Is PCOS Affected By Weather Changes: पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं को होने वाली आम हार्मोनल समस्या है। जिन महिलाओं को पीसीओएस होता है, उनमें अक्सर थकान, हेयर फॉल, वेट गेन, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। वहीं कुछ महिलाओं को यह भी एहसास होता है कि मौसम में बदलाव के कारण उनके पीसीओएस के लक्षण अचानक से बढ़ गए हैं। मानसून के इस मौसम में भी महिलाएं, यह नोटिस करती हैं कि अचानक से पीसीओएस के लक्षण ज्यादा परेशान कर रहे हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर पीसीओएस और मौसम के बीच क्या कनेक्शन है और क्या वाकई मौसम में बदलाव के कारण पीसीओएस के लक्षण बढ़ सकते हैं। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
पीसीओएस के लक्षण बदलते मौसम में बढ़ सकते हैं?- Does PCOS Affected By Weather Changes
- डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि पीसीओएस के लक्षणों को मौसम प्रभावित कर सकता है। गर्मी, ठंड और मानसून के मौसम में पीसीओएस के लक्षण बढ़ सकते हैं। मानसून के समय, धूप और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण शरीर के हार्मोनल रिदम पर असर पड़ सकता है, जिससे पीसीओएस के लक्षण प्रभावित होते हैं।
- मानसून में ज्यादा नमी के कारण फंगल इंफेक्शन पाचन समस्याएं ज्यादा हो जाती हैं, जिससे पीसीओएस को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।
- मानसून में कम धूप के कारण विटामिन-डी और सेरोटोनिन लेवल प्रभावित हो सकता है जिससे पीसीओएस में मूड स्विंग की समस्या हो सकती है या तनाव महसूस हो सकता है।
- मानसून में अक्सर जंक फूड्स को खाने की क्रेविंग बढ़ जाती हैं, जिससे ब्लड शुगर और हार्मोन बैलेंस प्रभावित हो सकता है जिसका बुरा असर पीसीओएस पर पड़ता है।
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पीसीओएस के लक्षणों को बदलते मौसम में मैनेज कैसे करें?- How To Manage PCOS Symptoms With Weather Changes
- नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक शोध के मुताबिक, पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल जरूरी है। फिजिकल एक्टिविटी, मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे विकल्पों को अपनाकर आप लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं।
- पीसीओएस के लक्षणों को मैनेज करने के लिए मीडियम-इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करें।
- हेल्दी डाइट पर फोकस करें। डाइट में साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और फाइबर रिच फूड्स को शामिल करें।
- स्ट्रेस के लक्षणों को कम करने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन और माइंडफुलनेस को अपनाएं।
- रोज 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें।
- विटामिन-डी का लेवल चेक करें। सुबह की धूप में 10 से 15 मिनट समय बताएं।
- पीसीओएस को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट के साथ हाइड्रेशन का ख्याल रखना भी जरूरी है। पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।
निष्कर्ष:
मौसम बदलने का बुरा असर पीसीओएस के लक्षणों पर पड़ सकता है। मौसम के प्रभाव से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और डाइट व अन्य जरूरी हेल्दी आदतों पर फोकस करें।
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FAQ
पीसीओएस के लक्षण क्या हैं?
पीसीओएस होने पर वजन बढ़ना, हेयर फॉल, अनियमित पीरियड्स, अनचाहे बालों का बढ़ना, अंडाशय में सिस्ट बनने जैसे लक्षण नजर आते हैं। समय पर इसका इलाज करवाना जरूरी है।पीसीओएस का मुख्य कारण क्या है?
जेनेटिक्स, इंसुलिन रेजिस्टेंस, हार्मोनल असंतुलन वगैरह पीसीओएस के मुख्य कारण माने जाते हैं। ये कारण अंडाशय के सामान्य कार्य को प्रभावित करते हैं।कैसे पता चलेगा कि पीसीओएस ठीक हो रहा है?
अगर आपके चेहरे पर मुंहासे कम हो जाएं, पीरियड्स सामान्य हो जाए, वजन कंट्रोल होने लगे, तो समझ जाएं कि पीसीओएस में सुधार हो रहा है, हालांकि इसे पूरी तरह से ठीक करना मुमकिन नहीं है।