।
- इसके अलावा डॉक्अर संतुलित आहार लेने की सलाह भी देते हैं। डाइट में ताजी सब्जियां, अनाज और डेयरी उत्पाद जैसी हेल्दी चीजों को शामिल किया जाता है।
- पीसीओएस के इलाज के लिए एक्सरसाइज करने और वजन कंट्रोल करने की सलाह भी दी जाती है जिससे इंसुलिन के स्तर में सुधार हो सके।
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